सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) समेत पंजाब के दरियाई पानियों सम्बन्धित सभी समझौते रद्द करने से सम्बन्धित पंजाब टर्मिनेशन आफ एग्रीमेंट एक्ट -2004 संबंधी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पंजाब के खिलाफ दिए गए फैसले विरुद्ध आम आदमी पार्टी शुक्रवार 11 नवंबर को पटियाला के कपूरी गांव में एसवाईएल पर अनिश्चित समय के लिए मोर्चा लगाएगी। आज यहां प्रैस कान्फ्रैंस में आप के पंजाब कनवीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच (घुग्गी), सीनियर नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील हरविन्दर सिंह फूलका, पंजाब के इंचार्ज संजय सिंह, को-इंचार्ज जरनैल सिंह (एमएलए), हिम्मत सिंह शेरगिल, कंवर संधू, सुखपाल सिंह खहरा, कर्नल सीडी सिंह कम्बोज, डा. बलवीर सिंह सैनी और महासचिव गुलशन छाबड़ा ने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल ने सत्ता के लिए हमेशा पंजाब के हितों के साथ समझौता किया है। पंजाब के पानियों को लूटने की शुरुआत कांग्रेस ने की थी। अकाली दल और भाजपा ने सत्ता की खातिर हमेशा पंजाब के हितों को दाव पर लगाए है। आज पंजाब कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह और प्रकाश सिंह बादल की सरकार एक दूसरे से अधिक ड्रामेबाजी कर रहे हैं।
फूलका ने बताया कि 1976 में एमरजैंसी के समय कांग्रेस की तानाशाह प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी ने पंजाब के पानियों को लूटने का आर्डर पास किया था। 24 मार्च 1976 को कांग्रेस की केंद्र सरकार ने बेइन्साफी करते जो नोटिस पास किया था, इंद्रा सरकार चले जाने के बाद पंजाब ने उस आर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी परन्तु जब इंद्रा गांधी फिर से सत्ता में आई तो उसने पंजाब के तत्तकालीन कांग्रेसी मुख्य मंत्री दरबारा सिंह गले में अंगूठा दे कर सुप्रीम कोर्ट से केस वापिस करवाया। 1982 में पंजाब पर एसवाईएल थोप दी गई। उस समय पटियाला से कांग्रेस के मैंबर पार्लियामेंट कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इंद्रा गांधी को न्योता दे कर चांदी की कस्सी (कही) के साथ कपूरी गांव में एसवाईएल की नींव रखवाई। फूलका ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह फोटो वाले अखबारी इश्तिहार भी सबूत के तौर पर दिखाऐ। फूलका ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए पंजाब विरोधी ओपिनियन (राए) के लिए कांग्रेस सरकारों के फैसलों को ही आधार बनाया गया है। इस लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह मैंबर पार्लियामेंट के तौर पर इस्तीफा देने के ड्रामे की जगह कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे।
फूलका ने कहा कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सचमुच पंजाब के मुदई होते और एसवाईएल की खुद नींव रखवाने की गलती का पश्चाताप करते तो जिस समय पंजाब विधान सभा की तरफ के पास पंजाब टर्मिनेशन आफ एग्रीमेंट एक्ट -2004 को उस समय की कांग्रेस की डा. मनमोहन सिंह सरकार ने राष्ट्रपति के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी तो कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उस समय पंजाब के लिए मुख्य मंत्री की कुर्सी को ठोकर मार दी होती लेकिन कुर्सी के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भी दरबारा सिंह जैसे पंजाब के हितों के साथ सौदा कर लिया। यही सौदेबाजी प्रकाश सिंह बादल करते रहे हैं। यदि बादल अपनी मोदी सरकार पर दबाव डाल कर सुप्रीम कोर्ट में से यह केस वापिस करवा लेते तो यह मुद्दा ही खत्म हो गया होता, परंतु बादल अपनी बहु हरसिमरत कौर को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनवा कर पंजाब के हितों के साथ उसी तरह सौदेबाजी कर गए। जैसे मुख्य मंत्री होते हुए तत्कालीन हरियाणा मुख्य मंत्री देवी लाल से एसवाईएल के लिए जमीन एक्वायर करने के लिए चैक ले कर पंजाब के हित बेचे थे।
फूलका ने कहा कि बादल और कैप्टन पंजाब के हकों की चौंकीदारी करने में असफल साबित हुए हैं इस लिए इनको पंजाब की नुमायंदगी करने का कोई अधिकार नहीं रह गया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह को कांग्रेस और बादलों को सत्ता तुरंत छोड़ देनी चाहिए। केंद्र से हरसिमरत को वापिस बुला कर भाजपा के साथ नाता तोड़ लेना चाहिए।
इस मौके गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने उपरांत किसी भी पंजाब विरोधी फैसले को लागू नहीं होने दिया जाएगा और पंजाब के हकों के लिए डटेंगे और हर कुर्बानी के लिए हमेशा तैयार रहेगी। उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह को अमृतसर की जनता का भगौड़ा करार देते हुए कहा कि कैप्टन बताएं कि वह पार्लियामेंट जाते कब थे जो आज इस्तीफे का ढोंग कर रहे हैं। इस दौरान सुखपाल सिंह खहरा ने कैप्टन के इस्तीफे को नौटंकी बताते हुए पूछा क्या कांग्रेस के बाकी मैंबर पार्लियामेंट और राज्य सभा मैंबर इस्तीफे देंगे। उन्होंने भाजपा को भी अपना स्टैंड स्पष्ट करने की चुनौती दी। इस मौके संजे सिंह और जरनैल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी का कपूरी में मोर्चा तब तक जारी रहेगा जब तक पंजाब विरुद्ध ऐसे फैसले को मोदी सरकार नहीं बदलती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जो राए दी है उसको लागू करवाना या न करवाना नरिन्दर मोदी सरकार की जिम्मेदारी है। संजे सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी पार्लियामेंट में भी इस फैसले विरुद्ध प्रस्ताव ले कर आए। इस मौके कंवर संधू ने शंका प्रकट किया कि इस फैसले की दीवार में पंजाब के चुनाव को भी आगे लेकर जाने की साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता क्योंकि कांग्रेसी और अकाली दल बुरी तरह हार रहे हैं और आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार तय है।