कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और रेणुका चौधरी के खिलाफ सोमवार को राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया। जबकि रमेश ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा है। राज्यसभा सदस्य रमेश ने कहा कि वह अपने खिलाफ और अपनी पार्टी की नेता रेणुका चौधरी के खिलाफ हरसिमरत की शिकायत का जवाब राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को देंगे।रमेश ने यहां संसद भवन परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मुझे दुख है कि एक वरिष्ठ नेता ने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। मैंने जो कहा, उसपर अभी भी कायम हूं।"रमेश ने कहा, "केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ किसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया। यह तो असाधारण बात हो गई कि जिस व्यक्ति को खुद माफी मांगनी चाहिए, वह मुझसे माफी की मांग कर रहा है।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह राज्यसभा में भी अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं और आरोप के बारे में जब भी पूछा जाएगा, जवाब दिया जाएगा।शिरोमणि अकाली दल के राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने कांग्रेस के दोनों नेताओं के खिलाफ सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया, और आरोप लगाया कि दोनों कांग्रेसी नेताओं ने हरसिमरत के साथ दुर्व्यवहार किया।ढींढसा ने इस मुद्दे को सोमवार सुबह राज्यसभा में भी उठाया।आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से संबंधित एक निजी विधेयक पर राज्यसभा में 22 जुलाई को चर्चा नहीं हो पाई थी, क्योंकि सत्ता पक्ष के सदस्य आम आदमी पार्टी (आप) के लोकसभा सदस्य भगवंत मान के फेसबुक वीडियो के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे।हरसिमरत भी राज्यसभा में मौजूद थीं, और उन्होंने बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली।बाद में राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, जिसके बाद हरसिमरत बादल और कांग्रेस नेताओं में कथित तौर पर बहस हुई थी।मंत्री ने सभापति एम. हामिद अंसारी को भी पत्र लिखा और कांग्रेस के दोनों नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।