राज्यों के परिवहन मंत्रियों की उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष यूनुस खान एवं हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने सोमवार को यहां कहा कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं परिवहन व्यवस्था को अधिक सक्षम, आसान एवं सु²ढ़ बनाने के लिए समिति ने यहां आयोजित तीसरी बैठक में सर्वसम्पति से एक दर्जन संस्तुतियां दी हैं। मंत्री द्वय ने कहा, "इस संदर्भ में रपट तैयार कर दो दिनों के भीतर केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपी जाएगी।" दोनों नेता कांगड़ा जिले के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में सड़क सुरक्षा एवं सुविधाजनक परिवहन पर आयोजित मंत्री समूह की तीसरी बैठक के समापन के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि पूर्व में समिति की बेंगलुरू और दिल्ली में हुई दो बैठकों एवं टांडा में हुई बैठक से प्राप्त कुल 34 संस्तुतियों को अंतिम रूप देकर केन्द्रीय परिवहन मंत्री को सौंपा जाएगा, ताकि वे आगामी मानसून सत्र में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के लिए लाए जाने वाले अधिनियम के मसौदे में समूह की संस्तुतियों का उपयोग कर सकें।
दोनों नेताओं ने कहा, "इस दो दिवसीय बैठक में समिति ने मुख्यत: सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की मदद के लिए ट्रॉमा सेन्टर्स के सु²ढ़ीकरण, टोल रोड्स की सभी लेन पर आरएफआईडी कार्ड के माध्यम से ईटोलिंग की सुविधा, माल परिवहन के लिए अवरोध रहित संचालन व्यवस्था और नगरीय टैक्सी परमिट व्यवस्था का सरलीकरण एवं उदारीकरण इत्यादि विषयों पर विस्तार से चर्चा की तथा आवश्यक सुझाव दिए।"उन्होंने कहा, "बैठक में ग्रामीण परिवहन व्यवस्था के सु²ढ़ीकरण, शहरों में टैक्सियों और अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों की पार्किं ग व्यवस्था में सुधार और ई-रिक्शा, दुपहिया टैक्सी और सीट शेयरिंग को प्रोत्साहन देने, हिट एंड रन मामलों में क्षतिपूर्ति बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के उद्देश्य से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सु²ढ़ करने संबंधी विषयों पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।"उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं के अध्ययन के लिए हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जी.एस. बाली की अध्यक्षता में एक उप-समिति गठित की गई है, जो सभी पहाड़ी राज्यों से इन क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर विचार-वमर्श कर अपनी रपट सौंपेगी, जिसे केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।बैठक में राजस्थान और हिमाचल सहित झारखण्ड, गोवा, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश, मेघालय, तेलंगाना, मिजोरम, बिहार, छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्रियों ने भाग लिया और जिन राज्यों से परिवहन मंत्री किन्हीं व्यवस्तताओं के कारण भाग नहीं ले सके, वहां से संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।