अंगे्रजी आज के जीवन का अहम अंग बन चुकी है। फिर भले ही वह स्कूली बच्चे, प्राफेशनल हों अथवा किसी तरह का कंपीटिशन देने अथवा आईलेटस टोफेल जैसे टेस्ट हों। अंगे्रजी भाषा हर जगह पर काम के लिए जरूरी है। इसी जरुरत को ध्यान में रखते हुए एक बेहतरीन लिंगासाफ्ट एडुटैक नामक साफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो कि हर वर्ग की अंग्रेजी की जरुरत व अंगे्रजी भाषा से जुड़ी हर मुश्किल के लिए पूरी तरह कारगर है। उक्त बातें लिंगासाफ्ट एडुटैक प्राईवेट लिमिटेड के सीईओ गुरविन्द्र सिंह कंग द्वारा होटल मैजिस्टिक में इस साफ्टवेयर की शुरुआत करते हुए व्यक्त की गईं। गुरविन्द्र सिंह कंग ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में अंगे्रजी एक बेहद मुश्किल भाषा के तौर पर जानी जाती है। क्यूंकि स्कूल स्तर पर ही बच्चों को अंगे्रजी विषय पढ़ाने पर बल दिया जाता है परंतु अंग्रेजी भाषा सिखाने पर कम ध्यान दिया जाता है। नतीजन ग्रामर न आने के चलते अंग्रेजी भाषा आम तौर पर एक हउआ जैसा बन जाती है। आगे जाकर लगातार कोचिंग क्लासें लगाने के बाद भी भाषा का संपूर्ण ज्ञान न होने के चलते लोग अंग्रेजी नहीं सीख पाते। जबकि लिंगासाफ्ट एडुटैक इस तरीके से अंगे्रजी सिखाता है, जैसे बच्चे ने मां बोली सीखी हो। यह साफ्टवेयर बच्चों को अंगे्रजी का सही उच्चारण सिखाते हुए उन्हें अंगे्रजी पढऩे, लिखने व सुनने की विधि बेहतरीन बना देता है। इसके अलावा साफ्टवेयर में कई गेम्स हैं, जिन्हें खेलते हुए बच्चों के लिए अंगे्रजी सीखना और भी आसान हो जाता है।
लिंगासाफ्ट एडुटैक की जरनल मैनेजर परविन्द्र कौर के अनुसार उनकी संस्था द्वारा अंगे्रजी के कई टेस्ट जैसे कि आईलेटस, पीईटी, टोफेल व ओईटी की तैयारी बेहद कम समय में बढिय़ा परिणामों के साथ करवाता है। उक्त टेस्टों की तैयारी के लिए युवा छोटे शहरों से बड़े शहरों में जाकर कई महीनों तक करते हैं परंतु कम बैंड के चलते अपने सपने साकार नहीं कर पाते। ऐसे हालातों को समझते हुए लिंगासाफ्ट एडुटैक नामक कंपनी द्वारा एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो छात्रों को आनलाइन तैयारी करवाने में सक्षम है और अच्छे अंक लाने में सहायक है।परविन्द्र कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि लिंगासाफ्ट एडुटैक के लिए जरूरी सहायता छात्रों को कंपनी द्वारा आनलाइन भी दी जाती है ताकि छात्रों को किसी तरह की मुश्किल का सामना न करना पड़े। इस साफ्टवेयर के माध्यम से छात्र कुदरती तरीके से अपनी अंगे्रजी भाषा की पकड़ में सुधार कर सकते हैं। इस साफ्टवेयर में अंगे्रजी के हजारों वक्ताओं की रिकार्डिंग की गई है।
इस साफ्टवेयर में टेस्ट के सभी माड्यूल्स जैसे रीडिंग, राईटिंग, लिस्टिनिंग, स्पीकिंग व ग्रामर के माड्यूल्स हैं, जिनको यह इतनी आसानी से समझाता है कि छात्रों के अंगे्रजी भाषा के ज्ञान में वृद्धि होना लाजमी है। इसके साथ ही इस साफ्टवेयर में अपनी आवाज खुद रिकार्ड की जा सकती है ताकि गलतियों का पता लगाया जा सके। जिससे भाषा का सही उच्चारण करना आता है। इसके अलावा उनके टे्रनर नियमित तौर पर आनलाइन जानकारी उपलब्ध करवाते रहते हैं। परविन्द्र कौर के अनुसार इस साफ्टवेयर की सहायता से छात्र घर बैठ कर ही तैयारी करते हुए 7 बैंड तक आसानी से हासिल कर सकते हैं।सीईओ कंग ने पत्रकारों के साथ जानकारी शेयर करते हुए बताया कि भारत में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी ने उन्हें यह साफ्टवेयर तैयार करने के लिए प्रेरित किया, जो ऐसे प्रोफेशनल तैयार करे जिन्हें अंगे्रजी भाषा का संपूर्ण ज्ञान हो और किसी भी क्षेत्र में एक सफल इंसान के तौर पर जाने जा सकें।