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Rajasthan में वायु सेना का फाइटर जेट MiG-21 क्रैश.. दोनों पायलट शहीद, चारों तरफ मलबा ही मलबा

Rajasthan के Barmer में हुआ ये हादसा.. फाइटर जेट MiG-21 में सवार दोनों पायलट समय रहते इजैक्ट नहीं कर पाए

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बाड़मेर 29-Jul-2022

Rajasthan News : राजस्थान में बाड़मेर से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां गुरुवार रात 9 बजकर 10 मिनट पर वायु सेना का एक फाइटर जेट MiG-21 क्रैश हो गया। इसमें दो पायलट सवार थे। इस दुर्घटना का धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोगों में सनसनी फैल गई। 8-10 किमी तक इसकी भयंकर आवाज सुनाई दी। बुरी खबर ये है कि हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट शहीद हो गए।

आधे किमी तक फैले मलबे में चारों तरफ आग ही आग थी। देर रात एयरफोर्स ने घटनास्थल के आसपास के करीब आधा किलोमीटर इलाके को कब्जे में ले लिया। एयरफोर्स (Air Force) बिखरे हुए मलबे को इकट्‌ठा करने और घटना की जांच-पड़ताल में जुटी है। 100 से ज्यादा जवान और एयरफोर्स अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

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इस घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हादसे के बाद घटनास्थल पर विमान के मलबे में आग लगी हुई है। बॉडी पाट्‌र्स बिखरे पड़े हैं। पास ही एक मोबाइल भी टूटकर गिरा हुआ है। विमान जहां गिरा वहां 15 फीट के दायरे में बड़ा गड्‌ढा हो गया है। बाड़मेर में सैन्य विमान हादसे का 9 साल में यह आठवां मामला है।

मिग-21 ने उत्तरलाई से उड़ान भरी थी। भीमड़ा के पास अचानक विमान में तकनीकी खराबी आ गई। बताया जा रहा है कि मिग रेत के एक टीले पर जाकर क्रैश हुआ। फ्यूल होने की वजह से इसमें आग लग गई। दोनों पायलट विमान से इजेक्ट हो पाते, इससे पहले ही उसमें आग लग गई और विमान आग का गोला बन गया।

खबर है कि यदि दोनों पायलट रूटीन उड़ान पर निकले, लेकिन फाइटर प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। फिर भी जांबाज पायलटों ने खुद की जान की परवाह नहीं की। वे आग लगे मिग को क्रैश से पहले 2 किलोमीटर दूर रेत के टीलों की तरफ ले गए। यदि वो चाहते तो वहीं इजैक्ट कर सकते थे। फिर ये जेट गांव पर जिरता जहां करीब 2500 लोग रह रहे हैं।

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ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले 9 साल में यह आठवां MiG क्रैश हुआ है।  12 फरवरी 2013 को उत्तरलाई से महज 7 किमी. दूर अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास सबसे पहला मिग-21 क्रैश, हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है।  

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1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स ले लिए थे। तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है।  आपको ये भी बता दें कि मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की स्पीड 2229 किलोमीटर प्रति घंटा है।