राष्ट्रपति उमीदवार द्रौपदी मुर्मू की बेटी बोलीं- माँ से मेरे सारे दोस्त नाराज हो जाते थे

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राष्ट्रपति उमीदवार द्रौपदी मुर्मू की बेटी बोलीं- माँ से मेरे सारे दोस्त नाराज हो जाते थे

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नई दिल्ली 23-Jun-2022

राष्ट्रपति उमीदवार (President Election 2022) में खड़ी होने वाली द्रौपदी मुर्मू  (Draupadi Murmu) उम्मीदवार को घोषित कर दिया गया है। यदि वे चुनाव चीज कर राष्ट्रपति बन जाती है तो ये देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होगी। पदी मुर्मू की बात करें तो ये ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं। वे आदिवासी समाज से तालुक रखती हैं। उन्हें 1997 में रायरंगपुर नगरपंचायत का कौंसिलर चुना गया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता हैं और झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं।

द्रौपदी मुर्मू अपनी बेटी इतिश्री और भाई के साथ रहती हैं। इतिश्री ने बताया की उनकी माँ बचपन से ही काफी स्ट्रिक्ट रही हैं।  वे कहती हैं कि मैं जिस स्कूल में पढ़ती थी, मां वहां पर शिक्षक के रूप में काम करती थीं  ऐसे में मेरे ऊपर तो हमेशा ही अतिरिक्त प्रेशर रहता था। मेरे दोस्त तो नाराज हो जाते थे जब मां अचानक से टेस्ट ले लिया करती थीं।

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इतिश्री ने आगे कहा की मुझे मेरी मां पर पूरा भरोसा है की वे ज़रूर ये चुनाव जीत कर राष्ट्रपति बन जाएंगी। उनकी नजरों में अगर उनकी मां के व्यक्तित्व को सही तरीके से समझ लिया गया, तो सभी उनका समर्थन करेंगे। कहती हैं कि हर किसी को मेरी मां को समझने की कोशिश करनी चाहिए। उनके विचारों को समझना चाहिए. वे क्या सोचती हैं, क्या मानती हैं. जब उन्हें ये सब पता चल जाएगा वे जरूर मेरी मां का ही समर्थन करेंगे। 

द्रौपदी मुर्मू की बेटी ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि वे मां के राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनके साथ ही रहना चाहती हैं। इस बारे में द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं अपनी बेटी के साथ ही रहना चाहूंगी, फिर चाहे में देश की राष्ट्रपति ही क्यों ना बन जाएं। 

द्रौपदी मुर्मू  (Draupadi Murmu) के परिवार कि बात करें तो मुर्मू की शादी होने के बाद दो बेटे और एक बेटी हुई। बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए बहुत ही कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा और आज वे अपने बुलंद हौसलों से आगे बढ़ती हुई राष्ट्रपति उमीदवार (Presidential Candidate 2022) के पद पर आ पहुँची हैं।