Share Market Crash: निवेशकों में छाया हाहाकार का माहौल, मंदी के कारण शेयर बाज़ार हुआ क्रैश, Sensex 1000 और Nifty 15,400 अंक से ज़्यादा टुटा

5 Dariya News

Share Market Crash: निवेशकों में छाया हाहाकार का माहौल, मंदी के कारण शेयर बाज़ार हुआ क्रैश, Sensex 1000 और Nifty 15,400 अंक से ज़्यादा टुटा

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मुंबई 17-Jun-2022

Share Market Crash: अमेरिका में बढ़ती ब्याज़  (US Interest Rate Hike) दरों के चलते आर्थिक मंदी के कारण शेयर बाज़ार (share market) में गिरावट देखने को मिली।बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) पिछले कई दिनों से लगातार टूट रहा है। 9:50 बजे: शेयर बाजार में अब थोड़ा सुधार दिखने लगा है। सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर आ गए हैं। सेंसेक्स अभी 51560 के पार कारोबार कर रहा है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 17 स्टॉक लाल निशान पर थे।

पीक से गिरा सेंसेक्स (BSE Sensex) 

अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को ब्याज दरों को 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। जिसके बाद अमेरिका के बाज़ार तेज़ी में बंद हो गए। अमेरिका के बढ़ती तेजी के कारण कल घरेलू बाज़ार ने बढ़िया तेजी की। बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 1,045.60 अंक यानी 1.99 फीसद टूटकर 51,495.79 अंक पर बंद हुआ। पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 3,824.49 अंक यानी 6.91 फीसद नीचे आया है। आज के कारोबार में सेंसेक्स ने 53,142.50 अंक के पीक तक गया और 51,280.48 अंक के लो तक गिरा. इस तरह आज सेंसेक्स में 1,700 अंक से ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला।

आपको बता दें की शेयर बाजारों (Share Market Crash) में पिछले पांच दिन से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को 15.74 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चूका है। 

 निफ्टी में भी दिखी उथल-पुथल (NSE Nifty)

एनएसई निफ्टी की बात करें तो निफ्टी भी आज मजबूती के साथ 15,832.25 अंक पर कारोबार की शुरुआत की जिसमें आज और 15280.80 अंक की गिरावट नज़र आई। 

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आर्थिक मंदी का छाया साया 

शेयर मार्केट (Share Market Crash) में इस तरह की उथल-पुथल का कारण अमेरिका में बढ़ती ब्याज़  (US Interest Rate Hike) दरों के कारण देखने को मिल रहा है। आपको बता दें कि वर्ष 1994 के बाद से ब्याज दरों में यह अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है। इसके साथ ही इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड और जापान के केंद्रीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से वैश्विक स्तर पर महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, " फेडरल रिजर्व का नीतिगत दर में वृद्धि का निर्णय उम्मीद के अनुरूप था। इसीलिए शुरुआती कारोबार में बाजार में बढ़त रही, लेकिन मंदी की आशंका ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया। "