Haryana became the only state in the country to procure all crops at MSP
Now 10 more crops will be procure at MSP, State Cabinet accords approval for the same
Chandigarh
In yet another historical decision in the interest of farming community, the Haryana Government has decided to procure all crops at Minimum Support Price (MSP). Now 10 crops namely Ragi, Soybean, Kalatil (Nigerseed), Safflower, Barley, Maize, Jowar, Jute, Khopra and Moong (Summer) will be procured at MSP in the state.
A decision to this effect has been taken by State cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today. The Haryana Government will bear all the expenses of procuring these crops at MSP.In this regard, the Chief Minister had made the above announcement in a public meeting held at Thanesar Vidhan Sabha of Kurukshetra district on August 4, 2024.
The approval given by the Cabinet just 24 hours after the announcement shows the commitment of the state government.The objective of increasing the scope of MSP for these crops is to stabilize market prices, ensure constant income for farmers and promote the cultivation of diverse crops. The main objective of the Haryana government is to stabilize and increase the income of the farmer. This decision of the government will also promote crop diversification.
सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद करने वाला देश का एकमात्र राज्य बना हरियाणा
अब 10 और फसलों की होगी एसएसपी पर खरीद, मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा के किसानों के हितों में एतिहासिक कदम उठाते हुए नायब सरकार ने सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अब 10 फसलें नामतः रागी, सोयाबीन, कालातिल (नाइजरसीड), कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा और मूंग (समर) की एमएसपी पर खरीद की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का सारा खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने 4 अगस्त को ही कुरुक्षेत्र जिला के थानेसर विधानसभा में आयोजित जनसभा में उक्त घोषणा की थी। घोषणा के मात्र 24 घंटे बाद ही कैबिनेट में दी गई मंजूरी प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इन फसलों के लिए एमएसपी का दायरा बढ़ाने का उद्देश्य बाजार की कीमतों को स्थिर करना, किसानों के लिए निरंतर आय सुनिश्चित करना और विविध फसलों की खेती को बढ़ावा देना है। हरियाणा सरकार का मुख्य ध्येय यही है कि किसान की आय स्थिर हो और उसमें वृद्धि हो। सरकार के इस निर्णय से फसल विविधिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
Haryana Cabinet nods revision of Pension/Family Pension for Retired Judicial Officers
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved the revision of pension/family pension (Pre-2016 and Post- 2016) of Retired Judicial Officers of Government of Haryana as per Second National Judicial Pay Commission (SNJPC).
For pre-2016 retired judicial officers, the pension/family pension will be revised by multiplying the existing basic pension/family pension (as on 31st December 2015) by a factor of 2.81, rounded off to the next higher rupee. Alternatively, pension/family pension can be revised by notionally fixing their pay as per the Fitment Table of the Haryana Civil Service (Judicial Branch) and the Haryana Superior Judicial Service Revised Pay Rules, 2023.
For post-2016 retired judicial officers, pension calculation will follow the provisions of Rule 34 of the Haryana Civil Services (Pension) Rules, 2016.Further, dearness relief will be admissible on the additional quantum of pension/family pension as per existing orders. The maximum limit of Death-cum-Retirement Gratuity shall be Rs. 20.00 Lakh, the ceiling on gratuity will increase by 25% whenever the dearness allowance rises by 50% of the basic pay.
It is stated that the Pension Disbursing Authorities will calculate and disburse the arrears of revised pension/family pension with effect from 1st January 2016, after adjusting the interim relief already paid. An undertaking will be obtained from the pensioners to refund any excess payment due to incorrect consolidation.
हरियाणा मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के लिए पेंशन/पारिवारिक पेंशन में संशोधन को दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) के अनुसार हरियाणा सरकार के सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की पेंशन/पारिवारिक पेंशन (2016 से पूर्व और 2016 के बाद) में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, अब 2016 से पूर्व सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के लिए, मौजूदा मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन (31 दिसंबर 2015 तक) को 2.81 के कारक से गुणा करके संशोधित किया जाएगा। वैकल्पिक रूप से, हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) और हरियाणा वरिष्ठ न्यायिक सेवा पुनरीक्षित वेतन नियम, 2023 की फिटमेंट तालिका के अनुसार उनके वेतन को नोशनली निर्धारित करके पेंशन/पारिवारिक पेंशन को संशोधित किया जा सकता है।
2016 के बाद सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के लिए, पेंशन गणना हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 34 के प्रावधानों के तहत होगी। इसके अलावा, समय-समय पर जारी आदेशों के अनुसार पेंशन/पारिवारिक पेंशन की अतिरिक्त राशि पर महंगाई राहत स्वीकार्य होगी। मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये होगी, जब भी महंगाई भत्ते में वृद्घि होगी, मूल वेतन का 50 प्रतिशत बढ़ेगा और ग्रेच्युटी की सीमा में 25 प्रतिशत की बढ़ौतरी की जाएगी।
पेंशन संवितरण प्राधिकारी पहले से भुगतान की गई अंतरिम राहत को समायोजित करने के बाद, पहली जनवरी, 2016 से संशोधित पेंशन/पारिवारिक पेंशन के बकाया की गणना और संवितरण करेंगे। पेंशन/पारिवारिक पेंशन की गलत गणना के कारण किसी भी अतिरिक्त भुगतान को वापस करने के लिए पेंशनभोगियों से अंडरटेकिंग ली जाएगी।
Haryana set to bring Ordinance to amend Haryana Sikh Gurdwaras (Management) Act, 2014
Now the High Court Judge will also be considered for appointment as a member and Chairman of the Commission
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today approved the draft of the Haryana Sikh Gurdwaras (Management) Amendment Ordinance, 2024 to amend the Haryana Sikh Gurdwaras (Management) Act, 2014.
As per the proposed draft ordinance, now the Chairman of the Haryana Sikh Gurdwara Judicial Commission shall be Judge of High Court, if so appointed, and if a judge of the High Court is not appointed, then the District Judge if so appointed and if the District Judge is also not appointed, the one of the three selected members of the Commission shall be the Chairman in the order of their seniority either in service or at Bar, as the case may be and the term of the Chairman or the Member shall be five years from the date he assumes charge.
Presently, the Chairman is appointed with the qualification that at the time of his retirement or resignation, he was a district judge not having less than 10 years standing as such on his superannuation. The Haryana Sikh Gurdwara Judicial Commission is a quasi-judicial authority, whose decisions are final.
The dispute relating to the Gurdwara property, its funds and any other disputes between the Gurdwara Committee, Executive Board or any other institution, are to be adjudicated upon by the Commission. Therefore, it has been deemed appropriate that a Judge of the High Court should also be considered for appointment as a member and chairman of the Commission.
Besides this, in the Ordinance, the upper cap of 65 years of age as provided in clause (iv) of sub- section (1) of Section-46 has also been removed. The said amendments have been done in the Section 46 of the Haryana Act 22 of 2014.
हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी
अब आयोग के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति पर भी विचार किया जाएगा
चंडीगढ़
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई जिसमें हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में संशोधन करने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) संशोधन अध्यादेश, 2024 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। प्रस्तावित ड्राफ्ट अध्यादेश के अनुसार, अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग का अध्यक्ष उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होगा, यदि उसे नियुक्त किया जाता है, और यदि उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं किया जाता है, तो जिला न्यायाधीश को नियुक्त किया जा सकता है।
अगर जिला न्यायाधीश को भी आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जाता है, तो आयोग के तीन चयनित सदस्यों में से एक को वरिष्ठता (यह वरिष्ठता सेवा में रहने की हो या बार में प्रैक्टिस की ) के आधार पर अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। ड्राफ्ट के अनुसार अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल उसके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष होगा।
वर्तमान में, अध्यक्ष को इस योग्यता के साथ नियुक्त किया जाता है कि उसकी सेवानिवृत्ति या इस्तीफे के समय, वह एक जिला न्यायाधीश था और उसकी सेवानिवृत्ति पर इस रूप में 10 वर्ष से कम का कार्यकाल नहीं था। हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है, जिसके निर्णय अंतिम होते हैं। गुरुद्वारा संपत्ति, उसके फंड तथा गुरुद्वारा कमेटी, कार्यकारी बोर्ड या किसी अन्य संस्था के बीच चल रहे झगड़ों से संबंधित विवादों का निर्णय आयोग द्वारा किया जाना है।
इसलिए यह उचित समझा गया है कि आयोग के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर भी विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अध्यादेश में धारा-46 की उप-धारा (1) के खंड (iv) में दी गई 65 वर्ष की आयु की ऊपरी सीमा को भी हटा दिया गया है। उक्त संशोधन वर्ष 2014 के हरियाणा अधिनियम 22 की धारा 46 में किया गया है।
Haryana introduces scheme to grant rental/adjustment/refund for the benefit of contractors/shopkeepers at Haryana Roadways bus stands during COVID-19
All contractors/shopkeepers will be eligible for a 100 percent exemption of the rent for the period from April 1, 2020, to June 30, 2020
Chandigarh
In a bid to facilitate contractors shopkeepers at all bus stands in Haryana Roadways in doing their business in times of financial duress brought in by reduced activities at bus stands because of COVID-19, the Haryana Government has drafted a scheme for Waiving off/refund of rent/security for Shops at Bus Stands of Haryana Roadways for COVID-Wave-I.
The State Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today approved the said scheme.During COVID-19, the Government of India had imposed complete lockdown across the country from March 22, 2020 to May 31, 2020 and partial restrictions from June 1, 2020 onwards.
During this period, the business of shops was directly affected due to the stoppage of bus movement at Haryana Roadways bus stands. Therefore, in the interest of such contractors/shopkeepers, the government has issued a Waiving off/refund of rent/security scheme.This Scheme shall come into effect on the date of its notification in the Government of Haryana official gazette but the waiver/refund/adjustment of rent shall be for the period from 01.04.2020 to 31.07.2020.
As per the provision of the scheme, all the contractors/shopkeepers who are doing their business at bus stands of Haryana Roadways under a valid contract with the concerned General Manager, Haryana Roadways, as on March 20, 2020, will be eligible for 100 percent waiver of shop rent for the period from 01.04.2020 to 30.06.2020 and 50 percent waiver of rent from 01.07.2020 to 31.07.2020.
The contractors/shopkeepers who have not paid the rent during the period from 01.04.2020 to 30.06.2020 and from 01.07.2020 to 31.07.2020 during Covid-19 and the department has initiated proceedings against such contractors /shopkeepers for recovery of rent in any court of law shall be settled accordingly in the light of provisions of this scheme.
Further, they shall not be debarred from participating in auction of booths/shops/stands etc. at bus stands of Haryana Roadways for default of payment of bank during the above said period.
बस स्टैंडों पर ठेकेदार/दुकानदारों के हित में सरकार ने बनाई किराया/समायोजन/वापसी योजना
1 अप्रैल से 30 जून, 2020 तक की अवधि के लिए किराए पर मिलेगी शत-प्रतिशत छूट
चंडीगढ़
कोविड-19 की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट से राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने रोडवेज के सभी बस स्टैंडों पर ठेकेदार/दुकानदारों के हित में किराया/समायोजन/वापसी योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना के प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई है।
भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के दौरान पूरे देश में 22 मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक लॉकडाउन लगाया था तथा 1 जून, 2020 से गतिविधियों पर आंशिक प्रतिबंध था। इसी अवधि के दौरान हरियाणा रोडवेज के बस अड्डों पर बसों के आवागमन बंद होने के कारण दुकानों का कारोबार सीधे तौर पर प्रभावित हुआ। इसलिए ऐसे ठेकेदार/दुकानदारों के हित में सरकार ने किराया/समायोजन/वापसी योजना बनाई है। यह योजना हरियाणा सरकार ने जारी की है, लेकिन यह किराया/समायोजन/वापसी 1 अप्रैल, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक की अवधि के लिए होगी।
योजना के अनुसार, सभी ठेकेदार/दुकानदार, जो 20 मार्च, 2020 को संबंधित महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज के साथ एक वैध अनुबंध के अंतर्गत हरियाणा रोडवेज के बस अड्डों पर अपना व्यवसाय कर रहे थे, वे 1 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 तक की अवधि के लिए दुकान/व्यवसाय किराए पर शत-प्रतिशत छूट के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा, 1 जुलाई, 2020 से 31 जुलाई 2020 तक के किराए में 50 प्रतिशत छूट के पात्र होंगे।
जिन ठेकेदारों/दुकानदारों ने कोविड-19 के दौरान 1 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 तथा और 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक की अवधि के दौरान किराए का भुगतान नहीं किया है और विभाग ने ऐसे ठेकेदारों/दुकानदारों के खिलाफ किराया वसूली के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है, इस तरह के किसी भी विभागीय अथवा न्यायालय में लंबित मामलों का निपटारा उपरोक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, उपरोक्त अवधि के दौरान किराये का भुगतान न करने के कारण उन्हें हरियाणा रोडवेज के बस स्टैंडों पर बूथों/दुकानों/स्टैंडों आदि की नीलामी में भाग लेने से नहीं रोका जाएगा।
Haryana Cabinet Approves Amendment to Vesting of Proprietary Rights Rules for Dholidar, Butimar, Bhondedar, and Muqararidar
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today approved amendment in the Haryana Dholidar, Butimar, Bhondedar and Muqararidar (Vesting of Proprietary Rights) Rules, 2011.
These rules may be called the Haryana Dholidar, Butimar, Bhondedar Muqararidar (Vesting of Proprietary Rights) Amendment Rules, 2024. They shall come into force with effect from the date of their publication in the official Gazette.
In the Haryana Dholidar, Butimar, Bhondedar and Muqararidar (Vestir Proprietary Rights) Rules, 2011, in rule 3, sub-rules(1) and (2), the following rules shall be substituted, namely:- Dholidar, Butimar, Bhondedars or Muqararidars or their successor-in-interest whose period of twenty years has been completed on the date of commencement of the Act, can apply in Annexure-I to the Collector concerned at any time after the date of commencement of these rules for vesting proprietary rights.
Dholidars, Butimars, Bhondedars and Muqararidars or their successor-in-interest whose period of twenty years has not been completed on the date of commencement of Act, can apply to the Collector concerned at any time after the date of completion of twenty years for vesting of proprietary rights.
हरियाणा कैबिनेट ने ढोलिदार, बुटीमार, भोंडेदार और मुक़रारीदार के लिए संपत्ति अधिकार नियमों में संशोधन को मंजूरी दी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार (स्वामित्व अधिकारों का निहित होना) नियम, 2011 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इन नियमों को हरियाणा धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार (स्वामित्व अधिकारों का निहित होना) संशोधन नियम, 2024 कहा जा सकता है। ये नियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होंगे।
हरियाणा धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार (स्वामित्व अधिकार) नियम, 2011 के नियम 3 के उप-नियम (1) तथा (2) में निम्नलिखित नियम प्रतिस्थापित किए जाएंगे, अर्थात्:- धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार या उनके हित-उत्तराधिकारी, जिनकी अवधि अधिनियम के प्रारंभ की तिथि को बीस वर्ष पूरी हो गई है, वे मालिकाना अधिकार प्राप्त करने के लिए इन नियमों के प्रारंभ की तिथि के पश्चात किसी भी समय अनुलग्नक-I में संबंधित कलेक्टर को आवेदन कर सकते हैं।
धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार या उनके हित-उत्तराधिकारी, जिनकी अवधि अधिनियम के प्रारंभ की तिथि को बीस वर्ष पूरी नहीं हुई है, वे मालिकाना अधिकार प्राप्त करने के लिए बीस वर्ष पूरी होने की तिथि के पश्चात किसी भी समय संबंधित कलेक्टर को आवेदन कर सकते हैं।
Haryana Cabinet Approves Increase in Annual Income Limit for Backward Classes Creamy Layer to Rs 8 Lakh
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has given ex-post facto approval to criteria for exclusion of persons within the Backward classes from Creamy Layer in Haryana State.
As per the announcement of the Chief Minister, the annual income limit of creamy layer of backward classes in the state has been increased from Rs 6 lakh to Rs 8 lakh and the criteria for assessment will be in accordance with Central Government norms. The notification was issued by the State Government on July 16, 2024.
Earlier, the slab of income limit upto Rs. 6 lakh per annum was implemented in which the income from all sources to arrive at the gross annual income was clubbed, which will now be Rs 8 lakh and the assessment of gross annual income will be as per the norms of the Central Government.
बैठक में हरियाणा राज्य में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को क्रिमी लेयर से बाहर रखने संबंधी मानदंडों के प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को क्रिमी लेयर से बाहर रखने संबंधी मानदंडों के प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप राज्य में पिछड़े वर्गों की क्रिमी लेयर की वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी गई है और मूल्यांकन के मानदंड केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार होंगे।
इसकी अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा 16 जुलाई, 2024 को जारी कर दी गई थी। पहले राज्य में सभी स्त्रोतों से प्राप्त प्रति वर्ष 6 लाख रुपये तक की सकल वार्षिक आय स्लैब लागू थी, जो अब 8 लाख रुपये होगी और सकल वार्षिक आय की गणना केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुरूप होगी।
Backward Class-B to get Reservations for Municipalities and PRIs
State Cabinet accords approval for the same
Chandigarh
In a significant move towards ensuring social justice and equitable representation, the Haryana government, under the chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini has decided to give reservations for Backward Classes of Citizens Block B (Schedule-II) in Panchayati Raj Institutions (PRIs) and Municipalities across the state.
This decision reiterates Sh. Nayab Singh Saini’s commitment to upliftment of Backward Classes and promote their participation in the democratic process. The reservation for Backward Classes Block-B will be implemented based on the recommendations of the Haryana Backward Classes Commission. Presently the BC-A population in the state is 18.93 percent and the BC-B population in the state is 15.05 percent.
The State Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today accepted a report outlining the proportion of reservations for Backward Classes of Citizens Block B (Schedule-II) in the PRIs and Municipalities.
As per the report, the backward classes of citizens Block-B also require the support of reservation on the pattern of backward classes of citizens Block-A in the elections of Panchayati Raj Institutions/Municipalities for their upliftment and to be adequately represented in the gross root of democratic set up.
Recommended Reservation in PRIs
The office of Panch in every Gram Panchayat Shall be reserved for the backward classes (B) and the number of seats so reserved shall bear as nearly as may be the same proportion to the total numbers of seeds in that Gram Panchayat as one-half of the percentage of population of backward classes (B) to the total population in that Gram Sabha area.
In case the decimal value is 0.5 or more it shall be rounded off to the next higher integer. Provided that every Gram Panchayat shall have at least one panch belonging to backward classes (B) if its population is not less than 2 percent of the total population of the Sabha area. 5 percent of the total number of offices of Sarpanch in a block and rounded off to the next higher integers in case the decimal value is 0.5 or more shall be reserved for backward classes (B).
The offices of member shall be reserved for the backward classes (B) in every Panchayat Samiti and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats in that Panchayat Samiti, as one-half of the percentage of population of backward classes (B) to the total population in that block. In case the decimal value is 0.5 or more it shall be rounded off to the next higher integer.
The offices of member shall be reserved for the backward classes (B) in every Zilla Parishad and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats in that Zila Parishad area as one-half of the percentage of population of backward classes (B) to the total population in that Zilla Parishad area.
Recommended Reservation in Municipalities
The office of Councillor in every Municipal Corporation, Municipal Council and Municipal Committee shall be reserved for backward classes Block-B of citizens and the number of seats so reserved shall bear as nearly as may be the same proportion to the total number of seats in that urban local area as one half of the percentage of population of backward classes block-B of citizens to the total population in that urban local area.
In case the decimal value is 0.5 or more it shall be rounded off to the next higher integer. Provided that every local body/ municipality shall have at least one councillor belonging to backward classes block-B of citizens if its population is not less than 2 percent of the total Urban population of the local body area.
5 percent of number of offices of Mayors/Presidents shall be reserved for the backward classes Block-B of citizens in the Municipal Corporations, Municipal Councils and Municipal Committees. It shall be rounded off to the next higher integer in case the decimal value is 0.5 or more.The reservation already recommended in favour of backward classes of citizens Block-A shall remain intact.
The present State Government remains committed to promoting social equality and justice, ensuring that the benefits of development reach all citizens. This reservation policy is a testament to the government's dedication to inclusive governance and its efforts to uplift the backward classes in the state.
पिछड़े वर्ग-बी को भी पालिकाओं और पंचायती राज संस्थाओं में मिलेगा आरक्षण
हरियाणा मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा में पिछड़ा वर्ग-बी के उत्थान के लिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं/पालिकाओं के चुनावों में बीसी-बी को आरक्षण देने जा रही है। इस संबंध में आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट स्वीकार की गई है। पिछड़े वर्ग ब्लॉक-बी के लिए आरक्षण हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर लागू किया जाएगा।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछड़े वर्ग ब्लॉक-बी को भी उनके उत्थान के लिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए पंचायती राज संस्थाओं/ पालिकाओं के चुनावों में पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की तर्ज पर आरक्षण की आवश्यकता है। वर्तमान में राज्य में पिछड़ा वर्ग -ए की जनसंख्या 18.93 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग -बी की जनसंख्या 15.05 प्रतिशत है।
पंचायती राज संस्थाओं में अनुशंसित आरक्षण
प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच का पद पिछड़े वर्ग (बी) के लिए आरक्षित होगा और सीटों की संख्या उसी अनुपात में आरक्षित की जाएंगी, जो उस ग्राम सभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या में पिछड़े वर्गों (बी) की जनसंख्या के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा। बशर्ते कि यदि पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या के 2 प्रतिशत से कम नहीं है, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (बी) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।
इसी प्रकार, एक ब्लॉक में सरपंच के कुल पदों की संख्या का 5 प्रतिशत और डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए पिछड़ा वर्ग (बी) के लिए आरक्षित किया जाएगा। प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़े वर्ग (बी) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।
यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।प्रत्येक जिला परिषद में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (बी) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो जिला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।
पालिकाओं में अनुशंसित आरक्षण
प्रत्येक नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका में पार्षद का पद पिछड़े वर्गों के नागरिकों के ब्लॉक-बी के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो उस शहरी स्थानीय क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी की जनसंख्या के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
बशर्ते कि यदि पिछड़ा वर्ग (बी) की आबादी निकाय क्षेत्र की कुल शहरी जनसंख्या के 2 प्रतिशत से कम नहीं है, तो प्रत्येक स्थानीय निकाय/ पालिका में पिछड़े वर्ग (बी) से संबंधित कम से कम एक पार्षद होगा।इसी प्रकार, नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर समितियों में महापौर/अध्यक्षों के पदों की संख्या का 5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के नागरिकों के ब्लॉक-बी के लिए आरक्षित किया जाएगा। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।पिछड़े वर्ग के नागरिकों के ब्लॉक-ए के पक्ष में पहले से अनुशंसित आरक्षण बरकरार रहेगा।
Haryana Government approves amendments to New Integrated Licensing Policy (NILP)-2022
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved the amendments to clauses 2.1 and 2.2 of the New Integrated Licensing Policy (NILP)-2022 by allowing Purchasable Development Rights (PDR) under residential plotted component in parity with normal residential plotted licenced colonies.
The amendments, aimed at bringing parity between NILP colonies and normal residential plotted colonies, will now allow for the allocation of additional Floor Area Ratio (FAR) through Purchasable Development Rights (PDR). Under the new provisions, the additional 0.25 FAR, as previously granted, will be supplemented by further purchasable FAR on residential plots, as per the Haryana Building Code-2017.
As per the amendment, the colonizer will have the liberty to allocate the residential component for uses like group housing, plots, row housing etc within the parameters of FAR. The amendments ensure that developers in NILP colonies can now avail the same benefits as those in other residential plotted colonies, promoting balanced urban development.
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता की स्वीकृति हेतु
हरियाणा सरकार ने नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी)-2022 में संशोधन को दी मंजूरी दी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी)-2022 के खंड 2.1 और 2.2 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत सामान्य आवासीय प्लॉटेड लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के समान आवासीय प्लॉटेड घटक के तहत क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) की अनुमति दी गई है।
एनआईएलपी कॉलोनियों और सामान्य आवासीय प्लॉटेड कॉलोनियों के बीच समानता लाने के उद्देश्य से किए गए संशोधनों के तहत अब क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) के माध्यम से अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) के आवंटन की अनुमति दी जाएगी। नए प्रावधानों के तहत पहले दिए गए अतिरिक्त 0.25 एफएआर को हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 के अनुसार आवासीय प्लॉट पर आगे क्रय योग्य एफएआर द्वारा पूरक किया जाएगा।
संशोधन के अनुसार कॉलोनाइजर को एफएआर के मापदंडों के भीतर समूह आवास, भूखंड, पंक्ति आवास आदि जैसे उपयोगों के लिए आवासीय घटक आवंटित करने की स्वतंत्रता होगी। संशोधन यह सुनिश्चित करते हैं कि एनआईएलपी कॉलोनियों में डेवलपर्स अब अन्य आवासीय प्लॉटेड कॉलोनियों के समान लाभ उठा सकते हैं, जिससे संतुलित शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
Haryana Government Approves Vehicle Scrappage and Recycling Facility Incentive Policy 2024
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved the Haryana Registered Vehicle Scrappage and Recycling Facility Incentive Policy 2024. Recognizing the growing emphasis on minimizing the use of non-renewable resources in the automotive industry, the new policy aims to significantly enhance the sector's circularity.
The policy aligns with the Motor Vehicles (Registration and Functions of Vehicle Scrapping Facility) Rules, 2021, set by the Government of India, to methodically phase out old and unfit vehicles, thus reducing pollution and promoting a cleaner environment.
Key highlights of the policy include promoting state-of-the-art recycling facilities and achieving a recyclability level of 85% during the policy period. It also focuses on developing Eco-Parks/Recycling Parks to position Haryana as a recycling hub, and encourages the establishment of Registered Vehicle Scrappage & Recycling Auto Cluster Development and Management Systems (CDEMS).
The policy offers various financial incentives to reduce the cost of doing business and promote investments in vehicle scrappage recycling facilities. These facilities will be accorded the status of industrial units, benefiting from incentives on investment capital subsidy and other supportive measures.
Furthermore, to ensure a skilled workforce for the recycling sector, the policy encourages the setup of Centres of Excellence (CoE) in collaboration with skilling institutions and universities. These centres will provide necessary training to the youth of Haryana, enhancing their employability in the sector.
हरियाणा सरकार ने वाहन स्क्रैपेज और रीसाइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी दी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंजीकृत वाहन स्क्रैपेज एवं रीसाइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति 2024 को स्वीकृति प्रदान की गई। ऑटोमोटिव उद्योग में गैर-नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को न्यूनतम करने पर बढ़ते जोर को ध्यान में रखते हुए, नई नीति का उद्देश्य इस क्षेत्र की चक्रीयता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है।
यह नीति केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के कार्य) नियम, 2021 के अनुरूप है। जिसका उद्देश्य पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को व्यवस्थित रूप से हटाना है, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा। नीति की मुख्य विशेषताओं में अत्याधुनिक रीसाइक्लिंग सुविधाओं को बढ़ावा देना और नीति अवधि के दौरान 85% की पुनर्चक्रणीयता स्तर प्राप्त करना शामिल है।
यह हरियाणा को रीसाइक्लिंग हब के रूप में स्थापित करने के लिए इको-पार्क/रीसाइक्लिंग पार्क विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, और पंजीकृत वाहन स्क्रैपेज और रीसाइक्लिंग ऑटो क्लस्टर विकास और प्रबंधन प्रणाली (सीडीईएमएस) की स्थापना को प्रोत्साहित करता है। नीति में कारोबार की लागत कम करने और वाहन स्क्रैपेज रीसाइक्लिंग सुविधाओं में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन दिए गए हैं।
इन सुविधाओं को औद्योगिक इकाइयों का दर्जा दिया जाएगा, जिससे निवेश पूंजी सब्सिडी और अन्य सहायक उपायों पर प्रोत्साहन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, रीसाइक्लिंग क्षेत्र के लिए कुशल कार्यबल सुनिश्चित करने के लिए, नीति कौशल संस्थानों और विश्वविद्यालयों के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना को प्रोत्साहित करती है। ये केंद्र हरियाणा के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे इस क्षेत्र में उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी।
Haryana Cabinet approves amendments to Mukhya Mantri Shehri Awas Yojana to ensure greater Financial Flexibility for Beneficiaries
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved significant amendments in the policy of ‘Mukhya Mantri Shehri Awas Yojana’ (MMSAY). This amendment aimed at addressing the housing needs of urban families with an annual income up to Rs. 1.80 lakhs as verified by the Parivar Pehchan Patra (PPP).Under the revised policy, beneficiaries who have been allotted 1 Marla (30 sq. yards) plots will now have an extended timeframe to make payments.
The time period for depositing allotment amount Rs. 10,000 has been doubled, i.e the amount can be now paid within two months after issuance of allotment letter and the time period for remaining amount of Rs. 80,000 has been extended by 5 times, i.e the amount can be paid monthly till three years after issuance of the Letter of Intent (LoI). Earlier the time period for depositing Rs. 10,000 was one month only. Similarly the time period of submitting Rs. 80,000 was six months only.
Apart from this, the policy now includes provisions for refunds and the transfer of allotments in the event of the beneficiary's death. Beneficiaries can request a refund of the principal amount without any penalties before possession. In case of a beneficiary's death, the allotment can be transferred to their legal heir upon submission of the death certificate and a no-objection certificate from other legal heirs if applicable.
It is worth noting the fact that department has allotted 1 Marla (30 sq.yrds.) plots at the cost of Rs. 1 lac to 15,250 beneficiaries belonging to the categories of Ghumantu Jati, widow, SCs and others at 14 locations i.e. Charkhi-Dadri, Fatehabad, Jhajjar, Karnal, Panchkula, Mahendragarh, Sirsa, Sonipat, Palwal, Rohtak, Rewari, Julana, Safidon, Yamunanagar and provisional allotment letters have been allotted to the beneficiaries.
These amendments are set to provide greater financial flexibility and security to the beneficiaries of the Mukhya Mantri Shehri Awas Yojana (MMSAY), reinforcing the government's commitment to improving the living conditions of the economically weaker sections of society.
हरियाणा मंत्रिमंडल ने लाभार्थियों के लिए अधिक वित्तीय लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना में संशोधन को मंजूरी दी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना’ (एमएमएसएवाई) की नीति में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी गई। इस संशोधन का उद्देश्य परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) द्वारा सत्यापित 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले शहरी परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करना है।
संशोधित नीति के तहत, जिन लाभार्थियों को 1 मरला (30 वर्ग गज) के भूखंड आवंटित किए गए हैं, उन्हें अब भुगतान करने के लिए विस्तारित समय सीमा मिलेगी। संशोधन के बाद अब 10,000 रुपये की दूसरी किस्त अलॉटमेंट लैटर जारी होने के दो महीने के भीतर भुगतान की जा सकेगी, जबकि शेष 80,000 रुपये की राशि का भुगतान आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तिथि से तीन वर्षों में मासिक किस्तों में किया जा सकता है। पूर्व में आवेदकों को एक माह में ही 10,000 रुपये की क़िस्त देनी पड़ती थी और बाकी की राशि 6 माह में 6 किस्तों में देनी होती थी।
इसके अलावा, इस नीति में अब लाभार्थी की मृत्यु की स्थिति में रिफंड और आवंटन के हस्तांतरण के प्रावधान शामिल किये गए हैं। लाभार्थी कब्जे से पहले बिना किसी पेनल्टी के मूल राशि की वापसी का अनुरोध कर सकते हैं। लाभार्थी की मृत्यु की स्थिति में, मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) प्रस्तुत करने पर आवंटन उनके कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित किया जा सकता है।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि विभाग ने मात्र एक लाख रुपये की कीमत में 15,250 लाभार्थियों को 1-1 मरला के प्लॉट आवंटित भी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने घुमंतू जाति, विधवा, अनुसूचित जाति और अन्य श्रेणियों के लाभार्थियों को 14 स्थानों अर्थात चरखी-दादरी, फतेहाबाद, झज्जर, करनाल, पंचकूला, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पलवल, रोहतक, रेवाड़ी, जुलाना, सफीदों, यमुनानगर में पात्र व्यक्तियों को प्रोविजनल अलॉटमेंट लैटर आवंटित कर दिए हैं।
आज की कैबिनेट में किया गया संशोधन मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना (एमएमएसएवाई) के लाभार्थियों को अधिक वित्तीय लचीलापन और सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया गया है , जो समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
Haryana Cabinet Approves Mukhya Mantri Gramin Awas Yojana-Extension
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Nayab Singh Saini, has approved the Mukhya Mantri Gramin Awas Yojana-Extension (MMGAY-E). This ambitious scheme is an extension of the original Mukhya Mantri Gramin Awas Yojana and aims to provide one lakh developed residential plots of 50 square yards in Mahagram Panchayats and 100 square yards in regular panchayats to economically weaker sections (EWS) of society, particularly landless households in rural areas.
The Department of Housing For All (DHFA) will verify the applicant’s eligibility and the plot will be allotted on a payment of onetime cost of Rs. 1,000 only. After the allotment of plot, possession in form of an ‘Adhikar Patra’ will be issued. Physical possession of the developed plot within 2 years of issuance of the allotment letter i.e. ‘Adhikar Patra’. The beneficiary will be provided compensation in case the physical possession is not given within 2 years. Under this scheme, the Government will provide land cost to the Gram Panchayats the actual collector rate of agriculture land.
The scheme is designed to support families with an annual income of up to Rs. 1.80 lakhs, as verified through the Parivar Pehchan Patra (PPP). In addition to providing residential plots, MMGAY-E will ensure basic internal infrastructure, including water, sanitation, roads and electricity through the convergence of various Central and State schemes.
Under this scheme an amount of Rs. 12,000 will be paid for the construction of toilets under the Sawach Bharat Mission. Besides this, the beneficiary of MMGAY-E will get 90 person days unskilled labour under MGNREGA, through convergence.
To further support the beneficiaries, the Haryana Government has waived the registration (Conveyance Deed) fee and charges for water connections. Additionally, the scheme offers financial assistance of up to Rs. 6,00,000 in the form of low-interest loans from nationalized banks, housing finance companies, and microfinance institutions to help beneficiaries complete the construction of their dwelling units.
The estimated project cost for MMGAY-E over the period 2024-2027 is Rs. 2,950.86 crores. The Haryana Government is committed to ensuring that every rural household has access to safe and secure housing, contributing to the economic stability and social status of the most vulnerable sections of society.
मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना-विस्तार (एमएमजीएवाई-ई) को मंजूरी दी गई
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना-विस्तार (एमएमजीएवाई-ई) को मंजूरी दी गई। यह महत्वाकांक्षी योजना मूल मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का विस्तार है और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) विशेष रूप से भूमिहीन परिवारों को महाग्राम पंचायतों में 50 वर्ग गज और सामान्य पंचायतों में 100 वर्ग गज के आवासीय भूखंड उपलब्ध कराना है।
सबके लिए आवास विभाग (डीएचएफए) आवेदक की पात्रता की पुष्टि करेगा और केवल 1,000 रुपये की एकमुश्त लागत के भुगतान पर भूखंड आवंटित किया जाएगा। भूखंड आवंटन के बाद, अधिकार पत्र के रूप में कब्जा जारी किया जाएगा। आवंटन पत्र यानी अधिकार पत्र जारी होने के 2 साल के भीतर विकसित भूखंड का भौतिक कब्जा। 2 साल के भीतर भौतिक कब्जा न मिलने पर लाभार्थी को मुआवजा दिया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार ग्राम पंचायतों को कृषि भूमि के वास्तविक कलेक्टर रेट के हिसाब से भूमि की कीमत उपलब्ध कराएगी।
यह योजना परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) प्रणाली के माध्यम से सत्यापित 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने के अलावा, एमएमजीएवाई-ई विभिन्न केंद्रीय और राज्य योजनाओं के माध्यम से पानी, स्वच्छता, सीवरेज, सड़क और बिजली सहित आंतरिक बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करेगी।
हरियाणा सरकार ने लाभार्थियों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए, पानी और सीवरेज कनेक्शन का पंजीकरण शुल्क (कन्वेंस डीड) माफ कर दिया है। इसके अतिरिक्त, यह योजना लाभार्थियों को उनके आवास इकाइयों के निर्माण को पूरा करने में मदद करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों से कम ब्याज पर ऋण के रूप में 6,00,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
2024-2027 की अवधि में एमएमजीएवाई-ई के लिए अनुमानित परियोजना लागत 2,950.86 करोड़ रुपये है। हरियाणा सरकार प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित और संरक्षित आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता लाने में अहम योगदान देगी।
Haryana Cabinet approves amendment in Haryana Compulsory Registration of Marriages Rules
ADCs-cum-DCRIOs to serve as District Registrars to streamline Marriage Registration Process
Chandigarh
In a move aimed at simplifying marriage registration for citizens, the Haryana Cabinet, which met under the chairmanship of Chief Minister Sh. Nayab Singh Saini, here today approved amendments to the Haryana Compulsory Registration of Marriages Rules, 2008.
Under the new amendments, Additional Deputy Commissioners (ADC) cum District Citizen Resources Information Officers (DCRIOs) will now serve as District Registrars for marriage registrations. These District Registrars will control and oversee all Registrar offices within their jurisdiction, ensuring a smoother and faster processing of applications.
Now City Magistrates, SDMs, Joint Commissioners, DMCs, Executive Officers, etc. in MC, BDPOs and Gram Sachivs have also been granted powers to register marriages in their jurisdiction with certain conditions so that registration of marriages can be done at the local level. The changes also introduce a well-defined appeal process to address citizen grievances more effectively.
The marriage registration process will now be handled online, significantly simplifying and streamlining it for citizens. A dedicated marriage registration portal will digitise all marriage registration records. The shift to an online registration system will make the process more efficient for citizens, reducing the need for physical paperwork and in-person visits. The online portal and digitised records will make it easier for citizens to access and track their registration status.
With the new online system, fees for basic application stages levied earlier will be removed and no fee will be charged for registration, reducing both processing time and government effort. In addition, the requirement for an affidavit in case of late applications will be replaced by a simple undertaking.
हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण नियमों में संशोधन को मंजूरी दी
विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एडीसी-कम-डीसीआरआईओज जिला रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण को सरल बनाने के उद्देश्य से हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण नियम, 2008 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। नए संशोधनों के तहत, अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी)-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी (डीसीआरआईओ) अब विवाह पंजीकरण के लिए जिला रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे।
ये जिला रजिस्ट्रार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों को नियंत्रित रखेंगे। इससे आवेदनों का सुचारू और तेज प्रसंस्करण सुनिश्चित होगा। इन बदलावों में नागरिकों की शिकायतों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित अपील प्रक्रिया भी शामिल की गई है।
अब सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, संयुक्त आयुक्त, डीएमसी, नगर निगमों में कार्यकारी अधिकारी, बीडीपीओ और ग्राम सचिवों को भी कुछ शर्तों के साथ अपने अधिकार क्षेत्र में विवाह पंजीकरण करने की शक्ति दी गई है ताकि स्थानीय स्तर पर विवाह पंजीकरण किया जा सके। विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को अब ऑनलाइन नियंत्रित किया जाएगा, जिससे नागरिकों के लिए काफी सरल और सुव्यवस्थित हो जाएगा।
सीआरआईडी द्वारा विकसित एक समर्पित विवाह पंजीकरण पोर्टल द्वारा सभी विवाह पंजीकरण रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया जाएगा। आवेदनों को मैन्युअल रूप से जमा करने की प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी। ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली में बदलाव से नागरिकों के लिए प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाएगी, जिससे कागजी कार्रवाई और व्यक्तिगत रूप से मिलने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल और डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड से नागरिकों के लिए अपने पंजीकरण की स्थिति तक पहुँच और उसे ट्रैक करना आसान हो जाएगा। नई ऑनलाइन प्रणाली के साथ, बुनियादी आवेदन चरणों के लिए शुल्क माफ कर दिया जाएगा, जिससे प्रसंस्करण समय और सरकारी प्रयास दोनों कम हो जाएंगे। इसके अलावा, देर से आवेदन करने की स्थिति में हलफनामे की आवश्यकता को एक सरल उपक्रम द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।
Haryana Cabinet approves Haryana Parivar Pehchan Authority (Group A and B) Service Rules 2024 and Haryana Parivar Pehchan Authority (Group C) Service Rules 2024
Chandigarh
Haryana Cabinet, which met under the chairmanship of Chief Minister Sh. Nayab Singh Saini, here today, has accorded approval to notify the Haryana Parivar Pehchan Authority (Group A and B) Service Rules, 2024 and Haryana Parivar Pehchan Authority (Group C) Service Rules, 2024. These service rules are framed to regulate the recruitment and service conditions for personnel appointed to the Haryana Parivar Pehchan Authority (HPPA).
With the State government's approval, the HPPA has created technical positions across various categories. These include the Chief Technology Officer, Solution Architect, System Administrator, Security Officer, Chief Administrative Officer, Administrative Officer, Superintendent, Legal Officer, and Chief Financial Officer besides posts of Team Lead, Application Lead, Manager Security Audit, and Accounts Officer, Software Developers, Senior Software Developers, Security Analysts, and Section Officers.
To govern the service conditions of officials in Group A, B, and C within the HPPA, these rules will now be known as the Haryana Parivar Pehchan Authority (Group A and B) Service Rules, 2024 and the Haryana Parivar Pehchan Authority (Group C) Service Rules, 2024.
हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप ए और बी) सेवा नियम 2024 और हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप सी) सेवा नियम 2024 को दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा मंत्रिमंडल ने आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप ए और बी) सेवा नियम 2024 और हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप सी) सेवा नियम 2024 को मंजूरी दे दी है। ये सेवा नियम हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) में नियुक्त कर्मियों की भर्ती और सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए बनाए गए हैं।
राज्य सरकार ने एचपीपीए में विभिन्न श्रेणियों में 38 पद सृजित किए हैं। इनमें चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, सॉल्यूशन आर्किटेक्ट, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, सिक्योरिटी ऑफिसर, चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, सुपरिंटेंडेंट, लीगल ऑफिसर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर का एक-एक पद शामिल हैं।
इसके अलावा, टीम लीड, एप्लीकेशन लीड, मैनेजर सिक्योरिटी ऑडिट और अकाउंट्स ऑफिसर के दो-दो पद, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के लिए आठ पद और सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, सिक्योरिटी एनालिस्ट और सेक्शन ऑफिसर के चार-चार पद हैं। एचपीपीए के अन्दर ग्रुप ए, बी और सी के अधिकारियों की सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए, इन नियमों को अब हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप ए और बी) सेवा नियम 2024 और हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (ग्रुप सी) सेवा नियम 2024 के रूप में जाना जाएगा।
Haryana cabinet approves Discontinuation of Abiana
Farmers' Abiana dues of about Rs 133.55 crore waived off, Discontinuation of Abiana to benefit 4,299 villages across Haryana
Chandigarh
In a significant move aimed at providing relief to the farming community, the Haryana Cabinet, chaired by Chief Minister Sh. Nayab Singh Saini here today, took a landmark decision to discontinue the levy of Abiana from farmers, effective April 1, 2024. This decisive action will result in a substantial one-time waiver of approximately Rs. 133.55 crore, benefitting farmers across the state.
Abiana, which is currently imposed on farmers for irrigation purposes, has been a significant financial burden. The discontinuation of Abiana will also provide annual relief amounting to Rs 54 crore, positively impacting farmers in 4,299 villages throughout Haryana.
It was also decided in the meeting that the notices sent to farmers for depositing Abiana after April 1, 2024, will also be withdrawn. Apart from this, if any farmer has deposited Abiana after April 1, 2024, then that amount will also be refunded to the farmer.
This decision underscores the government's commitment to supporting the farming community and alleviating their financial pressures. By removing this levy, the state aims to ease the economic burden on farmers and enhance their overall well-being.
किसानों के हित में हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला
अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही आबियाना प्रथा को किया खत्म
चंडीगढ़
किसानों के हितों में हरियाणा सरकार का बड़ा एतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही आबियाना प्रथा को खत्म कर दिया है। साथ ही, आबियाना का पिछला बकाया लगभग 133.55 करोड़ रुपये को भी माफ किया गया है, जिससे राज्य भर के किसानों को बहुत बड़ा लाभ होगा।मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, 1 अप्रैल, 2024 से अब प्रदेश में किसानों से आबियाना नहीं लिया जाएगा। इससे किसानों को प्रति वर्ष 54 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। इसका हरियाणा के 4,299 गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 1 अप्रैल, 2024 के बाद किसानों को आबियाना जमा कराने के जो नोटिस चले गए हैं, वो नोटिस भी वापिस होंगे। इसके अतिरिक्त, यदि 1 अप्रैल, 2024 के बाद किसी किसान ने आबियाना जमा करवा दिया है तो वो राशि भी किसान को वापिस दी जाएगी।
Haryana Cabinet Approves ‘Vivadon ka Samadhan’ Scheme to Resolve Milk Cess Liabilities, Offering Major Relief to Milk Plants
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved the introduction of the ‘Vivadon ka Samadhan’ scheme in respect of Milk Plants aimed at resolving the outstanding Milk Cess liabilities of milk plants in the state. This initiative, aims to provide a fair and structured resolution for milk plants that have defaulted on their Milk Cess payments as on July 31, 2024.
The ‘Vivadon ka Samadhan’ scheme offers a waiver/exemption from the levy of Milk Cess for the period from September 9, 2001 to July 9, 2002, as no rules were framed to collect the Milk Cess during this period. Instead of the compounded interest rate of 2% per month, the scheme proposes a levy of 8% simple interest per annum on the default amount for the period of default, which is a major relief to milk plants.
Under the payment terms, 50% of the recalculated default amount must be paid on or before September 30, 2024, and the remaining balance must be settled by November 30, 2024. This scheme aims at providing relief to 29 milk plants and aims at resolving a long standing request of the milk plants. It will further encourage investment in the milk sector infrastructure.
दुग्ध प्लांटों की डिफाल्ट राशि पर विवादों का समाधान स्कीम को मंजूरी
30 सितंबर 2024 तक देना होगा डिफाल्ट राशि का 50 प्रतिशत
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रीमंडल की बैठक में दुग्ध प्लांटों को एक बड़ी राहत देते हुए सैस की डिफाल्ट राशि की अदायगी के लिए विवादों का समाधान स्कीम को मंजूरी प्रदान की। यह स्कीम उन दुग्ध प्लांटों के लिए लागू होगी, जो 31 जुलाई 2024 तक दुग्ध सैस देने में डिफाल्ट थे।
हरियाणा मुर्राह भैंस एवं दुग्ध पशु प्रजाति अधिनियम 2001 के तहत डिफाल्ट राशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्याज देय था। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर 2024 से पहले डिफाल्ट राशि का 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। शेष राशि अगले दो महीने में 30 नवंबर 2024 तक देनी होगी। इस निर्णय से 29 दुग्ध प्लांटों को लाभ होगा और यह दूध के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री से दुग्ध प्लांटों का एक प्रतिनिधि मंडल मिला था, जिन्होंने सैस राशि में राहत देने की मांग की थी। विवादों के समाधान स्कीम 9 सितंबर, 2001 से 9 जुलाई 2002 के बीच की अवधि के लिए दुग्ध सेस माफ़ करने या छूट देने के लिए होगी क्योंकि इस अवधि के दौरान दुग्ध सेस एकत्रित करने के लिए कोई नियम नहीं बनाये गए थे।
Haryana Cabinet Approves Comprehensive Agniveer Policy 2024, Offering Job Reservations and Entrepreneurship Support
Chandigarh
Haryana Cabinet met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini, has approved the Haryana Agniveer Policy, 2024, which aims to provide comprehensive employment and entrepreneurship opportunities to Agniveers after their completion of service in the Armed Forces.
The Haryana Agniveer Policy, 2024, offers significant benefits in government recruitment, including a 10% horizontal reservation for Agniveers in direct recruitment for positions such as Constable, Mining Guard, Forest Guard, Prison Warder, and SPOs. The Agniveer shall be exempted from the written exam in case of these posts.
Apart from this, there will be a 5% horizontal reservation for Group C civil posts and a 1% horizontal reservation for Group B posts related to the Agniveers' skill specializations. The policy also includes age relaxation of three years for Group B and C posts, with a five-year age relaxation for the first batch of Agniveers. Furthermore, Agniveers will be exempted from the Common Eligibility Test requirement for Group C posts. They shall be exempt from both written test and skill test in case they have been awarded the requisite skill certificate.
For self-employment and entrepreneurship, the policy provides a subsidy of Rs. 60,000 annually to industries employing Agniveers, provided they are paid a salary exceeding Rs. 30,000 per month, including the subsidy amount. Agniveers will receive priority for gun licenses provided they fulfil conditions set out in Arms Act, preference in deployment through the Haryana Kaushal Rozgar Nigam Limited (HKRNL), and interest-free loans for up to three years for principal amount up to Rs. 5 lakhs to start their own businesses.
It is worth noting the fact that in the financial year 2022-23, a total of 1,830 Agniveers were selected from Haryana, and around 2,215 were recruited in 2023-24. After their four-year engagement, Agniveers will have the opportunity to apply for enrollment in the regular cadre of the Indian Army, with up to 25% of each batch being considered based on objective criteria, including performance during their service period. The policy will be implemented in 2026-27 when the first batch of Agniveers is relieved from the defence forces.
हरियाणा कैबिनेट ने व्यापक अग्निवीर नीति 2024 को मंजूरी दी, जिसमें नौकरी आरक्षण और उद्यमिता समर्थन शामिल है
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा अग्निवीर नीति, 2024 को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों में सेवा पूरी करने उपरांत अग्निवीरों को व्यापक रोजगार व उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है।हरियाणा अग्निवीर नीति, 2024 सरकारी नौकरियों में विशेष लाभ प्रदान करती है, जिसमें सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डर और एसपीओ जैसे पदों के लिए सीधी भर्ती में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत होरिजोंटल आरक्षण देना शामिल है। इन पदों के मामले में अग्निवीरों को लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी।
इसके अलावा, ग्रुप सी के सिविल पदों के लिए 5 प्रतिशत होरिजोंटल आरक्षण और अग्निवीरों की कौशल विशेषज्ञता से संबंधित ग्रुप बी के पदों के लिए 1 प्रतिशत होरिजोंटल आरक्षण दिया जाएगा। नीति में ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों के लिए निर्धारित आयु सीमा में तीन साल की में छूट भी शामिल है, जिसमें अग्निवीरों के पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष की होगी। अग्निवीरों को ग्रुप सी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा की आवश्यकता से छूट दी जाएगी। यदि उनके पास अपेक्षित कौशल प्रमाण पत्र है तो अग्निवीरों को लिखित एवं कौशल परीक्षा दोनों से छूट प्रदान की जाएगी।
नीति के तहत स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए अग्निवीरों को रोजगार देने वाले उद्योगों को प्रति वर्ष 60,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी बशर्ते कि उद्योगों द्वारा सब्सिडी राशि सहित अग्निवीर को प्रति माह 30,000 रुपये से अधिक वेतन दिया जाए। अग्निवीरों को बंदूक लाइसेंस के लिए प्राथमिकता मिलेगी बशर्ते वे शस्त्र अधिनियम में निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों। हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRN) के माध्यम से नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, अग्निवीर को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए 5 लाख रुपये तक की मूल राशि के लिए तीन साल तक बिना ब्याज ऋण दिया जाएगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2022-23 में हरियाणा से कुल 1,830 अग्निवीरों का चयन किया गया था और वर्ष 2023-24 में लगभग 2,215 की भर्ती की गई थी। चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को भारतीय सेना के नियमित कैडर में भर्ती के लिए आवेदन करने का अवसर मिलेगा, जिसमें प्रत्येक बैच के 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि के दौरान किये गए प्रदर्शन व निर्धारित शर्तों के आधार पर यह अवसर प्रदान किया जाएगा। यह नीति वर्ष 2026-27 में लागू की जाएगी जब अग्निवीरों का पहला बैच रक्षा बलों से अपनी सेवा पूरी करेगा।
Since 2014, jobs have been given on compassionate grounds to 403 dependents of martyrs in the state
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the chairmanship of Haryana Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today, approval was given to provide jobs to 14 dependents of martyrs. Among those given jobs are two dependents in Group B and 12 in Group C.
It is pertinent to mention that these applicants, although eligible under the policy, had not applied for compassionate appointments within the three-year time limit due to being unaware of the Haryana Government's compassionate policy or because they were minor at the time.
The dependents of the martyrs who have been provided jobs include Satendra Singh, son of Subedar Kailash Singh, who was martyred on January 18, 2001 during Operation Rakshak in Jammu and Kashmir, Abhinay Kumar, son of Naik Deshraj, who was martyred on October 12, 2007 during Operation Rakshak, Khushboo, daughter of Sepoy Rajendra, who was martyred on February 23, 2004 during Operation Rakshak, Atul Kumar, son of Havaldar Risipal Singh, who was martyred on November 19, 2016 in Operation Rhino, Amit Kumar, son of Sepoy Anil Kumar, who was martyred on November 6, 2002 during Operation Rakshak, Kumari Asha, daughter of Sepoy Bhoop Singh, who was martyred on October 5, 1999 during Operation Rakshak, Pritam Kumar, son of Naib Subedar Anoop Singh, who was martyred on August 31, 2002 during Operation Parakram, Vicky Dalal, son of Grenadier Pramod Kumar who was martyred on September 17, 2002 during Operation Rakshak, Hitesh Khatana, son of Naik Maan Singh who was martyred on April 29, 2003 in Operation counterinsurgency , Kumari Jyotsna, daughter of Sepoy Ramphal Yadav who was martyred on August 16, 2002 in Jammu & Kashmir during an encounter with terrorists, Gurdeep, brother of Sepoy Pradeep Kumar who was martyred on August 5, 2005 during Operation Rhino, Rambir, son of Sepoy Rajendra Kumar who was martyred on May 21, 1997 during Operation Rhino, Aditya Kumar, son of CFN Praveen Kumar who was martyred on December 2, 1999 during Operation Rakshak and Rohit, son of Sepoy Randhir Singh who was martyred in a grenade blast on August 7, 2006.
वर्ष 2014 से अब तक प्रदेश में 403 शहीदों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरियां दी गई
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 14 शहीदों के आश्रितों को नौकरी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई। जिन्हें नौकरियां प्रदान की गई हैं, उनमें ग्रुप बी के दो तथा ग्रुप सी के 12 आश्रित शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा शहीदों के जिन 14 आश्रितों को नौकरियां प्रदान की गई हें उनमें वे लोग शामिल है, जो शहीद के शहादत के समय नाबालिग थे और शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं करते थे या उन्हें सरकार की अनुकंपा आधार पर दी जाने नौकरी की योजना का ज्ञान नहीं था या फिर उन्होंने योजना के तहत तीन वर्ष की तय समय सीमा के भीतर नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया।
जिन शहीदों के आश्रितों को नौकरी प्रदान की गई हैं, उनमें जम्मू-कश्मीर में ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 18 जनवरी, 2001 को शहीद हुए सूबेदार कैलाश सिंह के पुत्र सतेन्द्र सिंह, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 12 अक्तूबर, 2007 को शहीद हुए नायक देशराज के पुत्र अभिनय कुमार, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 23 फरवरी, 2004 को शहीद हुए सिपाही राजेन्द्र के पुत्री खूशबू को, ऑप्रेशन रहीनो में 19 नवम्बर, 2016 को शहीद हुए हवलदार रिसीपाल सिंह के पुत्र अतुल कुमार को, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 6 नवम्बर, 2002 को शहीद हुए सिपाही अनिल कुमार के पुत्र अमित कुमार को, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 5 अक्तूबर, 1999 को शहीद हुए सिपाही भूप सिंह की पुत्री कुमारी आशा को, ऑप्रेशन पराक्रम के दौरान 31 अगस्त, 2002 को शहीद हुए नायब सूबेदार अनूप सिंह के पुत्र प्रीतम कुमार, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 17 सितम्बर, 2002 को शहीद हुए गे्रनेडियर प्रमोद कुमार के पुत्र विक्की दलाल को, ऑप्रेशन काउंटर इन्सर्जेंसी में 29 अप्रैल, 2003 को शहीद हुए नायक मान सिंह के पुत्र हितेश खटाना को, आंतकवादी मुतभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर में 16 अगस्त, 2002 को शहीद हुए सिपाही रामफल यादव की पुत्री कुमारी ज्योत्सना को, ऑप्रेशन रहीनो के दौरान 5 अगस्त, 2005 को शहीद हुए सिपाही प्रदीप कुमार के भाई गुरदीप को, ऑप्रेशन रहीनो के दौरान 21 मई, 1997 को शहीद हुए सिपाही राजेन्द्र कुमार के पुत्र रामबीर को, ऑप्रेशन रक्षक के दौरान 2 दिसम्बर, 1999 को सीएफएन प्रवीन कुमार के पुत्र आदित्य कुमार को तथा 7 अगस्त, 2006 को ग्रेनेड ब्लॉस्ट में शहीद हुए सिपाही रणधीर सिंह के पुत्र रोहित को नौकरी प्रदान करना शामिल है।
Haryana cabinet okays jobs for dependents of 14 martyrs
Chandigarh
Haryana Cabinet, which met under the chairmanship of Chief Minister Sh. Nayab Singh Saini, here today, has granted approval to provide compassionate appointment to the 14 dependents of “Battle Casualty” of Armed Forces personnel/Para Military Personnel.
These applicants, although eligible under the policy, had not applied for compassionate appointments within the three-year time limit due to being unaware of the Haryana Government's compassionate policy or because they were minor at the time. These appointments are now being given by giving relaxation in the policy. Of the 14 cases, 2 individuals have been appointed to Group B positions, while 12 have been appointed to Group C posts.
The compassionate appointments, made with policy relaxation, are as follows: Satender Singh, Abhiney Kumar, Miss Khushboo, Sh. Atul Partap, Sh. Amit Kumar, Miss Asha, Sh. Pritam Singh, Sh. Vicky Dalal, Kumari Jyotsna, Sh. Hitesh Khatana, Sh. Gurdeep, Sh. Rambir Kumar, Sh. Aditya Kumar, and Sh. Rohit.
हरियाणा मंत्रिमंडल ने 14 शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने की दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा मंत्रिमंडल की आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक कर्मियों के युद्ध में हताहत हुए 14 आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति प्रदान करने को मंजूरी दी गई। ये नियुक्तियां नीति में छूट देकर दी गई हैं। 14 मामलों में से 2 व्यक्तियों को ग्रुप बी पदों पर नियुक्त किया गया है, जबकि 12 को ग्रुप सी पदों पर नियुक्त किया गया है।
नीति में छूट के साथ की गई अनुकंपा नियुक्तियां इस प्रकार हैं- सतेंद्र सिंह, अभिनय कुमार, कुमारी खुशबू, श्री अतुल प्रताप, श्री अमित कुमार, कुमारी आशा, श्री प्रीतम सिंह, श्री विक्की दलाल, कुमारी ज्योत्सना, श्री हितेश खटाना, श्री गुरदीप, श्री. रामबीर कुमार, श्री आदित्य कुमार और श्री रोहित का नाम शामिल है।
ये आवेदक, हालांकि नीति के तहत पात्र थे, लेकिन हरियाणा सरकार की अनुकंपा नीति से अनभिज्ञ होने या उस समय नाबालिग होने के कारण उन्होंने तीन साल की समय सीमा के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया था।
Mining Department Officer to be empowered with challaning powers for the goods vehicles carrying mining material only
Haryana Cabinet nods to the proposal for the same
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today approved a proposal regarding the grant of challaning powers under Haryana Motor Vehicles Rules,1993.Now, the officers of the Mining Department not below the rank of Mining Officer will also be empowered with challaning powers for the goods vehicles carrying mining material only.
This will help to strengthen the process of checking by the department and the provisions of the said act will be enforced more effectively in the state. The said officers of the Mining Department shall also have the powers to challan the overloaded goods vehicles carrying mining material only.
खनन विभाग के अधिकारियों को भी होगी चालान करने की शक्ति
परिवहन विभाग के प्रस्ताव को हरियाणा मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मोटर वाहन नियम, 1993 के तहत चालान करने की शक्ति प्रदान करने के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब खनन अधिकारी या इससे उच्च रैंक के अधिकारियों के पास खनन सामग्री ले जाने वाले माल वाहकों के चालान करने की शक्ति होगी।
हरियाणा राज्य में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों को लागू करने के लिए, हरियाणा मोटर वाहन नियम, 1993 के नियम 225 के तहत स्थापित मोटर वाहन विभाग को खनन विभाग के अधिकारियों, जो खनन अधिकारी के पद से नीचे के न हों, को चालान करने की शक्तियां देकर पुनर्गठित किया जाना आवश्यक है।
मोटर वाहन विभाग के पुनर्गठन से विभाग द्वारा जांच की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने में सहायता मिलेगी तथा उक्त अधिनियम के प्रावधानों को राज्य में अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा। तदनुसार, हरियाणा मोटर वाहन नियम, 1993 के नियम 225 और 226 में संशोधन किया गया है।
Chief Minister Makes Major Announcements for ‘Govansh Sanrakshan’ and strengthening the Gaushalas
Initiates Campaign to Make the State Stray Cattle-Free
Panchkula
Haryana Chief Minister, Nayab Singh Saini has initiated a campaign to make the state stray cattle-free while making several significant announcements for cow protection (Govansh Sanrakshan) and strengthening of gaushalas. Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini made these announcements at ‘Gau Seva Sammelan’ held in Panchkula today.
He announced a five-fold increase in the grant for fodder from Rs. 4 to Rs. 20 per cow per day, effective from August 1, 2024. Apart from this, he announced Rs. 25 per day for bulls and Rs. 10 per day for calves for fodder.
Immediate Cash Payment for Bringing Stray Cattle to Gaushalas
CM announced immediate cash payments of Rs. 600 per cow and Rs. 800 per bull for bringing stray cattle to gaushalas. He also announced grant of Rs. 20 per day for calves, Rs. 30 per day for cows, and Rs. 40 per day for bulls for fodder.
Approval for Leasing Panchayat Land to Gaushalas to be granted directly from the Chief Minister’s Office
Sh. Nayab Singh Saini announced that under the Haryana Shamlat Land Amendment Rules 2023, any panchayat can lease its land for 20 years to establish gaushalas with government approval. So far, two gaushalas have been granted panchayat land under this rule. Approval, which was previously granted in the Cabinet meeting, will now be obtained directly from the Chief Minister’s office.
Gaushalas to Receive Rs. 1.25 Lakhs per e-Rickshaw Based on Capacity
He announced that there will be no stamp duty on land purchases for new gaushalas. No CLU or any other fees will be required for setting up new gaushalas, and no permission will be needed to install a tubewell. He also announced that gaushalas with 1,000 cows will get one e-rickshaw and those with more than 1,000 cows will get two e-rickshaws.
For this, gaushalas will be given an amount of Rs. 1.25 lakhs per e-rickshaw . He stated that solar power plants have been installed in 331 of the 675 registered gaushalas in the state, and the remaining 344 will also have solar power plants installed. A 5 percent subsidy will be provided by the Gau Seva Ayog and 85 percent by HAREDA for solar power plants.
Veterinary Surgeons and VLDAs to visit Gaushalas
The Chief Minister announced that government veterinary surgeons will visit gaushalas with more than 3,000 cows while government VLDAs will visit gaushalas with less than 3,000 cows once a week for cow check up and treatment. The state government has arranged for 70 mobile veterinary hospitals. These hospitals will be available one day a week exclusively for the treatment, tagging, vaccination, and counting of cattle in gaushalas.
Farmers Keeping Indigenous (Desi) Cows to Receive Rs. 30,000 Annual Subsidy
He announced that farmers promoting natural farming by keeping indigenous (Desi) cows will receive an annual subsidy of Rs. 30,000 per cow. A committee of veterinarians, administrators, or municipal secretaries and representatives of gaushalas will verify the number of cows in gaushalas in each city.
Whenever stray cattle are seen on the streets, gaushalas will be encouraged to catch them and the stray cattle will be monitored through a RFID tag. No tax will be levied on the property of gaushalas.
Chief Minister Releases grant to Gaushalas under Three Schemes
On this occasion, he released the first installment of Rs. 32.73 crores as fodder grant for the financial year 2024-25 under the Gaushala and Gosadan Vikas Yojana. He distributed checks of grant money under the scheme to one gaushala each of 22 districts.
Additionally, he released the third installment of Rs. 3.23 crores as fodder grant for 51 gaushalas for the financial year 2023-24. He also released Rs. 29.36 lakhs to 42 registered gaushalas under the Besahara Govansh Punarvas Abhiyan .
Indigenous Cow's Milk Beneficial in Preventing and Treating Diabetes and Heart Diseases
The Chief Minister said that cow's milk is considered nectar. Scientific research has proven that the milk of indigenous cows, due to its A2 genetics, is extremely beneficial in preventing and treating diabetes and heart diseases. Cow's milk is considered as beneficial as mother's milk. Recognizing these scientific facts, we must understand the importance of indigenous cattle and take concrete steps for their protection and development to preserve our invaluable cow wealth.
Strict Laws Enacted by Central and State Governments for Cow Protection
He said that in our state, cows have been a primary source of livelihood for small and marginal farmers. Strict laws have been enacted by the central and state governments for cow protection. Under the "The Haryana Gauvansh Sanrakshan and Gausamvardhan Act, 2015," there is a provision for imprisonment of up to 10 years and a fine of up to Rs. 1 lakh for cow slaughter.
Those involved in cow smuggling can be imprisoned for up to 7 years, and the vehicle used will be confiscated, along with a fine of up to Rs. 70,000. In case of non-payment of the fine, there is an additional provision of imprisonment for up to one year.
Additionally, a state-level special cow protection task force has been formed to prevent cow slaughter and cow smuggling. Cow meat testing labs have been established in Faridabad and Yamunanagar to ensure the conviction of offenders.He said that besides legal provisions, it is also essential to reconnect the masses with the cow as before.
For this, all cow devotees must run awareness campaigns.Non-governmental organizations can also play an effective role in this task. They should definitely seek their cooperation. He said that the present government has taken several steps for cow protection. The number of gaushalas in the state, which was 215 in 2014, has now increased to 675.
Over the past 10 years, the government has provided a grant of Rs. 238 crores for fodder in these gaushalas. Additionally, Rs. 30 crores have been provided for constructing 388 sheds in gaushalas. He said that apart from gaushalas, cow sanctuaries have also been established to shelter cows.
A cow sanctuary with a capacity of 3,000 cows has been built on 50 acres in village Nain, district Panipat. Another sanctuary with a capacity of 3,000 cows has been built in village Dhandur, district Hisar.
Rashtriya Gokul Mission Implemented for the Protection and Promotion of Indigenous Cows
The Chief Minister said that effective steps must be taken for the protection and promotion of indigenous cows to restore their honor. In this direction, Prime Minister, Sh. Narendra Modi has implemented the Rashtriya Gokul Mission for the protection and promotion of indigenous cows.
Under this mission, interest subsidies on bank loans taken for establishing dairies of 20 indigenous cows, such as Hariana, Sahiwal, Belahi, Tharparkar, and Gir, are provided. He said that under the Mini Dairy Scheme for indigenous cows, 50 percent subsidy on the purchase value of cows is given to livestock owners who set up dairy units with 3 and 5 indigenous cows for the protection and development of indigenous breeds and to promote cow conservation in the state. Under this scheme, more than Rs. 82.85 crores have been provided to 7,533 beneficiaries.
Four Cattle Conservation and Research Centres Near Completion
Sh. Nayab Singh Saini mentioned that four cattle conservation and research centres are nearing completion with an investment of Rs. 37 crores. These centres are being established in Keorak, district Kaithal, Lakaria, district Jhajjar, Uchani, district Karnal and Mahendragarh. He said that the Haryana Gauvansh Research Centre has been established in Sukhdarshanpur (Panchkula) for research and development on Panchgavya-based products.
He announced plans to build stray cattle hospitals in all districts of the state to treat stray cattle. He called upon all the gausevaks present to unite and work towards bringing stray cattle into gaushalas and making the state stray cattle-free. He assured that the government will leave no stone unturned in helping them.
Gita Manishi Swami Gyananand Ji Maharaj stated that the Panchgavya of Cows is Like Nectar
Gita Manishi Swami Gyananand Ji Maharaj, commended Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini for implementing such significant announcements for cow protection. He said that cow's Panchgavya is like nectar, and the more it is used, the better our health will be. He said that the divine elements present in cow's Panchgavya are also found in the divine cow Kamdhenu.
Haryana Animal Husbandry and Dairying Minister, Sh. Kanwar Pal said that the budget of Haryana Gau Seva Aayog has been increased from Rs. 40 crore to about Rs. 510 crore. It will be increased further if required. He said that we have to make the country a leading country in the world while maintaining our culture and values.Haryana Vidhan Sabha Speaker Sh Gian Chand Gupta said that in our society, cow has been given the status of mother.
He said that cow is the basis of our life and it is our moral responsibility to serve and protect cows.Urban Local Bodies Minister, Sh. Subhash Sudha called upon all cow devotees to ensure that no cow remains on the roads. Giving the example of the model gaushala of Hisar, he said that all the necessary facilities should be provided in all the gaushalas of the state.
On this occasion, Vice Chairman of Haryana Gauseva Ayog , Sh. Purna Yadav, Chairman, Haryana Livestock Development Board, Sh. Dharmveer Mirzapur, MLA Kosli Laxman Yadav and MLA, Sh. Jagdish Nayar, Additional Chief Secretary of Animal Husbandry and Dairying Department Dr. Raja Sekhar Vundru, Commissioner and Secretary of Urban Local Bodies Department, Sh Vikas Gupta, Deputy Commissioner Dr. Yash Garg, besides senior officers were present.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गौवंश संरक्षण और गौशालाओं को सशक्त बनाने के लिए की अनेक बड़ी घोषणाएं
प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश बनाने के लिए बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान का किया शुभारंभ
पंचकूला
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश बनाने के लिए बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान का शुभारंभ करते हुए गौवंश संरक्षण और गौशालाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक बड़ी घोषणाएं की। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यह घोषणाएं आज पंचकूला में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में की।
उन्होंने प्रति गाय 4 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से सभी गौशालाओं को चारे के लिए अनुदान राशि को एक अगस्त 2024 से पांच गुना करके प्रति गाय 20 रूपये प्रतिदिन करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने नंदी के लिए 25 रूपये प्रतिदिन और बछड़ा/बछड़ी के लिए 10 रूपये प्रतिदिन चारा अनुदान की घोषणा भी की।
बेसहारा गाय/बछड़ा/बछड़ी पकड़कर अपनी गौशाला में लाने के लिए मिलेगा तुरंत नगद भुगतान
उन्होंने बेसहारा गाय/बछड़ा/बछड़ी पकड़कर अपनी गौशाला में लाने के लिए 600 रूपये प्रति गाय और 800 रूपये प्रति नन्दी की दर से तुरंत नगद भुगतान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसे पकड़े गए बेसहारा पशुओं में से बछड़ा/बछड़ी के लिए 20 रूपये, गाय के लिए 30 रूपये तथा नन्दी के लिए 40 रूपये प्रतिदिन चारा के लिए अनुदान दिया जाएगा।
ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे पर पंचायती जमीन देने की स्वीकृति अब सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से मिल सकेगी
श्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा करते हुए कहा कि ग्राम शामलात भूमि हरियाणा संशोधन नियम 2023 के तहत अब सरकार की स्वीकृत उपरांत कोई भी पंचायत अपनी पंचायती भूमि गौशाला की स्थापना के लिए 20 सालों के पट्टे पर किसी संस्थान को दे सकती है। हमने इस नियम के तहत अब तक दो गौशालाओं को पंचायती भूमि पट्टे पर देने का काम किया है, जिसमें जिला नूहूं की ग्राम पंचायत हसनपुर और रांगला शामिल हैं।
हमने ये भी निर्णय किया है कि ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे पर पंचायती जमीन देने की यह स्वीकृति पहले मंत्री परिषद की बैठक में दी जाती थी, अब यह स्वीकृति मुख्यमंत्री कार्यालय से ही मिलनी शुरू हो जाएगी।
क्षमता के हिसाब से गौशालाओं को 1.25 लाख रूप्ये प्रति ई-रिक्शा के मिलेंगे
उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश में नई गौशाला के लिए जमीन खरीदने पर कोई स्टाम्प डयूटी नहीं लगेगी। साथ ही नई गौशाला के लिए ना तो सीएलयू लेने की आवश्यकता होगी और ना ही कोई ईडीसी या और किसी किस्म की फीस देनी होगी। गौशाला में एक टयूबवैल लगाने के लिए कोई अनुमति आवश्यक नहीं होगी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि एक हजार गायों वाली गौशाला के लिए एक ई-रिक्शा तथा इससे अधिक गायों वाली गौशालाओं के लिए दो ई-रिक्शा खरीद के लिए 1.25 लाख रूपये प्रति ई-रिक्शा दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंजीकृत 675 गौशालाओं में से 331 गौशालाओं में सौर उर्जा प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने शेष 344 गौशालाओं में भी सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सौर उर्जा प्लांट के लिए गौसेवा आयोग की तरफ से 5 प्रतिशत और हरेडा की तरफ से 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
वैटनरी सर्जन और वीएलडीए गौशालाओं में करेंगे गायों की जांच
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि तीन हजार से अधिक गाय वाली गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन सरकारी वैटनरी सर्जन और तीन हजार से कम गाय वाली गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन सरकारी वीएलडीए गायों की जांच व उपचार के लिए दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 70 मोबाइल पशु चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने घोषणा की कि मोबाईल पशु चिकित्सालय सप्ताह में एक दिन केवल गौशालाओं के गौवंश के उपचार, टैगिंग, टीकाकरण, गिनती आदि के लिए उपलब्ध होंगी।
देशी गाय रखने वाले किसानों को वर्ष में मिलेगा 30 हजार का अनुदान
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जो किसान देशी गाय रखेगा उसे प्रति गाय 30 हजार रूपये वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर शहर में पशु चिकित्सक, प्रशासक या सचिव नगर-निकाय तथा गौशाला के प्रतिनिधियों की समिति गौशालाओं में गौवंश संख्या की तस्दीक करेगी। शहर में जब भी बेसहारा गौवंश सड़कों पर दिखेगा, गौशालाओं को उन्हें पकड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा तथा एक आर.एफ.आई.डी टैग द्वारा इन बेसहारा गौवंश की निगरानी भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की प्रापर्टी पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा।
मुख्यमंत्री ने तीन योजनाओं के तहत अनुदान राशि गौशालाओं को की जारी
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यह घोषणाएं आज पंचकूला में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में की। इस अवसर पर उन्होंने रिमोर्ट का बटन दबाकर गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के अंतर्गत गौशालाओं को वित वर्ष 2024-25 के लिए चारा अनुदान के लिए 32.73 करोड़ रूपये प्रथम किस्त के रूप में जारी किए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 22 जिला की प्रत्येक गौशाला को गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के चैक वितरित किए। इसके अलावा उन्होंने वित वर्ष 2023-24 की बची हुई 51 गौशालाओं को 3.23 करोड़ रूप्ये तृतीय चारा अनुदान राशि जारी की। उन्होंने बेसहारा गौवंश पुनर्वास अभियान के तहत 42 पंजीकृत गौशालाओं को 29.36 लाख रूपये की राशि भी जारी की।
गाय को माता का दर्जा दिया गया है
श्री नायब सिंह सैनी ने उपस्थित सभी गौसेवकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सब गौसेवा के माध्यम से भारत की संस्कृति को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश और समाज में गाय आदिकाल से ही पूजनीय रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवता निवास करते हैं।
गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों की स्वामिनी भी कहा गया है। समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक कामधेनु गाय थी। उन्होंने कहा कि गौ सेवा, गौ पालन और गौ रक्षा का किसी न किसी रूप में हमारे धर्म-ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है। वेदों में गाय की महिमा का व्यापक रूप से वर्णन मिलता है। हमारे यहां गाय को माता का दर्जा दिया गया है।
देशी गाय का दूध डाइबिटीज व हृदय रोगों से बचाव व उपचार में अत्यन्त लाभकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान माना जाता है। वैज्ञानिक शोधों से भी यह प्रमाणित हो चुका है कि देशी गाय का दूध उसकी ए-2 आनुवांशिकी के कारण डाइबिटीज व हृदय रोगों से बचाव व उपचार में अत्यन्त लाभकारी है। गाय का दूध मां के दूध के समान गुणकारी माना गया है।
गाय का दूध तो अमृत है ही, गोमूत्र तथा गोबर को भी भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार बड़ा उपयोगी माना गया है। इन वैज्ञानिक तथ्यों को देखते हुए अब फिर से हमें देसी गौवंश के महत्व को समझना होगा तथा उनके संरक्षण एवं विकास के लिए और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम अपनी अमूल्य निधि गौधन को सुरक्षित रख सकें।
गायों की सुरक्षा के लिए केंन्द्र व राज्य सरकार ने बनाए कड़े कानून
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में गाय छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका का एक मुख्य साधन रही है। गायों की सुरक्षा के लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने कड़े कानून बनाये हैं। हमारी सरकार ने ’’हरियाणा गौ वंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम-2015’’ के अंतर्गत गौ हत्या करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक कारावास व एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया है।
गौ तस्करी करने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष तक कैद और उपयोग किये जाने वाले वाहन को जब्त करने के अतिरिक्त 70 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना राशि अदा न करने पर एक साल तक की अतिरिक्त कैद का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा गौ-हत्या व गौ-तस्करी को रोकने के लिए राज्यस्तरीय विशेष गौ संरक्षण कार्यबल का गठन किया गया है। गौ-हत्या के अपराधियों को सजा दिलाने के लिए फरीदाबाद व यमुनानगर में गौमास टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं।
गौरक्षा के लिए गौभक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा
उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधान करने के अलावा जनमानस को गौ माता के साथ पहले की तरह जोड़ना भी जरूरी है। इसके लिए आप सभी गौ भक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा। इस काम में स्वयं सेवी संगठन भी कारगर भूमिका निभा सकते है। आप उनका सहयोग भी अवश्य लें। उन्होंने कहा कि गौ माता की सुरक्षा के लिए वर्तमान सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।
राज्य में गौशालाओं की संख्या जो वर्ष 2014 में 215 होती थी, अब बढ़कर 675 हो गई है। इन गौशालाओं में चारे के प्रबंध के लिए हमारी सरकार ने पिछले लगभग 10 सालों में 238 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। इसके अलावा, गौशालाओं में 388 शैड बनाने के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि गौ माता को आश्रय देने के लिए गौशालाओं के अलावा गौ अभ्यारण्यों की स्थापना भी की गई है। गांव नैन जिला पानीपत में 50 एकड में 3000 गौवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है। गांव ढंढुर जिला हिसार में भी 3,000 गोवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है।
देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन किया लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता को पहले जैसा सम्मान दिलाने के लिए हमें देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कारगर कदम उठाने होंगे। इस दिशा में कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू किया है। देशी नस्ल की गाय, जैसे कि हरयाणा, साहीवाल, बेलाही, थारपारकर, गिर आदि की 20 पशुओं की डेरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को गाय की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देशी गायों की मिनी डेरी योजना के तहत गाय की देशी नस्लों के संरक्षण एवं विकास तथा राज्य में गौ संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए देशी नस्ल की 3 व 5 गायों की डेरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को गायों के खरीद मूल्य पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना में 7 हजार 533 लाभार्थियों को 82 करोड़ 85 लाख 67 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
प्रदेश में चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में
श्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि देशी गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में 37 करोड़ रुपये की लागत से चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। ये केन्द्र जिला कैथल के क्योड़क, झज्जर के लकड़िया, करनाल के उचानी और महेन्द्रगढ़ में स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचगव्य आधारित उत्पादों पर अनुसंधान और विकास के लिए हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र सुखदर्शनपुर (पंचकूला) की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में बेसहारा गौवंश पशु चिकित्सालय बनाने की योजना है ताकि बेसहारा गौवंश का इलाज व रखरखाव किया जा सके।उन्होंने उपस्थित सभी गौसेवकों से आह्वान किया कि सब एकजुट होकर बेसहारा गौवंश को गौशालाओं में लाने का काम करें और प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि सरकार आपकी मदद के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़गी।
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि भारतीय नस्ल की गायों के पंचगव्य को विश्व के अन्य देशों ने भी माना है। कोविड के समय में इन्हीं गायों के पंचगव्य को वैज्ञानिक और व्यवाहारिक तौर पर धरातल पर देखने को मिला। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार गौसेवा आयोग के बजट को 40 करोड़ रूपये से बढ़ाकर करीब 510 करोड़ रूपये किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और मूल्यों को बनाए रखते हुए देश को विश्व का अग्रणिय देश बनाना है। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि हमारे समाज में गाय को माता का दर्जा दिया है। गायों में 33 कोटि देवी-देवता वास करते हैं। गाय हमारे जीवन का आधार है और गायों की सेवा और रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री श्री सुभाष सुधा ने सभी को गौभक्तों से आह्वान किया कि वो सुनिश्चित करें कि कोई भी गौवंश सड़कों पर ना रहे। उन्होंने हिसार की माॅडल गौशाला का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश की सभी गौशालाओं में सभी आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए। गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्री श्रवण गर्ग ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 675 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिसमें 4.50 लाख गौवंश है। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने प्रदेश की गौशलाओं की विभिन्नों मांगों को रखा।
इस अवसर पर हरियाणा गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूर्ण यादव, पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, विधायक कोसली लछमन यादव और जगदीश नैयर, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, शिवालिक बोर्ड के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश देवीनगर, प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. राजा सेखर वुंदरू, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव श्री विकास गुप्ता, उपायुक्त डा. यश गर्ग, पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
Dr. Kamal Gupta virtually Inaugurates 4 Special Newborn Care Units
The establishment of SNCUs has significantly reduced the infant mortality rate in the state
Chandigarh
Haryana's Minister of Health, AYUSH, and Civil Aviation, Dr. Kamal Gupta, virtually inaugurated four Special Newborn Care Units (SNCUs) at Civil Hospital, Charkhi Dadri, First Referral Unit-2, Sector-3, Faridabad, Sub District Hospital, Narwana, District Jind and SDH, Sohna, District Gurugram.
During the inauguration ceremony, Additional Chief Secretary, Health & Family Welfare Department, Sh. Sudhir Rajpal, was also present. Dr. Gupta mentioned that there were previously 24 SNCUs in Haryana. With the inauguration of these new four SNCUs, the total number has now reached 28, which is a matter of great pride.
He noted significant progress in reducing the infant mortality rate, which currently stands at 28 per 1,000 live births, down from 41 per 1,000 live births in 2013 (as per SRS 2013). The neonatal mortality rate (NMR) has also decreased from 26 (SRS 2013) to 19 (SRS 2020).
The rapid growth of SNCUs, Newborn Stabilization Units (NBSUs), and NBCC has contributed to this reduction in neonatal mortality. A large number of sick newborns are admitted to these special care units each year, with 50% of them being underweight. Each SNCU provides free services, including admission, medication, tests, free meals for mothers, and free ambulance services for sick newborns.
The Health Minister stated that these SNCUs offer various facilities to newborns with the help of radiant warmers, phototherapy, micro and ultra care units, multi-parameter monitors, oxygen delivery equipment, etc. Prematurely born newborns, low birth weight (LBW) babies, those suffering from birth asphyxia, infections, neonatal jaundice, congenital anomalies, etc., are admitted to these SNCUs.
Dr. Gupta emphasized that the new SNCUs will help reduce the burden on the existing units. After discharge from the SNCUs, regular follow-up visits for admitted newborns are conducted. Not only facility-based services but also community-based services provided by ANMs/ASHAs have helped in lowering the NMR. The state is committed to providing quality healthcare services to all newborns.
On this occasion, the Mission Director, National Health Mission, Haryana, Dr. Aditya Dahiya, Director General Health Services Dr. J.S. Poonia, DGHS-II Dr. Manish Bansal, besides other senior officers of the Health Department were also present.
डॉ. कमल गुप्ता ने 4 स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट्स का वर्चुअल माध्यम से किया उद्घाटन
एसएनसीयू के खुलने से राज्य ने शिशु मृत्यु दर को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है
चंडीगढ़
हरियाणा के स्वास्थ्य, आयुष एवं नागरिक उड्डïयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने सिविल अस्पताल, चरखी दादरी, फस्र्ट रेफरल यूनिट-2, सेक्टर-3, फरीदाबाद, उप जिला अस्पताल, नरवाना, जिला जींद और उप जिला अस्पताल, सोहाना, जिला गुरुग्राम में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थापित 4 विशेष नवजात देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया।
डॉ. कमल गुप्ता ने आज चण्डीगढ़ में अपने कार्यालय से चार जिलों में विशेष नवजात देखभाल इकाइयों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं भी दी। उद्घाटन समारोह के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल भी उपस्थित थे।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में पहले 24 एसएनसीयू थी, आज नए चार एसएनसीयू के उद्घाटन के बाद कुल 28 एसएनसीयू हो गए हैं जो कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हरियाणा की शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 28 है जो 2013 (एसआरएस 2013 के अनुसार आईएमआर-41) से 13 अंकों की उल्लेखनीय कमी आई है।
नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 26 (एसआरएस 2013) से घटकर 19 (एसआरएस 2020) हो गई है। राज्य में एसएनसीयू, नवजात स्थिरीकरण इकाइयों (एनबीएसयू) और एनबीसीसी के तेजी से बढऩे से नवजात मृत्यु दर में कमी आई है। विशेष नवजात देखभाल इकाइयों में प्रति वर्ष बहुत अधिक संख्या में बीमार नवजात शिशु भर्ती होते हैं। भर्ती होने वाले कुल नवजात शिशुओं में से 50 प्रतिशत कम वजन के होते हैं। प्रत्येक एसएनसीयू बीमार नवजात को भर्ती, दवा, जांच, मां के लिए मुफ्त आहार, मुफ्त एम्बुलेंस सेवाओं के रूप में मुफ्त सेवाएं प्रदान करता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा एसएनसीयू में इन नवजात शिशुओं को रेडिएंट वार्मर, फोटोथेरेपी, माइक्रो, अल्ट्रा केयर यूनिट, मल्टी पैरा मॉनिटर, ऑक्सीजन वितरण उपकरण आदि की मदद से विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। समय से पहले जन्मे नवजात शिशु, कम वजन वाले (एलबीडब्ल्यू) बच्चे, जन्म के समय श्वासावरोध, संक्रमण, नवजात पीलिया, जन्मजात विसंगतियों आदि से पीडि़त नवजात शिशुओं का इन एसएनसीयू में दाखिल किया जाता है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि एसएनसीयू निश्चित रूप से पहले से मौजूद एसएनसीयू पर बोझ कम करने में मदद करेंगे। भर्ती नवजात शिशुओं की एसएनसीयू से छुट्टी के बाद नियमित फॉलो-अप विजिट भी होती है। न केवल सुविधा आधारित सेवाएं बल्कि एएनएम/आशा द्वारा की जाने वाली समुदाय आधारित सेवाओं ने भी एनएमआर को नीचे लाने में मदद की है। राज्य सभी नवजात शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके अलावा, सभी माताएं और उनके नवजात शिशु जल्दी स्वस्थ हों, खुश हों और ठीक होकर अपने घरो को लौटे। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक डॉ. आदित्य दहिया, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जे.एस. पुनिया, डीजीएचएस-॥ डॉ. मनीष बंसल, एनएचएम के महानिदेशक डॉ. राजीव बिस्ट, एनएचएम के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. कुलदीप तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।
All legitimate demands of Anganwadi helpers and workers will be met soon- Aseem Goel Naneola
Meeting of the Women and Child Development Department held
Chandigarh
Haryana Minister of State for Women and Child Development, Sh. Aseem Goel Naneola stated that all legitimate demands of Anganwadi helpers and workers will be fulfilled as soon as possible. He assured that there will be no shortage of funds from the government to strengthen the basic infrastructure of Anganwadis.
Sh. Naneola shared this information after a meeting with departmental officers today. Commissioner and secretary Women and Child Development Department, Smt. Amneet P. Kumar, Director, Smt. Monica Malik, and other senior officers were also present during the meeting.
The Minister of Women and Child Development directed the officers to promptly resolve the issues related to the promotion of Anganwadi helpers and workers. He also said that the outstanding payments of Anganwadis running in rented buildings should be paid soon.Apart from this, he stated that the purchase process for gas cylinders used for cooking and other spices should be simplified to ensure that Anganwadi workers do not face any difficulties.
Aseem Goel also reviewed the schemes related to Anganwadis from the central government and gave directions to the officers to follow up with letters for those schemes whose financial budgets have not yet been received from the central government, ensuring the smooth operation of Anganwadis.
He directed that complaints regarding travel allowances (TA) and daily allowances (DA) for helpers, workers, and supervisors attending departmental meetings be resolved quickly. He said that officers must ensure that all legitimate demands of the Anganwadi employees should be considered sympathetically, as they play a crucial role in Women and Child development.
आंगनवाड़ी हेल्पर और वर्कर्स की सभी जायज मांगों को जल्द से जल्द पूरा करेंगे : असीम गोयल नन्यौला
महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक आयोजित
चंडीगढ़
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री असीम गोयल नन्यौला ने कहा कि आंगनवाड़ी हेल्पर और वर्कर्स की सभी जायज मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। आंगनबाड़ियों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की ओर से धन की कमी नहीं रहने दी जाएगी। श्री नन्यौला ने यह जानकारी आज विभागीय अधिकारियों की बैठक के बाद दी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त श्रीमती पी अमनीत कुमार, निदेशक श्रीमती मोनिका मलिक समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी हेल्पर और वर्कर्स के प्रमोशन से संबंधित मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाएं। उन्होंने यह भी कहा कि किराए के भवनों में चल रही आंगनवाड़ियों के बकाया पेमेंट्स का शीघ्रता से भुगतान करें। उन्होंने यह भी कहा कि खाना पकाने के लिए प्रयोग किए जा रहे गैस सिलेंडर और अन्य खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त होने वाले मसालों आदि की खरीददारी का सरलीकरण करें ताकि आंगनवाड़ी वर्कर्स को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
श्री असीम गोयल नन्यौला ने आंगनबाड़ी से संबंधित केंद्र सरकार की योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं का वित्तीय बजट अभी तक केंद्र सरकार से नही आया है , उसके लिए चिट्ठी लिखकर फॉलो अप करें ताकि आंगनवाड़ी के सुचारू संचालन में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने विभागीय कार्यों के लिए होने वाली मीटिंग में आने-जाने हेतु हेल्पर,वर्कर्स तथा सुपरवाइजर्स के टीए, डीए से संबंधित शिकायतों का जल्द निवारण करने के निर्देश दिए।उन्होंने अधिकारियों को कर्मचारियों की मांगों बारे सकारात्मक कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन कर्मचारियों का बच्चों और महिलाओं के पोषण और सशक्त बनाने में अहम योगदान है, इसलिए इनकी सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए।
"हैप्पी कार्ड" से जरूरतमंद लोग हुए हैं हैप्पी : असीम गोयल नन्यौला
अब तक 5.22 करोड़ किलोमीटर फ्री यात्रा का लाभ उठा चुके हैं लोग
चंडीगढ़
हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल नन्यौला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई "हैप्पी कार्ड" योजना का जरूरतमंद लोगों में क्रेज बढ़ता जा रहा है और इस "हैप्पी कार्ड" से लोग काफ़ी हैप्पी हैं। अब तक अंत्योदय परिवार से जुड़े 13 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और 5.22 करोड़ किलोमीटर फ्री यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को पात्र लोगों के जल्द से जल्द "हैप्पी कार्ड" बनाने के निर्देश दिए।
परिवहन मंत्री ने यह जानकारी आज परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के बाद दी।इस अवसर पर विभाग के निदेशक श्री सुजान सिंह, अतिरिक्त निदेशक श्री प्रदीप अहलावत के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। असीम गोयल नन्यौला ने अधिकारियों को मशीन लेकर गांवों में मौके पर जाकर पात्र लोगों के "हैप्पी कार्ड" बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह एक शानदार एवम गरीब हितैषी स्कीम है। उनके पास इस स्कीम से संबंधित बेहतरीन फीडबैक आ रही है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के अन्त्योदय परिवारो को हरियाणा रोडवेज़ की बसों मे फ्री यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए 7 मार्च 2024 को इस योजना की शुरूआत की गई है इसमें एक लाख रुपए वार्षिक आय तक वाले परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थियो को ई-टिकटिंग प्रणाली से जुड़ा एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जा रहा है। इस कार्ड के जरिए लाभार्थी 1000 किलोमीटर तक फ्री यात्रा कर सकते है।
श्री नन्यौला ने बताया कि प्रदेश के करीब 22.89 लाख परिवारो को हैप्पी कार्ड योजना का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा इस योजना का सुविधा-दायरा बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों को फ़ायदा पहुंचाने पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद लाभार्थियों की संख्या में कई लाख की बढ़ोतरी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि फ़िलहाल इस योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए 600 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया है , अगर इस योजना के लिए और धन की आवश्यकता होगी तो किसी भी कीमत पर धन की कमी नहीं रहने दी जाएगी। असीम गोयल नन्यौला ने अधिकारियों के साथ परिवहन विभाग के कर्मचारियों की रात्रि ठहराव, अरंड-लीव, प्रमोशन आदि से संबंधित मांगों पर भी चर्चा की और सभी जायज मांगों के प्रति सकारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।