असम में पूवरेत्तर के आतंकी संगठनों के बहिष्कार और बंद के आह्वान के बीच 67वां गणतंत्र दिवस समारोह शांतिपूर्वक मनाया गया और विभिन्न क्षेत्र के लोगों ने इसमें भाग लिया। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने यहां समारोह में तिरंगा फहराया और कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वालों के सम्मान में सरकार एक स्मारक बनाएगी।उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी जाएगी, जो कि उनके लगातार 14 साल मुख्यमंत्री रहने के कार्यकाल के प्रथम साल में केवल 1,500 रुपये थी।
गोगोई ने कहा कि उनकी सरकार हर प्रकार के आतंक का सख्ती से मुकाबला करेगी और वे अब तक राज्य के 13 आतंकी गुटों को बातचीत के लिए तैयार कर चुके हैं।उन्होंने आशा व्यक्त की कि शांति वार्ता का समर्थन करने वाले 'असम युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट' (उल्फा) के महासचिव बांग्लादेश के अनूप चेतिया के प्रत्यर्पण के बाद अब संगठन के साथ वार्ता को गति मिल जाएगी।मुख्यमंत्री ने उल्फा के वार्ता विरोधी गुट से हिंसा का रास्ता छोड़कर देश की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की।
गोगोई ने इस मौके पर अपनी सरकार की उपलब्धियों पर भी रोशनी डाली और साथ ही केंद्र सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि राज्य के विशेष राज्य के दर्जे में कटौती किए जाने के कारण असम पीड़ित है।गोगोई ने साथ ही कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को राज्य के छह समुदायों अहोम, कोच-राजबोंगशीश, चटिया, मोरन, मोटोक, चाय जनजातियों और पूर्व चाय जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है।