पठानकोट हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आतंकवादियों की एक कार से चीनी वायरलेस सेट बरामद हुआ है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के अड्डे तक पहुंचने के लिए किया था। यह सेट उसी तरह का है, जैसा पिछले साल मार्च में जम्मू के सांबा स्थित सैन्य शिविर पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद बरामद हुआ था।एनआईए का दावा है कि आतंकवादियों की जिस कार से इस सेट को बरामद किया गया है, उसका इस्तेमाल उन्होंने 31 दिसम्बर, 2015 की रात वायुसेना के अड्डे तक पहुंचने के लिए किया था।
एनआईए के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बुधवार को आईएएनएस को बताया, "वायरलेस सेट का डाटा डिलीट किया जा चुका है। इसे फिर से हासिल करने की संभावनाओं की तलाश के तहत यहां सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (सीएफएसएल) को सौंपा गया है।"जम्मू एवं कश्मीर के सांबा जिला स्थित सैन्य शिविर पर हमले के लिए भी आतंकवादियों ने ऐसे ही वायरलेस सेट का इस्तेमाल किया था। हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह हमला विफल रहा था।
अधिकारी ने कहा कि एनआई ने उस मार्ग की भी जांच की है, जिसका इस्तेमाल आतंकवादियों ने 31 दिसंबर की रात को पंजाब के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सलविंदर सिंह, उनके खानसामा मदन गोपाल व उनके कारोबारी दोस्त राजेश वर्मा को अगवा करने के बाद पठानकोट स्थित वायुसेना के अड्डे तक पहुंचने के लिए किया था।अधिकारी ने कहा, "एनआईए की टीमें उस मार्ग से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा कर रही हैं, जहां से आतंकवादियों ने सलविंदर सिंह और दो अन्यों को अगवा किया था और उसके बाद आईएएफ अड्डे पहुंचे।"
महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के एक अधिकारी की अगुवाई में एनआईए की टीमें पंजाब पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आतंकवादियों के कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे सबूत ढूंढने की कोशिश कर रही है।राष्ट्रीय जांच एजेंसी की आठ अलग-अलग टीमों के अधिकारी उस मार्ग पर पड़ने वाले गांवों में खोजबीन कर रहे हैं।इस बीच एजेंसी ने पठानकोट हमले के बाद से लगातार शक के घेरे में रहे एसपी सलविंदर सिंह से बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ की।
उल्लेखनीय है कि हथियारों से लैस छह पाकिस्तानी आतंकवादी दो जनवरी को पंजाब के पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डे में घुस आए थे। हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई में छह आतंकवादियों को मार गिराया। माना जा रहा है कि ये आतंकवादी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे।