हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को मकर संक्रांति के खास मौके पर श्रद्धालुओं ने नदियों में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई। अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालु राजधानी शिमला से 50 किमोमीटर दूर तत्तापानी और कुल्लू जिले के मणिकर्ण, सतलुज और पर्वती नदियों में डुबकी लगाने के लिए एकत्रित हुए।तत्तापानी और मणिकर्ण गर्म पानी के झरनों के लिए जाने जाते हैं।नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा 800 एमवी की कोलडम पनबिजली परियोजना के निर्माण की वजह से तत्तापानी में सतलुज से लगते गर्म व प्राकृतिक झरने विलुप्त हो गए हैं। इसके जलाशय गर्म पानी के झरनों से जलमग्न हो गए हैं।
शिमला निवासी मोहित सूद ने तत्तापानी से फोन पर आईएएनएस को बताया, "तत्तापानी के निकट एनटीपीसी द्वारा बनाए गए गर्म पानी के दो कृत्रिम झरने अब तक काम नहीं कर रहे हैं।"पूर्व में मकर संक्रांति पर तत्तापानी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए 25,000 से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे।श्रद्धालुओं ने मशहूर पर्यटक स्थल मनाली के बाहरी इलाके में स्थित वशिष्ट मंदिर में स्थित कुंड में भी डुबकी लगाई।यह मंदिर ब्यास नदी के बाएं किनारे पर स्थित है और इसे इसके गर्म झरनों के लिए भी जाना जाता है।