मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी ने बुधवार को कांगलाटोंगबी स्थित भूकम्प प्रभावितों के राहत शिविर का दौरा किया। यहां 4 जनवरी को आए भूकंप से प्रभावित लोग रह रहे हैं। प्रभावितो ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों, विधायकों और जिले के अधिकारियों के साथ कांगलाटोंगबी गए थे। उन्होंने लोगों को मदद का आश्वासन दिया और थोड़ी देर रूकने के बाद चले गए। इस कैंप में 75 लोग रह रहे हैं। स्थानीय नागरिक शिव कुमार दास ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के किनारे बसे कांगलाटोंगबी में भूकंप के कारण 179 घरों को नुकसान पहुंचा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तामेंगलोंग जिले में सैंकड़ों लोग भूकंप से प्रभावित हुए हैं, जिनके लिए दो राहत शिविर लगाया गया है। वहीं, सेनापति जिले में 1000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। वहां पांच राहत शिविर लगाए गए हैं।
इन शिविरों में रह रहे लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें अभी तक कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई है। उत्तर पूर्वी राज्यों में 4 जनवरी को आए 6.7 रिक्टर स्केल के भूकंप में कम से कम 7 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस भूकंप में इंफाल का एक प्रमुख मार्केट कांप्लेक्स भी क्षतिग्रस्त हो गया जो मुख्यमंत्री निवास से कुछ ही मीटर की दूरी पर है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी तक इसका दौरा नहीं किया है। स्थानीय बिक्रेता के. सरोजिनी ने बताया, "यह कांप्लेक्स बंद कर दिया गया है। हमने सरकार से वैकल्पिक जगह मुहैया कराने को कहा है ताकि हम अपना व्यापार कर सकें, लेकिन अभी तक हमें कोई भी जवाब नहीं मिला है।"इस कांप्लेक्स के दुकानदारों को दूसरी जगह नहीं मिलने के कारण कई दुकानदार फेरी लगाकर सब्जियां, मछली और दूसरे खाद्य सामान बेच रहे हैं।मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार से भूकंप राहत के लिए 500 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। सरकार की तरफ राहत कार्यो में कथित रूप से कोताही बरतने के कारण भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों ने राहत सामग्री वितरित की।