पंजाब के पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर पिछले सप्ताह हुए आतंकवादी हमलों की जांच कर रही एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) का ध्यान 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर है। एनआईए ने चार जनवरी को इस मामले की जांच पंजाब पुलिस से अपने हाथों में ली थी। इस हमलों के पीछे पाकिस्तान से आए आतंकवादियों का हाथ माना जा रहा है। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए छह आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए।एनआईए की जांच मुख्यत: आतंकवादियों और उसके पाकिस्तान स्थित आकाओं के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के इर्द-गिर्द है।
इसके साथ आतंकवादियों के पास से बरामद जैश ए मुहम्मद का खत, आतंकवादियों के डीएनए सैंपल और उनके वॉयस रिकार्ड की भी छानबीन हो रही है। एनआईए के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किए गए हथियार, उनकी रणनीति, स्थानीय संदिग्ध नागरिकों से मिली मदद, भारत-पाकिस्तान सीमा के किस रास्ते से आतंकवादी आए थे, पंजाब पुलिस के आयुक्त सलविंदर सिंह, उनके रसोइये और उनके मित्र की भी जांच की जा रही है। गौरतलब है कि सलविंदर सिंह ने यह दावा किया है कि आतंकवादियों ने उनके मित्र, उनके रसोइयों और उन्हें अगवा कर उनकी गाड़ी छीन ली थी।
उनकी लालबत्ती लगी गाड़ी में सवार होकर आतंकवादी वायुसेना अड्डे तक पहुंचे थे।अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "महानिरीक्षक की अगुआई में एनआईए का 20 सदस्यीय जांच दल पठानकोट में मामले की जांच में जुट गया है। हमारा ध्यान मुख्य रूप से घटना से जु़ड़े प्रमुख बिंदुओं के इर्द-गिर्द है।"उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी को मुख्य जांच अधिकारी बनाया गया है। एनआईए ने इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दायर किया है। एनआईए के एक दूसरे अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पहली गलती सीमा सुरक्षा बल से हुई जो आतंकवादियों को सीमा पार करने से रोक नहीं पाए।
वहीं, पंजाब पुलिस भी सीमा से दाखिल हुए आतंकवादियों को पकड़ नहीं पाई। इसकी भी जांच की जा रही है। इसके अलावा आतंकवादियों के उन स्थानीय मददगारों को भी ढूंढने की कोशिश की जा रही है, जिन्होंने आतंकवादियों को सेना की वर्दी के साथ ही वॉकी-टॉकी उपकरण भी मुहैया कराए। अनुमान है कि 30 दिसंबर को सीमा पार करके बाद आतंकवादियों की स्थानीय मददगारों ने मदद की। एनआईए अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों के डीएनए सैंपल उनकी पहचान पता करने के लिए पाकिस्तान भेजे गए हैं।
वहीं, पुलिस अधिकारी सलविंदर सिंह, उसके दोस्त राजेश वर्मा और रसोइये मदन गोपाल का जल्द ही लाई डिटेक्टटर टेस्ट करवाया जाएगा। इसके अलावा अधिकारी के निजी सुरक्षा अधिकारी कुलविंदर सिंह के बयान भी लिए गए हैं।अधिकारी ने आरोप लगाया था कि उसके द्वारा अपहरण की जानकारी और आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी दिए जाने के बाद भी पुलिस विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।