पंजाब के पठानकोट वायुसेना अड्डे पर खोज और तलाशी अभियान बुधवार को पांचवें दिन भी जारी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए कई टीमों का निर्माण किया है। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने कहा कि अड्डे के कोने-कोने की जांच की जा रही है।एनआईए, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की खामियों के साथ पूरे आतंकवादी हमले की जांच कर रही है। आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ मंगलवार को समाप्त होने की घोषणा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को की। उन्होंने बताया कि इस अभियान में छह आतंकवादी मारे गए।पर्रिकर ने कहा कि वायुसेना अड्डे पर हुए में आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के एक अधिकारी सहित सात जवान शहीद हो गए। रक्षा मंत्री ने वायुसेना अड्डे में सुरक्षा खामियों की बात को भी स्वीकारा।
पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों द्वारा अपहृत पंजाब पुलिस अधीक्षक सालविंदर सिंह से भी मंगलवार शाम को पूछताछ की गई। एनआईए के अधिकारियों की एक टीम ने गुरुदासपुर में उनके आवास पर उनसे लंबी पूछताछ की। पुलिस अधीक्षक सिंह, उनके बावर्ची मदन गोपाल और व्यापारी दोस्त राजेश वर्मा से एनआईए और पंजाब पुलिस अधिकारी बुधवार को भी पूछताछ करेंगे। इन तीनों का कथित तौर पर आतंकवादियों ने उनके वाहन के साथ अपहरण कर लिया था।सिंह का पिछले सप्ताह की पठानकोट तबादला हुआ था और उन्होंने पहले दावा किया था कि हथियारों से लैस चार-पांच आतंकवादियों ने उनका, वर्मा और उनके बावर्ची का 31 दिसम्बर को पठानकोट से 25 किलोमीटर दूर कोलिया गांव के पास अपहरण कर लिया था। इस पूरी घटना से शक के घेरे में आए सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, "मेरी जानकारी 100 प्रतिशत सही थी। इसमें कोई शक नहीं है। मैंने तुरंत बाद ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी। मुझे नहीं पता कि इतनी देरी क्यों हुई?"जांच एजेंसियां को हालांकि सिंह के दावे पर संदेह है और इसकी वजह उनके साथ अगवा हुए दो अन्य के बयान में एकरूपता का नहीं होना है।पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी कार को 31 दिसम्बर (गुरुवार) को रात 11.30 बजे के आसपास रोका गया था, जबकि हमला शनिवार (दो जनवरी) तड़के किया गया।