प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पुलिस विभाग के लिए संवेदनशीलता आवश्यक है, लिहाजा इस विभाग का यह एक महत्वपूर्ण घटक होना चाहिए और एक लचीला संस्थागत ढांचा तैयार किया जाना चाहिए, जिसके माध्यम से पुलिस बल में नागरिकों के लिए संवेदनशीलता को प्रोत्साहन देने में मदद मिले। मोदी ने रविवार को कच्छ के धोरदो में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन के तीसरे और समापन दिवस के अवसर पर बोल रहे थे।प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन से उभर कर आईं सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट प्रारूप बनाने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि पुलिस बलों को स्थानीय समुदायों के साथ संपर्क स्थापित करने चाहिए और ऐसा करने का एक तरीका समुदाय के लोगों की सफलताओं और उपलब्धियों का जश्न मनाने में उनका साथ देना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब लोग अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए पुलिस थाने जाएंगे तो उनके मन में पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए कार्य के प्रति सम्मान और एक व्यापक समझ पैदा होगी। उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों की पहचान पुलिस थानों से होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने साइबर सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और सामाजिक मीडिया जैसे विषयों का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपने कार्य में उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का प्रभावी रूप से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने अंतर्राज्यीय सीमावर्ती पड़ोसी जिलों के पुलिस बलों के बीच वार्तालाप और व्यापक सहयोग का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने पर्यटन पुलिस, आपदा प्रबंधन और पुलिस प्रशिक्षण जैसे विषयों पर भी अपने विचार प्रकट किए। मोदी ने पुलिस अधिकारियों के द्वारा निभाई गई समर्पण और नि:स्वार्थ सेवा के साथ ही कर्तव्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भावनाएं राष्ट्र की सुरक्षा का मूलभूत अंग हैं। प्रधानमंत्री ने आईबी के अधिकारियों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक भी प्रदान किए। इससे पूर्व दिन में, सम्मेलन में आए प्रतिभागियों ने पुलिस विश्वविद्यालयों और फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय के विषय पर चर्चा की। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू और हरिभाई पार्थीभाई चौधरी भी मौजूद थे।