पंजाब के विकास और प्रौत्साहन देने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने इंजीनियरों को अपनी ड्यूटी ईमानदारी एवं वचनबद्धता से निभाने की अपील की है। आज यहां डिप्लोमा इंजीनियरों के संगठन के प्रमुख नेता श्री सतनाम सिंह धनोया के सेवा निवृति के अवसर पर एक भारी एकत्रता को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियर विकास कार्यो की रीढ़ की हड्डी होते हैं और इन्होंने ही गुणात्मक विकास कार्यो से देश और राज्य को आगे लेजाना होता है डिप्लोमा इंजीनियरों को लोगों की उमंगों पर खरा उतरने का आह्वान करते हुये उन्होंने कहा कि विकास को उंची बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए और परिश्रम किये जाने की आवश्यकता है।देश के विभाजन, 1965 और 1971 के पाकिस्तान के साथ हुये युद्धों और इसके बाद आंतकवाद से राज्य को हुये भारी नुकसान का जिक्र करते हुये स. बादल ने कहा कि पंजाब को गत् लगभग 7 दशकों के दौरान बार-बार भारी क्षति का सामना करना पड़ा। परंतु यहां के मेहनती लोगों ने अपने दृढ इरादे तथा हौंसले से राज्य के अग्रणीय पंक्तियों तक पहुंचाया है। उनहोंने कहा कि कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने पंजाब विरोधी नीतियों द्वारा विभिन्न समय दौरान राज्य के हितों को भारी क्षति पहुंचाई है। इसने पड़ौसी राज्यों को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक रियायतें देकर राज्य की आर्थिकता को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राज्य सरकार इन समस्याओं में से निकलने के लिए प्रयत्नशील है।
राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के हितों के लिए उठाये गये पगों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि आज भी राज्य के कर्मचारियों को अन्य राज्यों से अधिक वेतन स्केल दिये जा रहें हैं परंतु फिर भी यदि कोई समस्या है तो बातचीत के लिए कर्मचारियों हेतू सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं। कर्मचारियों को प्रत्येक समस्या के हल के लिए बातचीत का आह्वान करते हुये उनहोंने कहा कि वह जब चाहें किसी भी मुद्दे पर बैठकर बातचीत कर सकते हैं।इसी दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुये एक प्रशन के उत्तर में उनहोंने पंजाब के लोग अमन पसंद हैं और उन्होंने देश विरोधी शक्तियों का डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग इन शक्तियों के किसी भी बहकावे में ना आने वाले हैं। संसद में पैदा हुये अड़चन संबंधी पूछे गये प्रशन के उत्तर में उन्होंने कहा कि संसद सदस्य अधिक बुद्धिमान हैं और वह संसद को चलाने का राह अपने आप निकाल लेंगे। विमुक्त जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने संबंधी पूछे गये प्रशन के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार के पास उठाया है और केंद्र ने इस मसले को गंभीरता से हल करने का भरोसा दिया है।
इससे पूर्व जलापूर्ति एवं सैनीटेशन मंत्री स. सुरजीत सिंह रखड़ा ने डिप्लोमा इंजीनियरों को ईमानदारी से अपनी डियूटी निभाने की अपील करते हुये कहा कि उनकी पदोन्नितयां समय पर की जायेंगी। उनहोंने गांवों में बनाये जाने वाले शौचालयों का कार्य समय पर संपूर्ण करने के लिए कहा। इसी दौरान संसद सदस्य प्रौ. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भू-जल के और नीचे चले जाने पर गहरी चिंता व्यक् त की।इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री स. बलवंत सिंह रामूवालिया, पूर्व कैबिनेट मंत्री स. सेवा सिंह सेखवां, श्री अमर सिंह रंधावा और श्री लंका, बंग्लादेश, नेपाल और देश के विभिन्न राज्यों से आये डिप्लोमा इंजीनियरों ने भी संबोधित किया। इस दौरान डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। इस अवसर पर स. सतनाम सिकं धनोआ ने आये अतिथियों विशेषकर मुख्यमंत्री का विशेष तौर पर धन्यवाद किया।इस अवसर पर प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।