मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को एक और प्राथमिकी दर्ज करने के साथ दो अस्वाभाविक मौतों को जांच में लिया है। सीबीआई ने यह 14वीं प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यापमं द्वारा वर्ष 2012 में आयोजित कनिष्ठ खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी व निरीक्षक, नाप तौल भर्ती परीक्षा में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और कंप्यूटर एनालिस्ट सहित 38 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा सीबीआई ने रामेंद्र सिंह भदौरिया (29 वर्ष) और दीपक जैन (24 वर्ष) की अस्वाभाविक मौतों को भी जांच के दायरे में लिया है।
रामेंद्र की आठ जनवरी 2015 को ग्वालियर में अस्वाभाविक मौत हुई थी। कांचमिल आनंद नगर ग्वालियर निवासी रामेंद्र की मौत का प्रकरण हजीरा थाने में दर्ज है। इसी तरह करैरा शिवपुरी निवासी दीपक की मौत एक फरवरी 2014 को ग्वालियर में हुई थी। बहोडापुर पुलिस ने दो फरवरी को प्रकरण दर्ज किया था।सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने 13 जुलाई को भोपाल पहुंचकर जांच शुरु कर दी थी। सीबीआई अब तक कुल 14 प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।
वहीं 19 मौतों को जांच के दायरे में लिया है, जिसमें पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी शामिल है। सीबीआई की जांच से पहले तक जांच कर रही एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। 2100 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले का जुलाई 2013 में खुलासा होने के बाद जांच का जिम्मा अगस्त 2013 एसटीएफ को सौंपा गया था।