मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को नम्रता डामोर और पत्रकार अक्षय सिंह की मौत की जांच अपने हाथ में ले ली। सीबीआई ने नम्रता डामोर की संदिग्ध मौत को हत्या मानते हुए प्रकरण दर्ज किया। पत्रकार अक्षय सिंह की मौत की केस डायरी भी सीबीआई के पास पहुंच गई है। सीबीआई ने शुक्रवार को व्यापमं घोटाले में पांच प्राथमिकी दर्ज की। पांच नई प्राथमिकी के बाद इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी की संख्या अब 10 हो गई है। सीबीआई द्वारा प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद भाजपा ने गुलाब सिंह किरार को पार्टी से निलंबित कर दिया है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नम्रता की केस डायरी सीबीआई के पास आ गई थी और शुक्रवार को नम्रता की मौत को हत्या मानते हुए सीबीआई ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।
अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा पीएमटी (प्री मेडिकल टेस्ट) 2010 को लेकर दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पीएमटी के मामले में कुल 12 को आरोपी बनाया गया है। इस बीच झाबुआ के पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने आईएएनएस को बताया कि मृत पत्रकार अक्षय सिंह की केस डायरी सीबीआई को भेज दी गई है। अक्षय सिंह की झाबुआ के मेघनगर में नम्रता डामोर प्रकरण पर रपट तैयार करते समय रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध किया था। सीबीआई ने पांच मौतों को संदिग्ध मानते हुए पुलिस से ब्योरा मांगा था।व्यापमं घोटाले में नम्रता डामोर की मौत का मामला सबसे सनसनीखेज रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव सात जनवरी 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के समीप शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। वह इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से जबलपुर जा रही थी। सूत्रों के अनुसार, शव मिलने के 22 दिनों बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख्त की थी। तब पोस्टमार्टम में मौत की वजह मुंह, नाक व गला दबाना बताया गया था और पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया था। बाद में दूसरी जांच में दिसंबर 2012 में इस मामले को हादसा करार देते हुए प्रकरण खत्म कर दिया गया।नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने इसी माह (जुलाई 2015) मीडिया के सामने खुलासा किया कि नम्रता की मौत हादसा नहीं था, बल्कि नाक, मुंह दबाकर उसकी हत्या की गई थी।
इसके बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार देर शाम सीबीआई ने पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती 2013, पीएमटी 2009 में हुई गड़बड़ियों को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की। व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में आयोजित आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियां हुई थीं। इस मामले में एसटीएफ ने 18 लोगों को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने भी इन सभी पर प्रकरण दर्ज किया है। इसी तरह पीएमटी 2009 के मामले में 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है।सीबीआई ने मंगलवार को पांच प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें 160 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब पांच और प्राथमिकी दर्ज हो गई है। इस तरह 10 प्राथमिकी में 200 से ज्यादा आरोपी बनाए जा चुके हैं। इस बीच, भाजपा ने गुलाब सिंह किरार को पार्टी से निलंबित कर दिया है। किरार के खिलाफ सीबीआई ने मंगलवार को प्रकरण दर्ज किया था।
किरार पर एसटीएफ भी पहले प्रकरण दर्ज कर चुका है। किरार का बेटा भी आरोपी है, और दोनों फरार चल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं मामला सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने 13 जुलाई को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी। सीबीआई अब तक जांच कर रहे एसटीएफ और जिलास्तरीय पुलिस की एसआईटी के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी है। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे हैं। सूत्रों के अनुसार, अभी तक जांच कर रहे एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 2100 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 1200 आरोपियों के चालान भी पेश कर चुका है। व्यापमं घोटाले का खुलासा जुलाई 2013 में हुआ था। जांच का जिम्मा अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंपा गया। उच्च न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी बनाई। अब मामला सीबीआई के पास है।