प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जहां किर्गिस्तान के राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबायेव के साथ यहां बातचीत की, वहीं भारत और किर्गिस्तान ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें रक्षा सहयोग बढ़ाना तथा चुनाव के क्षेत्र में एकसाथ काम करने से संबंधित समझौता भी शामिल है। बिश्केक यात्रा के दौरान मोदी ने एक बयान में मध्य एशिया के पांच देशों की यात्रा के बारे में कहा, "इससे पता चलता है कि हम मध्य एशिया के साथ अपने संबंधों की नई गहराई को कितना तवज्जो देते हैं। किर्गिस्तान इस दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"उन्होंने कहा कि संसाधन समृद्धि मध्य एशिया का भारत के भविष्य में एक महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित पड़ोसी की जरूरत है।
चरमपंथ तथा आतंकवाद के खिलाफ जंग दोनों ही चाहते हैं।रक्षा समझौते के तहत रक्षा, सुरक्षा, सैन्य शिक्षण तथा प्रशिक्षण में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। संयुक्त सैन्य अभ्यास, अनुभवों तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान, सैन्य निर्देश तथा पर्यवेक्षण का आदान-प्रदान किया जाएगा।मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों का रक्षा संबंध मजबूत है और समझौते से इसका दायरा बढ़ेगा। दोनों देशों की सेनाओं के विशेष दस्ते ने किर्गिस्तान में मार्च में संयुक्त अभ्यास 'खंजर-2015' को अंजाम दिया था, जो इससे पहले भारत में 2011 में किया गया था। संयुक्त बयान के मुताबिक इस अभ्यास को सालाना करने का फैसला किया गया।
बयान के मुताबिक, "संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए किर्गिस सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए किर्गिस्तान ने भारत की सराहना की।"मोदी ने निर्वाचन आयोगों के बीच सहयोग समझौते पर भी खुशी जाहिर की और कहा कि वह चाहते हैं कि किर्गिस्तान का एक संसदीय दल भारत का दौरा करे।तीसरा एमओयू किर्गिस्तान के आर्थिक मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ऑन कोऑपरेशन के बीच हुआ, जिसके तहत मानकीकरण के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।चौथा समझौता संस्कृति को लेकर किया गया है, जिसके अंतर्गत सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण किया जाएगा। लोक कला, नाटक तथा युवा महोत्सव के लिए एक संस्था स्थापित किया जाएगा।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, पर्यटन को बढ़ावा देने, संस्कृति और मानव संसाधन विकास पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि भारत और मध्य एशिया में संपर्क स्थापित होने से आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर समर्थन देने पर किर्गिस्तान का आभार जताया।भारत ने 2016-18 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में किर्गिस गणराज्य की दावेदारी का समर्थन करने का वादा फिर से दोहराया।दोनों देशों ने इस क्षेत्र और दुनिया भर में आतंकवाद और चरमपंथ की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई और भारत ने आतंकवाद की रोकथाम के लिए और किर्गिस समाज की धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बरकरार रखने के लिए किर्गिस्तान की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।
दोनों पक्षों ने अविलंब अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और अपराध पर लगाम कसने के लिए एक समझौता करने पर सहमति जताई।दोनों पक्षों ने आर्थिक, व्यापारिक और निवेश संबंध मजबूत करने पर सहमति जताई।मोदी ने राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबायेव को रूस के नेतृत्व वाले यूरेशिया आर्थिक संघ में किर्गिस्तान के जुड़ने की बधाई दी और दोनों पक्षों ने यूरेशिया आर्थिक संघ और भारत के बीच जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष बिश्केक में कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए गोलमेज सम्मेलन करेंगे।दोनों पक्षों ने भारत के सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों के चिकित्सकों के किर्गिस्तान की यात्रा करने और किर्गिस्तान से कम से कम कीमत पर उम्दा चिकित्सा के लिए मरीजों के भारत आने पर संतोष जताया।
संयुक्त बयान में भारत के अत्यधिक विशेषज्ञता वाले अस्पतालों और किर्गिस्तान के छह चिकित्सा संस्थानों के बीच टेली मेडिसीन लिंक स्थापित करने वाली परियोजना के शुरू होने का स्वागत किया गया।राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबायेव ने स्वागत भोज में कहा, "भारत के अंदर अमेरिका और चीन की तरह विशाल अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।"मोदी ने बाद में किर्गिस संसद अध्यक्ष असिलबेक जीनबेकोव से मुलाकात की और प्रधानमंत्री तमिर सरियेव से भी वार्ता की।सरियेव से मुलाकात के दौरान मोदी ने किर्गिस्तान के लेवल-2 फील्ड हॉस्पीटल को चिकित्सा उपकरण भेंट किया।मोदी किर्गिस-इंडिया माउंटेन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर भी गए।