गुरू साहिबान की पवित्र निशानियां देखकर जहां संगत अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है वहीं गुरू साहिबान की याद में उनकी आंखें भी नम हो रही हैं। यह भावुक दृश्य तब देखने को मिला जब पंजाब सरकार और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के संयुक्त प्रयास के चलते शुरू की गई 'धार्मिक दर्शन यात्रा आज सुबह गुरुद्वारा श्री हाजी रत्न साहिब से पूरे जाहो -जलाल के साथ गिद्दड़बाहा के लिए रवाना हुई।संगत में इतना उत्साह भरा हुआ है कि उन्होंने अपनी, इच्छाएं और मन्नतें भी गुरू साहिबान की पवित्र निशानियों के सामने रखनी शुरू कर दीं। संगत में शामिल एक बीबी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे सीस निवा कर अपने बच्चों के सुंदर भविष्य की कामना की। इसी तरह नौजवानों की तरफ से नशे से बचे रहने, बहनों की तरफ से भाइयों की सलामती और लम्बी उम्र और माता -पिता की ओर से अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य और सरबत के भले की अरदास की गई। संगत ने इन पवित्र निशानियों के दर्शन करने के बाद सुंदर पालकी में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहब आगे यह मांग भी रखी कि गुरू साहिबान के पवित्र स्पर्श वाली वस्तुएँ /हस्त लिखित गुरबानी के दर्शनों के साथ ही हमारे दुख: और कष्ट दूर हो जाएं, जिससे हम फिर इन निशानियों के दर्शन कर आप जी का कोटान कोटी धन्यवाद कर सके। इसके अलावा संगत में से कई अन्य ने भी पालकी साहब में सुशोभित श्री गुरु गंरथ साहब आगे सीस निवाकर अपनी जिंदगी में सुख शान्ति और सरबत के भले की प्रार्थना की।
जिक्रयोग्य है कि बठिंडा जिले की संगतें को तीन दिन गुरू साहिबान की पवित्र निशानियों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इलाके की संगतें ने गुरू साहिबान से सम्बन्धित 13 दुर्लभ निशानियां, वस्त्र और शस्त्रों के दर्शन किए। संगत की भारी भीड़ के बीच तख्त श्री केसगढ़ साहब के सिंह साहब ज्ञानी मल्ल सिंह की तरफ से अरदास की गई, उपरांत यात्रा को रवाना करते समय उनकी तरफ से पांच प्यारों को सिरोपा भेंट किए गए। यात्रा गुरुद्वारा हाजी रत्न साहिब से रवाना हो कर शहीद जरनैल सिंह चौक, मुलतानिया रोड, बठिंडा -मलोट रोड होती हुई बल्लूआना से गिद्दड़बाहा के लिए रवाना हुई।इस मौके मुख्य संसदीय सचिव श्री सरूप चंद सिंगला, हलका विधायक श्री दर्शन सिंह कोटफत्ता, डिप्टी कमिश्नर डा. बसंत गर्ग, एसएसपी श्री कुलदीप चाहल, एसजीपीसी के कार्यकारी सदस्य जत्थेदार मोहन सिंह बंगी, मैनेजर गुरुद्वारा हाजी रत्न साहब भाई शुमेर सिंह, शिरोमणी समिति मैंबर भाई अमरीक सिंह कोटशमीर और श्री सुखदेव सिंह बाहिया, मेयर श्री बलवंत नाथ राय, पूर्व मेयर श्री बलजीत सिंह बीड़बहमण के अलावा कई अन्य धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।उधर आज संगत के लिए जगह -जगह मैंगो जूस, गुड़, लड्डुओं, पकौड़ों, फलों, मिनरल वाटर और फरूटी आदि के लंगर लगे हुए थे।
पवित्र निशानियों में शामिल हैं
यात्रा के साथ चल रही विशेष बस में बिराजमान वस्त्र, शस्त्रों, पवित्र और दुर्लभ निशानियों में छठे पातशाह श्री गुरु हरगोबिन्द साहब जी से संबंधित 46 इंच लम्बी कृपाण और 22 इंच लम्बा कोड़ा शामिल है। इसी तरह नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर साहब जी से संबंधित एक श्री साहब है, जिस पर 'ते श्री अकाल गुरू तेग बहादुरÓ उकरा हुआ है। इसके साथ ही दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी से संबंधित 1० पवित्र निशानियों में तीन कृपाणों, चोला साहब, हस्त लिखित वाणी, केस, कंघा और पगड़ी, 2० इंच लम्बा लोहे का तीर, साढ़े तीन इंच लम्बी श्री साहिब, लकड़ी के दस्ते वाला 3० इंच लम्बा बरछा और पांच तीर शामिल हैं। इसके अलावा गुरू गोबिन्द सिंह जी की हस्त लिखित वाणी भी पवित्र निशानियों में शामिल हैं।
संगत की सुविधा के लिए विशेष बस के इर्द गिर्द 13 स्क्रीन लगाई गई हैं जिससे रात के समय में भी इन पवित्र निशानियों और इसके इतिहास पर बनी फिल्म देख सकें।पंजाब सरकार और श्री गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी द्वारा खालसा पंथ के संस्थापक की पवित्र निशानियों के दर्शन समूचे पंजाब के प्रत्येक कोने में संगतों को करवाने का महान प्रयत्न शुरू किया गया है क्योंकि यह पवित्र निशानियां गुरू जी द्वारा तत्कालीन कट्टर हाकिमों की अन्याय पूर्ण, दमनकारी और धार्मिक अत्याचार , विरूद्ध शूरवीरता से लड़ी जंग के सूचक है। ये निशानियां शिरोमणि कमेटी द्वारा विशेषतौर पर तैयार किये 33 फुट लम्बे वाहन (बस)में पवित्र निशानियां सजाई गई हैं।