असम पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में हुई उग्रवादी हिंसा के मामले में 102 शिकायतें दर्ज की हैं। इस हमले में 81 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हमले की जांच शुरू कर दी है। यह जानकारी शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने दी। गोगोई ने कहा कि अब तक 52 लोगों को हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस हिंसा को बोडो उग्रवादियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने कहा, "हमने चार मामले एनआईए को सौंप दिए हैं, और उन्होंने पहले ही घटना की जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने हिंसा के संबंध में 102 मामले दर्ज किए हैं, और एनआईए को अभी और भी मामले सौंपे जाएंगे।"गोगोई ने कहा, "हिंसा में 81 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में तीन लोग लापता हैं।"
उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियां अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के शांतिवार्ता का विरोध करने वाले धड़े ने कोकराझार, चिरांग और शोणितपुर जिले में पांच जगहों पर 23 दिसंबर को आदिवासियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में मारे गए लोगों में 21 महिलाएं और 19 बच्चे शामिल हैं। दोबारा से इसी तरह के हमलों के डर के कारण हजारों लोगों ने अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में पनाह ली है। गोगोई ने कहा, "हिंसाग्रस्त क्षेत्र में हमने पुलिस चौकी स्थापित की हैं। शुरू में 136 राहत शिविरों में 2.9 लाख लोगों ने पनाह ली थी। फिलहाल चार जिलों में 102 राहत शिविरों में 1.82 लाख लोग पनाह लिए हुए हैं।"