पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का कार्यकाल निष्कलंक था और इस बारे में वह नहीं सोचते कि वर्ष 1999 के कारगिल संघर्ष तथा वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के नकारात्मक बिंदुओं पर विचार किया जा सकता है। समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार में गृहमंत्री तथा उप प्रधानमंत्री रहे आडवाणी ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए केवल वाजपेयी के कार्यकाल पर कोई धब्बा नहीं लगा।
आडवाणी के मुताबिक, नेहरू तथा इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान कुछ मुद्दे थे। नेहरू की बात करें, तो चीन के मामले में उन्हें न्यायोचित ठहराना बेहद कठिन है।उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी की बात करें, तो वह भले ही खुद को दोषमुक्त करती हों, लेकिन देश आपातकाल को नहीं भूल सकता। खासकर मेरे जैसा व्यक्ति।"वाजपेयी के शासनकाल में वर्ष 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल संघर्ष तथा वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों को वह नहीं चाहते कि इसे उनके शासनकाल पर धब्बा समझा जाए। उन्होंने कहा, "कारगिल में जो भी हुआ वह शायद जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा किया गया और वह सरकार की मर्जी के खिलाफ था। इसके लिए सेना जिम्मेदार थी।"गुजरात दंगों पर आडवाणी ने कहा, "गुजरात दंगों की बात करें, तो इसके लिए आप अटल जी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। वह राज्य में हुआ था।"