निरंकारी मिशन में ब्रह्मज्ञान प्रदान कर जीने की कला सिखाई जा रही है । इस ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से इन्सान यह जान सकता है कि मैं कौन हूं कहां से आया हूं मेरा इस दुनियां में आने का उद्देश्य क्या है, ये उद्गार आज यहां Los Angeles (America) से आए Mr. Bill Wazniak ने यहां सैक्टर 30-ऐ में स्थित निरंकारी सत्संग भवन में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए ।निरंकारी मिशन के सिद्धान्तों की चर्चा करते हुए Mr. Bill ने कहा कि निरंकारी मिशन के सिद्धान्तों को जीवन में अपना कर हम मानुष जन्म के उद्देश्य की पूर्ति कर सकते हैं और अपनी जीवन-यात्रा भी खुशी-खुशी तय कर सकते हैं । Mr. Bill ने आगे कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के बाद इन्सान यदि सत्संग-सेवा-सिमरन करता है तो उसे यह परमपिता परमात्मा जो हर समय हमारे साथ है का हर समय एहसास रहता है जिससे हमारा मन पवित्र रहता है तथा इससे इन्सान इन्सानियत के मार्ग पर चलता है । जो भी वस्तु हमारे लिए सुखदाई है वह इस परमात्मा द्वारा प्रदान की जाती है ।
Mr. Bill ने कहा कि उन्हें स्वर्गीय केशो राम नन्दवानी जो कि बाल संगत के इन्चार्ज हुआ करते थे वे जब अमरीका में आए तो उनके सम्पर्क में आने पर निरंकारी मिशन व निरंकारी बाबा जी के बारे में जानकारी हासिल हुई तथा उनके सुपुत्र श्री मोहिन्द्र नन्दवानी के माध्यम से मुझे निरंकारी बाबा से इस निरंकार परमात्मा की जानकारी हुई । अन्त में Mr. Bill ने सभी के लिए यही प्रार्थना की कि हम सभी निरंकारी बाबा जी की शिक्षाओं को जीवन में अपनाते हुए अपनी जीवन-यात्रा तय करें ।इससे पूर्व यहां के ज़ोनल इन्चार्ज डा बी एस चीमा जी और श्री मोहिन्द्र सिंह जी संयोजक चंडीगढ़ ने Mr. Bill के गले में दुपट्टा व फूलों की माला डाल कर उनका स्वागत किया । इस अवसर पर अन्य कई गणमान्य भी उपस्थित थे ।