केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 10 लाख या उससे अधिक आबादी वाले 32 शहरों में 'देश में सार्वजनिक सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा' के बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि 'निर्भया कोष' के अंतर्गत प्रस्तावित इस योजना में स्थान की जीपीएस निगरानी, इमरजेंसी बटन और सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में घटनाओं की वीडियो रिकार्डिग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर (राष्ट्रीय वाहन सुरक्षा एवं निगरानी प्रणाली) और राज्य स्तर पर (शहर कमान एवं नियंत्रण केंद्र) एक एकीकृत प्रणाली की स्थापना करने की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों की जगह की निगरानी तथा मुसीबत में फंसे पीड़ितों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।