इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं ऐलनाबाद के विधायक चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वे भाजपा की मजबूरी समझते हैं कि भाजपा ने अब तक अपना हरियाणा में मुख्यमंत्री पद का कोई प्रत्याशी घोषित क्यों नहीं किया है? उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में भाजपा के प्रति सहानुभूति भी है क्योंकि प्रदेश भाजपा के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिसके मुख्यमंत्री बनना तो दूर विधानसभा में पहुंचने की भी भाजपा को कोई उम्मीद हो। इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा लगातार लोकसभा व विधानसभा के पांच चुनाव हार चुके हैं और इनके अलावा कैप्टन अभिमन्यु से लेकर ओमप्रकाश धनखड़ व मनोहर लाल खट्टर तक विधानसभा चुनाव लड़ रहा भाजपा का कोई भी अन्य नेता आज तक विधानसभा या लोकसभा का कोई भी चुनाव जीत नहीं पाया है इसीलिए भाजपा पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जहां भाजपा को मात्र चार सीटें मिली थी वहीं इनेलो ने 32 सीटें जीती थी और इस बार भी इनेलो के पक्ष में लहर चल रही है और पार्टी दो तिहाई बहुमत लेकर सरकार बनाने जा रही है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा ने 1991 में अकेले अपने बलबूते पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था और मात्र दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उस चुनाव में भाजपा से कहीं ज्यादा पांच सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों को मिली थी। 2005 में भाजपा ने फिर हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ा और भाजपा को फिर दो सीटें मिली जबकि 10 निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे। 2009 में एक बार फिर भाजपा अकेले विधानसभा चुनाव में उतरी और भाजपा को मात्र चार सीटें हासिल हुई जबकि सात निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर आए। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने का ख्वाब बुन रही भाजपा की स्थिति आज भी कोई बेहतर नहीं है। कांग्रेस से आए बीरेंद्र सिंह कैथल व जींद से टिकट मांग रहे थे और राव इंद्रजीत अपनी बेटी के लिए रेवाड़ी से टिकट के लिए दावेदार थे लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया।
इनेलो नेता ने कहा कि रामबिलास शर्मा जी अब तक कुल आठ चुनाव हार चुके हैं और पिछले पांच चुनाव तो उन्होंने लगातार हारे हैं। वे महेंद्रगढ़ से 1996 के बाद कोई चुनाव नहीं जीत पाए और लगातार तीन चुनाव राव दान सिंह के मुकाबले हारे। इसके अलावा उन्होंने बल्लबगढ़ से भी विस चुनाव लड़ा और हार हासिल हुई। उन्होंने कहा कि 2004 में रामबिलास शर्मा ने भिवानी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और उस चुनाव में उन्हें अपनी जमानत बचाने के लिए एक लाख 45 हजार वोट चाहिए थे लेकिन वे नौ हलकों में मात्र 25 हजार वोट भी हासिल नहीं कर पाए। इससे पहले वे लोकसभा व विधानसभा के तीन और चुनाव हार चुके हैं। इस बार भी उनकी हालत बेहद खराब है। इनेलो नेता ने कहा कि नारनौंद से चुनाव लड़ रहे कैप्टन अभिमन्यु रोहतक से लोकसभा व नारनौंद से विस चुनाव हार चुके हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में तो वे नारनौंद से न सिर्फ चुनाव हारे बल्कि तीसरे स्थान पर रहे और इनेलो प्रत्याशी ने चुनाव जीता था जबकि कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा। इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने 2009 में दादरी से विस चुनाव लड़ा था और वे मात्र तीन हजार वोट लेकर छठे स्थान पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई। इस बार भाजपा ने उन्हें लोकसभा में उतारा था लेकिन मोदी लहर के बावजूद वे चुनाव हार गए।
चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी होने का दम भरती हैं लेकिन अकेले चुनाव लडक़र आज तक भाजपा मात्र दो से लेकर चार सीटों के बीच ही रही है और इससे कहीं ज्यादा तो हर बार निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर विस में पहुंचते रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में जहां कहीं भी विधानसभा चुनाव होते हैं अथवा लोकसभा के चुनाव होते हैं तो भाजपा हमेशा अपना मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करके ही चुनाव मैदान में उतरा करती है। आज हरियाणा में भाजपा के पास कोई ऐसा नेता नहीं जो खुद चुनाव जीत सकता हो अथवा अन्य प्रत्याशियों को चुनाव जितवाने की क्षमता रखता हो। ऐसे में भाजपा की मजबूरी समझी जा सकती है और वे न सिर्फ भाजपा की मजबूरी समझते हैं बल्कि उन्हें इस बारे में भाजपा से पूरी सहानुभूति भी है।