राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहर हरियाणा के गुड़गांव में शनिवार को चौथे 'इनोवेशन इन कार्डियोलॉजी समिट' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर से करीब 500 जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। सम्मलेन में चर्चा के मुख्य विषयों में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी की नवीनतम तकनीक जैसे कि इकोकार्डियोग्राफी, इलेक्ट्रोफिजियोथेरपी और क्लीनिकल रेडियोलॉजी को शामिल किया गया। मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल मेदांता मेडिसिटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन अभिभाषण में, मेदांता मेडिसिटी गुड़गांव के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा, "पिछले दशक में भारतीय चिकित्सा सेवा क्षेत्र पूरी तरह से बदल गया है। अब हम तकनीकी क्रांति, आधुनिक रिसर्च प्रोजेक्ट और विश्वस्तरीय मेडिकल सेवाओं का हब बन चुके हैं। इनोवेशन इन कार्डियोलॉजी समिट दुनिया भर के एक्सपर्ट्स को एक प्लेटफॉर्म पर आने और अपने अनुभव एक-दूसरे के साथ बांटने का अवसर और भारत में इलाज को सुरक्षित और अपने पश्चिमी प्रतियोगियों की तुलना में अधिक प्रभावी बनाता है।"
इस बारे में अपने विचार रखते हुए, आईआईसी समिट 2014 के आयोजक सचिव और मेदांता मेडिसिटी के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. रजनीश कपूर ने कहा कि आज युवाओं में तनाव, खान-पान की अस्वस्थ आदतों और अल्कोहल एवं सिगरेट जैसी नुकसानदेह चीजों पर निर्भरता जैसी जीवनशैली के कारण दिल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ा रही है। इस स्थिति को देखते हुए, न सिर्फ बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता के प्रचार-प्रसार की जरूरत है, बल्कि इलाज के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की भी जरूरत है। इन्हीं उद्देश्यों के मद्देनजर, 2011 में हमने इनोवेशन इन कार्डियोलॉजी समिट की शुरुआत की।
आईआईसी कॉन्फ्रेंस में मेडिको-लीगल मुद्दे पर भी एक खास सेशन रखा गया, जिसके तहत हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और इंडियन मेडिकल असोसिएशन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने सभी संबंधित पहलुओं पर चर्चा की। अपने सेशन में उन्होंने बताया कि किस तरह से देश में हृदयरोग के इलाज के क्षेत्र में अपराध के मामले बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह है उपयुक्त संचार का अभाव। डॉक्टरों को अपने आप सुरक्षित रखने के तरीकों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आप मरीज को जो भी सलाह दें, उसे लागू करें और उसका दस्तावेज भी तैयार करके सुरक्षित भी रखें, ताकि हर स्तर पर ईमानदारी और पारदर्शिता बनी रहे।