हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने आज नई दिल्ली में आयोजित पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्ीय सम्मेलन में भाग लेते हुए हिमाचल में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाये जाने तथा हिमाचल, उत्तराखण्ड और जम्मू कशमीर के लेह लद्दाख क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को सुनियोजित ढंग से बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के लिए अलग से एक प्राधिकरण गठित करने की आवश्यकता पर बल दिया ।मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विशेषकर इको टूरिज्म, साहसिक व धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुआयामी योजना तैयार की गई है । उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को सौंदर्य का खजाना दिया है और इसका भरपूर दोहन करके पर्यटन गतिविधियों को व्यापक बढ़ावा देने के लिए सरकार वचनबद्ध है । उन्होंने इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि प्रदेश में हवाई सेवाओं का नेटवर्क बढ़ाने की नितान्त आवश्यकता है । उन्होंने मामला उठाया की इस समय शिमला, भुन्तर तथा कांगड़ा हवाई पट्टियों पर सुचारू रूप से हवाई सेवाएं नहीं हैं जिसके कारण उच्चवर्गीय पर्यटक चाहते हुए भी हिमाचल प्रदेश नहीं पंहुच पाते हैं । उन्होंने प्रदेश में वर्तमान हवाई पट्टियों को विकसित करने और यहॉं अंतर्राष्ट्रीय हवाई हवाई अड्डा बनाये जाने की मांग उठाई ताकि पर्यटक यहां पर आसानी से पंहुच कर प्रदेश में विद्यमान सौंदर्य का भरपूर आन्नद उठा सकें ।
प्रदेश में विद्यमान धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख करते हुए मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने मांग की कि प्रदेश में विद्यमान ताबो गोम्पा व कांगड़ा के मसरूर मंदिर जैसे प्राचीन एवं पुरातत्व महत्व के स्मारकों के उचित रख-रखाव के लिए सर्वेक्षण करवाये जाने तथा इस प्राचीन धरोहर का भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर रख-रखाव किये जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया । उन्होंने कहा कि ऐसे स्मारकों के रख-रखाव से इन्हें पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाया जा सकता है जिससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा ।मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने केन्द्र के ध्यान में यह बात भी लाई की प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व प्रतिकूल मौसम के कारण यहां कार्य समय सीमित हो जाता है जिसके कारण परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में बाधा आती है । उन्होंने पर्यटन विभाग भारत सरकार से आग्रह किया कि विभाग द्वारा जारी की गई धनराशि के लिए उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की अवधि कम से कम 36 महीने बढ़ाई जाए ।
उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रियों के इस सम्मेलन में पर्यटन विकास से सम्बन्धित अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई । श्री अरूण जेटली केन्द्रीय वित मंत्री सम्मेलन में मुख्य अतिथि थे तथा श्रीपाद नायक केन्द्रीय पयर्टन एवं संस्कृति मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध ने सम्मेलन की अध्यक्षता की । मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने उपस्थित सभी विशिष्ठ व्यक्तियों को हिमाचल प्रदेश के भ्रमण पर आकर स्वयं यहां के शान्तमय वातावरण व प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति करने का निमंत्रण दिया ।हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबन्धक निदेशक एवं पर्यटन विभाग के निदेशक मोहन चौहान ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया ।