सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा बागवानी मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने प्रदेश के बागवानों से सहकारिता आंदोलन की तरह एकजुट होकर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों एवं बागवानों की कठिनाइयों से परिचित है, लेकिन इस महत्वपूर्ण समुदाय से मिलने वाले सुझावों के परिणामस्वरूप ही बेहतर एवं दीर्घकालीन नीति एवं योजनाएं तैयार करने में सहायता मिल सकती है। श्रीमती स्टोक्स आज यहां प्रदेश के छह जिलों से आए बागवानों के साथ बागवानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बोल रहीं थी। बागवानी मंत्री ने कहा कि मौजूदा परिपेक्ष्य में बागवानों के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं, जिन्हें सामूहिक प्रयासों से ही हल किया जा सकता है। प्रदेश में कुल 2 लाख 14 हजार हैक्टेयर बागवानी क्षेत्र है और 37 प्रकार के फलों का उत्पादन किया जा रहा है। इनमें सेब का महत्वपूर्ण योगदान है और प्रदेश में लगभग 3200 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी है। लेकिन सेब उत्पादन में वर्ष दर वर्ष उतार-चढ़ाव चिंता का विषय है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता के अनुरूप सेब की फसल तैयार करने, प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़ाने, पुराने सेब के पौधों के स्थान पर नई व उन्नत किस्म के पौधों को लगाने, सेब के लिए जल प्रबंधन, जैविक उत्पादन, आधुनिक तकनीक, मार्किटिंग व पोस्ट हार्वेस्ट जैसी अनेक चुनौतियां हैं, जिन पर विचार करने की आवश्यकता है ताकि बागवान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके और उन्हें उनके उत्पाद के बेहतर मूल्य सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र में आज समग्र विकास की आवश्यकता है। सिमटता कृषि एवं बागवानी क्षेत्र तथा मौसम में परिवर्तन आने वाले समय में और बड़ी समस्या बनकर उभरेगी, जिसके लिए अधोसंरचना विकास एवं उचित प्रबंधन से कुछ हल निकल सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सीए स्टोर का ‘हब’ विकसित करने, फसल विविधिकरण, जैविक खेती इत्यादि पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने किसानों एवं बागवानों से बागवानी विभाग एवं कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालय से पूर्ण तालमेल कर प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने बागवानों से समय≤ पर सुझाव प्रेषित करने का भी आग्रह किया ताकि उनके हित में उचित निर्णय लिए जा सकें। इससे पूर्व, अतिरिक्त प्रधान सचिव, बागवानी डॉ. पी.सी. कपूर ने बागवानी मंत्री का स्वागत किया तथा पोस्ट हार्वेस्ट, कोल्ड चेन एण्ड हार्वेस्टिंग पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बागवानों से प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विभाग के माध्यम से बागवानों के हित में और अधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि किसान व बागवान व्यापक तौर पर लाभान्वित हो सकें। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विपणन समिति के प्रबंध निदेशक श्री जे.सी. शर्मा ने भी पोस्ट हार्वेस्ट प्रबधंन पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। बागवानी निदेशक डॉ. गुरदेव सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों से भी बागवानों को अवगत करवाया। इस मौके पर बागवानों के लिए विचार-विमर्श सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसानों एवं बागवानों ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए और अपनी समस्याओं को रखा। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अनिल शर्मा, जुब्बल-कोटखाई के विधायक श्री रोहित ठाकुर, बागवानों से जुड़े विभिन्न संगठनों एवं संघों के पदाधिकारी, बागवानी अनुसंधान केंद्र, मशोबरा के केंद्रीय निदेशक डॉ. विजय ठाकुर, बागवानी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आए प्रगतिशील बागवान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।