आईपीएच मंत्री ने दिए पीलिया को रोकने के लिए एहतियाती उपाय अपनाने के निर्देश
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5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)
शिमला , 01 Mar 2013
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने कहा कि प्रदेश सरकार शिमला शहर, विशेषकर अश्वनी खड्ड जलापूर्ति योजना से जुड़े क्षेत्रों में सामने आ रहे पीलिया के मामलों के प्रति गंभीर है तथा इस रोग को और फैलने से रोकने के लिए हर संभव एहतियाती उपाय सुनिश्चित बनाए जा रहे हैं। श्रीमती स्टोक्स यहां सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य एवं शहरी विकास विभागों तथा शिमला नगर निगम के अधिकारियों के साथ शहर में सामने आए पीलिया के मामलों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहीं थी। श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिमला नगर निगम को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां अश्वनी खड्ड से पानी की आपूर्ति की जा रही है। उन्हें शहरवासियों को की जा रही पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता जांचने तथा मल्याणा उपचार संयंत्र के बहि:स्राव की गुणवत्ता के लिए अल्पावधि एवं दीर्घावधि उपाय सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को मल्याणा मल निकासी उपचार संयंत्र तथा अश्वनी खड्ड जलापूर्ति योजना के सुनियोजित कार्यान्वयन को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने शिमला शहर से लगते क्षेत्रों में प्रदूषित स्थानीय जल स्रोतों के उपयोग को बंद करने के निर्देश दिए। इन क्षेत्रों में नगर निगम शिमला जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित बनाएगा। नगर निगम जल ग्रहण क्षेत्र में आने वाले सभी मकानों को मल निकासी प्रणाली से जोड़ने के लिए अभियान चलाने के साथ-साथ उन मकानों के पानी के कुनैक्शन काटने के निर्देश भी दिए, जिनके पास मल निकासी कुनैक्शन नहीं है। बैठक में मल्याणा मल निकासी उपचार संयंत्र तथा अश्वनी खड्ड पेयजल आपूर्ति योजना से सैंपल लेने के लिए दो टीमें गठित करने का निर्णय लिया गया। श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि नगर निगम को ज्वाहर लाल नेहरु शहरी नवीकरण मिशन के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर अश्वनी खड्ड जल प्रवाह क्षेत्र में मल निकासी परियोजना की मुरम्मत का कार्य करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों का मलबे को वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने के लिए भी कहा, ताकि इसके कारण जलापूर्ति एवं मल निकासी पाइपों को नुक्सान न पहुंचे। उन्होंने नए भवनों में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वर्षा के दौरान सैप्टिक टैंकों से स्थानीय नालों में बहने वाले मल पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम को ऐसे क्षेत्र चिन्हित कर उन्हें मल निकासी प्रणाली से जोड़ना चाहिए। नगर निगम के उप महापौर श्री टिकेन्द्र पंवर ने कहा कि मल उपचार संयंत्र से प्रवाहित होने वाले मल के कारण शिमला के कुछ क्षेत्रों में पीलिया के मामले सामने आने का अंदेशा है।सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर इन चीफ श्री आर.के. शर्मा, शहरी विकास एवं आईपीएच विभाग और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।