हिमाचल प्रदेश के ठंडे पानी में अनोखी इंद्रधनुषी मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रविवार को चार करोड़ रुपये की लागत से एक मछली पालन केंद्र की नींव रखी। मछली पालन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने आईएएनएस को बताया कि यह सरकार द्वारा संचालित सातवां मछली पालन केंद्र होगा, जो सालाना छह-सात टन मछली का उत्पादन करेगा।उन्होंने बताया कि इस केंद्र की नींव यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर थल्ला गांव में रखी गई है, जो इस साल के अंत तक उत्पादन शुरू कर देगा।उन्होंने बताया कि यह मछली पालन केंद्र करीब 1.5 से 2 लाख मछली के बच्चों का भी उत्पादन करेगा, जिनकी आपूर्ति मछली प्रजनकों को होगी।इंद्रधनुषी और भूरी दोनों मछलियां राज्य के ऊपरी इलाकों में ब्यास, सतलुज और रावी नदियों में पाई जाती हैं।राज्य में कुल्लू, चंबा, शिमला, किन्नौर और मंडी जिले में 100 से अधिक मछली पालन केंद्र हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि हिमाचल अपनी पांच नदियों, कई जल स्रोतों और जलाश्यों के बल पर मछली उत्पादन में अपार संभावना रखता है।शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एग्रो-ईकोनोमिक रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए शोध में कहा गया कि एक छोटे मछली पालन केंद्र का औसतन वार्षिक उत्पादन 900 किलोग्राम है। वहीं, बड़े मछली पालन केंद्र 3,400 किलोग्राम तक उत्पादन कर सकते हैं।