राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की कार को टक्कर मारने वाली कार के चालक गुरविंदर सिंह को एक अदालत ने जमानत दे दी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे का मंगलवार को ही कार दुर्घटना के बाद निधन हो गया।पुलिस ने बताया कि गुरविंदर को घटना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।पुलिस ने बताया कि 32 वर्षीय गुरविंदर ने अपनी निजी टाटा इंडिका कार, डीएल 7सी ई5459 से भाजपा नेता की मारुति सुजुकी एसएक्स 4, डीएल 8सी बीएफ 0034 में टक्कर मार दी। मुंडे जिस तरफ बैठे थे, टक्कर उसी तरफ लगी।दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एम. के. मीणा ने आईएएनएस को बताया, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं गुरविंदर ने सुबह में लाल बत्ती तो पार नहीं की थी।"
दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके का निवासी गुरविंदर इंपीरियल होटल में चालक की नौकरी करता है।सुबह 6:20 बजे के आस-पास दक्षिणी दिल्ली के महर्षि अरबिंद चौक पर हुई दुर्घटना के समय गुरविंदर अपनी कार से काम पर जा रहा था। गुरविंदर के एक दोस्त अशोक गुज्जर ने आईएएनएस को बताया, "जिस समय दुर्घटना हुई उस समय मैं जनपथ पर था। मैं तुरंत ही थाने की तरफ दौड़ पड़ा। वह खराब चालक नहीं है और कभी ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन नहीं करता।"गुज्जर ने कहा कि उनका दोस्त एक अनुभवी चालक है और मर्सिडीज एवं फोर्ड एंडेवर जैसी कारें चलाता है। पुलिस ने गुरविंदर पर तेज रफ्तार और लापरवाही से कार चलाने का मामला दर्ज किया है, जिसके कारण मुंडे की जान गई।
सूत्रों के मुताबिक, मामले को 'संवेदनशील प्रकृति' का मानते हुए गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारियों ने गुरविंदर सिंह से पूछताछ की।गुरविंदर को बाद में एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां उसे जमानत मिल गई।महानगर दंडाधिकारी पुनीत पाहवा ने गुरविंदर को जमानत दे दी और कहा कि गुरविंदर का अपराध जमानत देने योग्य है। पुलिस ने गुरविंदर को 14 दिनों की हिरासत में सौंपे जाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।पुलिस ने अदालत को बताया कि विशेष शाखा और खुफिया ब्यूरो इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस हादसे के पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं है, और इसके लिए गुरविंदर को हिरासत में सौंपे जाने की जरूरत है।इस पर अदालत ने कहा कि यदि किसी साजिश का पता चलता है तब पुलिस आरोपी की हिरासत मांग सकती है। अदालत ने गुरविंदर को 30,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानती मुचलके पर छोड़ दिया।