हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास परिषद के चैयरमैन बनने उपरांत पहली बार जिला कांगड़ा में पहुंचने पर मेजर विजय सिंह मनकोटियां का जिला के प्रवेश द्वार से लेकर शाहपुर तक जगह जगह तोरण द्वार लगाकर समर्थकों ने भव्य स्वागत किया। मनकोटिया नेे कहा है विश्व का सब से बड़ा उद्योग पयर्टन उद्योग है ओर हिमाचल मे इसकी अपार सभांवानाए है। मैं प्रयास करूंगा की इस उद्योग को हिमाचल मे बडे पैमाने पर बढावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे जंहा स्थानीय युवकों के लिये रोजगार के साधन निकलते है वही उस क्षेत्र की आर्थिक हालत मे भी सुधार आता है। इस मौका पर उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के अर्शीवाद से पयर्टन उद्योग मे क्र ांती कारी विक ास होगा ओर इस उद्योग के द्वारा हिमाचल का नाम पयर्टन के क्षेत्र मे मानचित्र पर लाया जाएगा। इस मौका पर कर्ण परमार, विनित शर्मा, संजीव वालिया, अशोक व अन्य कई गण्मान्य व्यक्ति व उनके समर्थक उपिस्थत थे। इससे पूर्व लोगों द्वारा ज्वालामुखी में भी मनकोटिया का ाव्य स्वागत किया गया। मनकोटिया ने कहा देवभूमि हिमाचल में देवी-देवताओं का वास है। प्रदेश के शक्तिपीठों में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से देवी दर्शनों को आते हैं। शक्तिपीठ क्षेत्रों में लगे गंदगी के अंबार श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का आहत करते हैं, वहीं सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालु निराश होते हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शक्तिपीठों में सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना होगा। गंदगी के अंबारों को हटाकर सुविधाओं में सुधार व वृद्धि करनी होगी। जिससे श्रद्धालुओं की प्रदेश के शक्तिपीठों के प्रति धार्मिक आस्था की पुर्नस्थापना हो सके। उन्होने कहा हिमाचल में बुद्धिस्ट सर्किट पर्यटन क्षेत्र की अहम कड़ी है, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा का निवास स्थान होने के चलते विदेशों से बौद्ध अनुयायी व तिब्बत समर्थक भारी सं या में मैक्लोडगंज पहुंचते हैं। बुद्धिस्ट सर्किट में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाकर इससे इंटरनेशनल पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
प्रदेश में कई प्राचीन बौद्ध मठ व गो पा हैं, जिन्हें देखने देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन ऐसे प्राचीन बौद्ध मठों व गो पा स्थलों तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी। ऐसे स्थलों के माध्यम से प्रदेश इंटरनेशनल पर्यटन मानचित्र पर अपना अलग मुकाम बना सकता है। प्रदेश की आबादी 65 लाख के लगभग है, जबकि इनमें से 11 लाख युवा बेरोजगार हैं। रोजगार की तलाश में यहां-वहां ठोकरें खा रहे युवाओं को पर्यटन के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जा सकता है। इसके लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। बेरोजगारी की समस्या वर्तमान में सबसे बड़ी है। बेरोजगारी के कारण युवा वर्ग हताश व निराश है, लेकिन सही ढंग से पर्यटन विकास को गति प्रदान की जाए तो बेरोजगारी की समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है, इसके लिए दृढ़इच्छा शक्ति चाहिए, जो हम में है और हम यह कर दिखाएंगे।उत्तरी पूर्वी राज्यों की तर्ज पर हिमालयी राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड व ज मू-कश्मीर को मिलाकर उत्तरी क्षेत्र विकास परिषद का गठन करने की मांग केंद्र के समक्ष उठाई है। तीनों राज्यों के सांसद जब एक मत से लोकसभा व राज्यसभा में आवाज उठाएंगे तभी इन राज्यों की बुनियादी समस्याओं का समाधान संभव है। उत्तरी क्षेत्र विकास परिषद का नेतृत्व हिमाचल प्रदेश के मु यमंत्री वीरभद्र सिंह को करना होगा, क्योंकि वह छह बार मु यमंत्री रहे व तीन बाद केंद्रीय मंत्री रहे हैं, ऐसे में इस परिषद के गठन में उनकी अहम भूमिका है। वर्तमान परिस्थितियों में उत्तरी क्षेत्र विकास परिषद का गठन जरूरी हो गया है।