रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फिजियोथेरेपी और रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी विभाग ने "मल्टी-डिटेक्टर कंप्यूटेड टोमोग्राफी में उभरते नवाचार और भविष्य के रुझान" विषय पर तीसरे सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया। आरबीयू के चांसलर गुरविंदर सिंह बाहरा और वाइस चांसलर डॉ. परविंदर सिंह ने सीएमई के आयोजन में रेडियोलॉजी विभाग की पहल की सराहना।
प्रोफेसर मोहन भागवत चिकित्सा अधीक्षक, और प्रमुख अस्पताल प्रशासन और बायोस्टैटिस्टिक्स पीजीआई, चंडीगढ़ और इंडियन सोसाइटी ऑफ रेडियोग्राफर्स एंड टेक्नोलॉजिस्ट (आईएसआरटी) के अध्यक्ष अतिथियों में शामिल थे।कार्यक्रम की मेजबानी इंडियन सोसाइटी ऑफ रेडियोग्राफर्स एंड टेक्नोलॉजिस्ट्स चंडीगढ़ चैप्टर और एसोसिएशन ऑफ मेडिकल रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी पीजीआई चंडीगढ़ के द्वारा की गई थी।
सीएमई मुख्य उद्देश्य कौशल विकास को बढ़ावा देना और रेडियोलॉजिकल प्रौद्योगिकीविदों और छात्रों के लिए एक पुनश्चर्या पाठ्यक्रम प्रदान करना था, जिससे वे क्षेत्र में नवीनतम प्रगति से अवगत रह सकें। इस कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. डॉ. ललित कुमार गुप्ता, डीन यूएसपीआर, समारोह के अध्यक्ष थे जबकि पी.जी.आई.एम.ई.आर चंडीगढ़ के आदित्य नागरथ आयोजन अध्यक्ष थे।वैज्ञानिक कार्यक्रम को दो सत्रों में विभाजित किया गया था, जिसमें आठ प्रतिष्ठित वक्ता शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक ने रेडियोलॉजी में प्रगति और रुझानों पर बहुमूल्य बिचार प्रदान किए।
समापन समारोह के दौरान, विशेष योगदान देने वाले छात्रों को पुरस्कार और भागीदारी के प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। चितकारा यूनिवर्सिटी, अरोग्यम इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड एलाइड साइंसेज, सीटी यूनिवर्सिटी, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, कोर (सीओईआर) यूनिवर्सिटी, एसजीटी यूनिवर्सिटी, और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रशंसा पत्र दिए गए।
आईएसआरटी और अमृत को मेडिकल इमेजिंग अभ्यासों को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों की सराहना में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।डॉ. एस.के. बांसल, डीन अकादमिक, और प्रो. (डॉ.) वी.के. बंगा, निदेशक शिक्षा गुणवत्ता नियंत्रण, ने समारोह की सफलता में अहम भूमिका निभाई।इस समारोह में सहायक प्रोफेसर ममता पांडा ने आयोजन सचिव की भूमिका निभाई, जबकि वर्षदीप कौर ने सह-संगठन सचिव के रूप में सेवाएं दीं।