चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज झंजेड़ी कैंपस के चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नवीन सोच, नई शिक्षा नीति की विधियों और उद्यमिता पैदा करने के लिए एक राज्य स्तरीय बूट कैंप का आयोजन किया। इस बूट कैंप में पंजाब और हरियाणा के प्राइम मिनिस्टर राइजिंग इंडिया स्कूल के 211 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
यहाँ यह बता दें कि प्राइम मिनिस्टर राइजिंग इंडिया स्कूल वो हैं जहां छात्रों को हुनरमंद बनाकर स्वरोजगार या रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए मौजूदा स्कूलों को उन्नत करना है।
इस राज्य स्तरीय बूट कैंप में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और शिक्षा मंत्रालय इनोवेशन सेल के सहयोग से एक परिवर्तनकारी दो दिवसीय नवाचार, डिजाइन और उद्यमिता बूट शिविर की मेजबानी की गई थी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रो. टी जी सीताराम, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मुख़्य सचिव विपीन कुमार एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डाॅ. अभय जे रे ने ऑनलाइन हाजरी भरते हुए शिक्षा में नवाचार के एकीकरण के महत्व पर जोर दिया।
वहीं कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद चंडीगढ़ के निदेशक डाॅ. सुरिंदर सिंह दहिया, सी ई ओ डॉ. मुनीश जिंदल, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ. सज्जन सिंह और झंजेड़ी कैंपस के कार्यकारी निदेशक डाॅ. विनय गोयल ने किया। डॉ. दहिया ने भावी पीढ़ी को अपनी आर्थिक विशेषज्ञता के साथ नवाचार करने के महत्व पर जोर दिया, जो शिक्षा प्रणाली को बदल सकता है और वास्तविक दुनिया में प्रभाव डाल सकता है।
इस बीच, बूट कैंप में उद्योग विशेषज्ञों द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं और इंटरैक्टिव सत्रों को विशेष रूप से सिखाया गया। जबकि झंजेड़ी कैंपस के इनक्यूबेशन सेंटर के सी ई ओ मोहित नारा ने स्टार्ट-अप रोडमैप बनाने पर एक सत्र का संचालन किया। डॉ. अति प्रिया ने नए विचारों को प्रभावी परियोजनाओं में बदलने के लिए आवश्यक जानकारी साझा की।
इस बीच, उद्यमी डॉ. प्राची, अंशिका बंसल और हितेश गुलाटी मानव-केंद्रित नवाचार पर मार्गदर्शन प्रदान किया। झंजेड़ी कैंपस के एम डी अर्श धालीवाल ने इस राज्य स्तरीय बूट कैंप की सफलता पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह बूट कैंप छात्रों और शिक्षकों में आर्थिक सोच बढ़ाने और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अंत में, भारत के स्टार्टअप्स की तरफ बढ़ते कदमो पर सभी का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दिखाई गयी।