शिरोमणी अकाली दल ने आज आरोप लगाया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी आम आदमी पार्टी हरियाणा में वोट हासिल करने के लिए डेरा सिरसा प्रमुख से सांठगांठ की है, और यही मुख्य कारण है कि मुख्यमंत्री डेरा सिरसा प्रमुख जिसकी फाइल पिछले तीन सालों से उनके टेबल पर रखी है, उसके खिलाफ धारा 295 ए के तहत मामला शुरू करने की मंजूरी देने में नाकाम रहे हैं।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब के मुददों को छिपा रहे हैं, जिनमें कानून व्यवस्था का ध्वस्त होना, राज्य में विकास कार्य करने में विफलता, राज्य में लड़कियों के लिए असुरक्षित माहौल, राज्य में गैंगस्टर संस्कृति और राज्य में बड़े पैमाने पर ड्रग्ज का प्रसार शामिल है, इसके बजाय वे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए नौटंकी और अन्य प्रचार करने में व्यस्त हैं।
सरदार कलेर ने कहा कि पंजाबी यह देखकर हैरान हैं कि डेरा सिरसा के अनुयायी प्रदीप कलेर को केवल एक मामले में अपराधी घोषित किए जाने के छह साल बाद गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य दो मामलों में वह घोषित अपराधी है। उन्होने कहा कि प्रदीप कलेर को गिरफ्तारी के एक भीतर के अंदर जमानत मिल गई, लेकिन फरीदकोट जिले के पुलिस स्टेशन बाजाखाना में एफआईआर नंबर 117 दिनांक 25.09.2015 और एफआईआर नंबर 128 दिनांक 12.10.2015 में उसे अभी तक गिरफ्तार नही किया गया है।
उन्होने कहा कि भगवंत मान जो गृहमंत्री भी हैं, प्रदीप कलेर के खिलाफ अन्य दो मामलों में कोई कार्रवाई न करने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।अकाली नेता ने कहा कि इसके अलावा यह भी सच है कि प्रदीप कलेर ने मैजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज करवाया है और डेरा सिरसा की कार्यकर्ता हनीप्रीत पर आरोप लगाया है , लेकिन फिर भी पंजाब पुलिस की तरफ से किसी भी केस में उसका नाम दर्ज नही किया गया है।
भगवंत मा नही बता सकते हैं कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नही की जा रही है। उन्होने कहा कि यह भी निंदनीय है कि पहले बेअदबी के मामलों को पंजाब से बाहर ट्रांसफर किया गया और बाद में भगवंत मान सरकार की विफलता के कारण उनकी सुनवाई पर रोक लगा दी गई। अकाली दल के लीगल सेल के अध्यक्ष एडवोकेट कलेर ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा कि हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा डेरा सिरसा प्रमुख को बार-बार दी जा रही जमानत/फरलो पर वह चुप्पी क्यों साधे हैं और उन्होने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध क्यों नही किया?
अकाली दल के प्रवक्ता ने एनएचएआई द्वारा 3263 करोड़ रूपये की लागत वाली 3 परियोजनाओं को रदद करने और 14288 करोड़ रूपये वाली लागत वाली 8 अन्य परियोजनाओं को रदद करने का नोटिस भेजने के मामलों पर बात करते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण के मुददों का समाधान करने तथा किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करने में भगवंत मान की विफलता के कारण ये प्रोजेक्ट शुरू नही हो पाए हैं। सरदार कलेर ने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में एक भी प्रोजेक्ट शुरू करने में नाकाम रही है और अब भगवंत मान की अगुवाई वाली आप सरकार ने इस मोर्चें पर राज्य को विफल कर दिया है।