हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आज अनुबंधित कर्मचारियों के हित में बड़ा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अनुबंधित कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने का फैसला किया है। इससे प्रदेशभर में लगभग 1 लाख 20 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार का यह निर्णय आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 सहित एचकेआरएन के तहत कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों पर लागू होगा।
इस संबंध में आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृत्ति की तिथि तक सुरक्षित रखने की गारंटी और उन्हें अधिक सुविधाएं देने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इस अध्यादेश के अनुसार, राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विभागों सहित हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत सभी अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृति की अवधि तक सुरक्षित करने का प्रावधान किया है।
15 अगस्त, 2024 तक जिन अनुबंधित कर्मचारियों को 5 वर्ष पूरे हो जाएंगे वे इस नीति के तहत पात्र होंगे। अनुबंधित कर्मचारियों को पे-स्केल का बेसिक वेतन प्रदान किया जाएगा। साथ ही, महंगाई भत्ते (डीए) अलाउंस के अनुरूप नियमित कर्मचारी की तर्ज पर हर जनवरी और हर जुलाई की पहली तारीख को अनुबंधित कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि करने का भी प्रावधान किया है।
अनुबंधित कर्मचारियों को 1 साल की सेवा के बाद सालाना वेतन वृद्धि देने का भी प्रावधान किया गया है। ऐसे सभी कर्मचारियों को डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का लाभ भी मिलेगा। इतना ही नहीं, अनुबंधित कर्मचारी मेटरनिटी एक्ट के तहत मिलने वाले सभी लाभ के लिए भी पात्र होंगे। पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु एक्सटेंशन योजना के तहत अनुबंधित कर्मचारियों के परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
50,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक वेतन लेने वाले अनुबंधित कर्मचारी इस नीति के तहत पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत कार्यरत कर्मचारियों पर यह फैसला लागू नहीं होगा। जिन्हें 5 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 5 प्रतिशत अधिक मिलेगा।
इसी प्रकार, जिन्हें 8 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 10 प्रतिशत अधिक मिलेगा। जिन कर्मचारियों को 10 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 15 प्रतिशत अधिक मिलेगा।
गेस्ट टीचर्स को भी अब मिलेंगे अतिरिक्त लाभ
मंत्रिमंडल की बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया जिसमें उपरोक्त सुविधाओं और लाभों में से जो लाभ गेस्ट टीचर्स एक्ट में नहीं मिलते, अब वे लाभ गेस्ट टीचर्स को भी दिए जाएंगे। राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों को लेकर कटिबद्ध है, इसी दिशा में आज मंत्रिमंडल में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।
Haryana Government takes Historic Decision for Contractual Employees
Contractual Employees to Receive Job Security
Chandigarh
Haryana government led by Chief Minister Sh Nayab Singh Saini has made a historic decision to ensure job security for contractual employees. This move will benefit approximately 1.20 lakh contractual employees across the state. The decision will apply to employees working under HKRN, including those engaged under outsourcing policy Part-1 and Part-2.
Haryana Cabinet which met under the chairmanship of Chief Minister Sh. Nayab Singh Saini here today approved to bring the Haryana Contractual Employees (Security of Tenure) Ordinance, 2024. This ordinance will enhance facilities for contractual employees and guarantee their job security until the age of superannuation.
According to this ordinance, the state government has established provisions to ensure job security for all contractual employees working across various state departments, including Haryana Kaushal Rojgar Nigam, until their age of superannuation.
Contractual employees who complete 5 years of service by August 15, 2024, will be eligible under this decison. They will receive a basic salary equivalent to the pay scale of posts. Additionally, their consolidated monthly remuneration will be increased with effect from first day of January and first day of July every year corresnding to the increase in Dearness Allowance.
The ordinance also includes provisions for an annual increment on the consolidated monthly remuneration for contractual employees after one year of service. These employees will be entitled to death-cum-retirement gratuity benefits. In addition, contractual employees will also be eligible for all the benefits under the Maternity Act.
Under the PM-Jan Arogya Yojana-Chirayu Extension Scheme, the families of contractual employees will also be provided the benefit of health facilities.However, employees earning more than Rs 50,000 per month will not be covered. Those working under centrally sponsored schemes will also be excluded.
Those who have worked for 5 years or more will get 5% more pay than the minimum pay level of the same post in addition to the consolidated remuneration. Similarly, those who have worked for 8 years or more will get 10 percent more than the minimum pay level of the same post in addition to the remuneration. Employees who have worked for 10 years or more will get 15 percent more than the minimum pay level of the same post in addition to the remuneration.
Guest teachers will also get additional benefits
Another significant decision made in the cabinet meeting is that guest teachers will also receive above benefits. The facilities and advantages not previously covered by the Guest Teachers Act will now be extended to them. This decision reflects the state government's ongoing commitment to the welfare of its employees, marking a historic step in supporting them.
हरियाणा के सभी पंजीकृत बीपीएल परिवारों को 500 रुपये में मिलेगा गैस सिलेंडर
इस योजना से 49 लाख से अधिक परिवार होंगे लाभान्वित, मंत्रिमंडल ने इस संबंध में दी मंजूरी
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत एलपीजी उपभोक्ता के रूप में पंजीकृत परिवारों के लिए राज्य में नई एलपीजी योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई। यह योजना 1 अगस्त, 2024 से लागू होगी।इस योजना के तहत हरियाणा राज्य के सभी पंजीकृत बीपीएल परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम घरेलू सिलेंडर) की दर से प्रति वर्ष 12 सिलेंडर प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने हरियाणा में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उक्त योजना शुरू की है। इस नई योजना के अनुसार एलपीजी की सब्सिडी-राशि परिवार की सबसे बड़ी महिला सदस्य के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। यदि परिवार में 18 वर्ष से अधिक आयु की कोई महिला सदस्य नहीं है, तो यह राशि परिवार के सबसे बड़े पुरुष सदस्य के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
प्रदेश सरकार की इस योजना से 49 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे। इससे राज्य की गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन में सुधार होगा। हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 1.417 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी। गौरतलब है कि कल ही मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जींद में हरियाली तीज के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि प्रदेश में लाभार्थी परिवारों को अब 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। इसी घोषणा को आज कैबिनेट की बैठक में अमलीजामा पहनाकर तुरंत लागू कर दिया गया।
BPL families in Haryana will now get gas cylinder @ Rs. 500
More than 49 lakh families will benefit from this scheme, Cabinet accords approval regarding the same
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini here today approved the implementation of the New LPG Scheme in Haryana State for the families of Haryana State who are registered as LPG Consumers including Pradhan Mantri Ujjwala Yojana (PMUY). The scheme to come into force with effect from August 1, 2024.
Under this scheme, all the registered BPL families of Haryana State will be provided upto 12 cylinder refills per annum @ Rs. 500 per cylinder (14.2 Kg domestic cylinder). Also, to promote Women Empowerment in Haryana State, the LPG subsidy amount will be transferred into the bank account of the eldest female member of the family.
If there is no female member above the age of 18 years in the family, then the LPG subsidy will be transferred into the bank account of the eldest male member of the family. More than 49 lakh families will benefit from this scheme, directly improving the health and lives of poor women of Haryana state. The government will bear the expenditure by expending Rs. 1457 crore to benefit the BPL families.
Notably, it was yesterday only when the Chief Minister while addressing the people at a state-level event organized on Hariyali Teej in Jind had announced that under the Pradhan Mantri Ujjwala Yojana, beneficiary families in Haryana will now receive gas cylinders for Rs 500.
हरियाणा सरकार ने सोसायटियों के लिए न्यू रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाई
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत मौजूदा सोसायटियों द्वारा नए पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाकर हरियाणा सोसायटी पंजीकरण एवं विनियमन नियम, 2012 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा एचआरआरएस नियम, 2012 के नियम 8(1) में संशोधन करने का निर्णय लिया गया ताकि सोसायटियों को अपना नया पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सके।
यह विस्तार अधिसूचना के माध्यम से लागू किया जाएगा और एचआरआरएस नियम, 2012 की अनुसूची-1 में निर्धारित पुन: पंजीकरण शुल्क के भुगतान के अधीन होगा। यद्यपि सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के तहत पंजीकृत मानी जाती हैं, लेकिन नया पंजीकरण नंबर यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि उनके ज्ञापन और उपनियम एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप हों।
इसके अलावा, प्रत्येक मौजूदा सोसायटी परिशिष्ट-1 में निहित शुल्क की अनुसूची में निर्धारित शुल्क के भुगतान पर फॉर्म-VI में एक नए पंजीकरण नंबर आवंटित करने के लिए जिला रजिस्ट्रार को आवेदन करेगी। सोसायटी एक आवेदन दाखिल करेगी और आवश्यक दस्तावेजों के साथ-साथ शासी निकाय द्वारा विधिवत अधिकृत पदाधिकारी के प्रमाण पत्र के साथ अपेक्षित दस्तावेज जमा करेगी कि सोसायटी का ज्ञापन और उपनियम, जैसा कि जिला रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, अधिनियम और मॉडल उपनियमों के प्रावधानों के अनुरूप है।
हरियाणा सोसायटी पंजीकरण और विनियमन (संशोधन) नियम, 2024 में संशोधन से सोसायटी को नए पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने के लिए समय सीमा बढ़ाकर पुन: पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा। सोसायटी को एचआरआरएस अधिनियम, 2012 का अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक आवेदन दाखिल करना होगा और अधिकृत पदाधिकारी से प्रमाण पत्र के साथ अपेक्षित आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
कई विस्तारों और प्रयासों के बावजूद, बड़ी संख्या में सोसायटियों ने अभी तक नए नियामक ढांचे में परिवर्तन नहीं किया है। प्रारंभ में, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के तहत 86,717 सोसायटियां पंजीकृत थीं। इनमें से केवल 12,923 सोसायटियों ने एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के तहत पुनः: पंजीकरण कराया तथा 73,981 सोसायटियां पंजीकरण हेतु लंबित रह गयी हैं।
Government of Haryana Extends Time Limit for Societies to Obtain New Registration Numbers
Chandigarh
Haryana Cabinet which met under the Chairmanship of Chief Minister, Sh. Nayab Singh Saini has approved the amendment in Haryana Registration and Regulations of Societies Rules, 2012 by extending the time limit for existing societies to obtain new registration numbers by the existing societies registered under Societies Registration Act, 1860.
As per the amendment, the State Government has decided to amend Rule 8(1) of the HRRS Rules, 2012, to grant an additional extension for societies to obtain their new registration numbers. This extension will be implemented through a notification and will be subject to the payment of re-registration fees as prescribed in Schedule-1 of the HRRS Rules, 2012.
Although societies registered under the Societies Registration Act, 1860, are deemed to be registered under the HRRS Act, 2012, the new registration number is essential for ensuring that their memorandum and by-laws align with the provisions of the HRRS Act, 2012.
Furthermore, every existing Society shall apply to the District Registrar for allotment of a new registration number in Form-VI on payment of fee set out in the Schedule of fees contained in Appendix-1. The Society shall file an application and submit the requisite documents along with a certificate from the office-bearer duly authorized by the Governing Body to the effect that the Memorandum and the Byelaws of the Society, as being presented before the District Registrar, conform to the provisions of the Act and the model byelaws."
The amendment, named the Haryana Registration and Regulation of Societies (Amendment) Rules, 2024, will facilitate the re-registration process by extending the time limit for societies to obtain new registration numbers. Societies are required to file an application and submit requisite documents along with a certificate from an authorized office-bearer, ensuring compliance with the HRRS Act, 2012.
Despite multiple extensions and efforts, a substantial number of societies have yet to transition to the new regulatory framework. Initially, 86,717 societies were registered under the Societies Registration Act, 1860. Out of these, only 12,923 societies have re-registered under the HRRS Act, 2012, leaving 73,981 societies pending re-registration.
हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वर्गीकरण पर फैसले के बाद अनुसूचित जाति आयोग से सिफारिशें मांगेगी
चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के नौकरियों में अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण पर आए फैसले के आधार पर सभी आंकड़ों का अध्ययन करके अपनी सिफारिशें शीघ्र भेजने के लिए हरियाणा अनुसूचित आयोग को अनुरोध करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
Haryana Government to Seek Recommendations from Scheduled Caste Commission Following Supreme Court Ruling on Reservation Classification
Chandigarh
Haryana Government has decided to request Haryana Scheduled Caste Commission to study all the data and send its recommendations soon on the basis of the recent decision of Supreme Court regarding classification of reservation for Scheduled Castes in jobs. A decision to this effect has been taken in the State Cabinet held under the chairmanship of Chief Minister Sh Nayab Singh Saini here today.