शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता और बठिंडा की सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज वित्त विधेयक को टैक्स ट्रैप बिल करार देते हुए कहा कि यह मध्यम और लघु उद्योग के साथ-साथ आम आदमी की कीमत पर काॅरपोरेट सैक्टर के लिए बहुत दयालु है। बीबा बादल ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुसार चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने में नाकाम रहने के कारण 1970 से केंद्र शासित प्रदेश से होने वाली सारी आय को पंजाब को वापिस करने की मांग की है।
उन्होने पाकिस्तान के साथ वाघा और हुसैनीवाला दोनों सीमाओं को व्यापार के लिए खोलने की भी मांग की है। लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए बीबा हरसिमरत कौर बादल ने कहा,‘‘ इस बिल से किसी को भी बख्शा नही गया है, चाहे आप पैसा कमाएं यां निवेश करें, आपको टैक्स देना ही होगा।’’ उन्होने कहा कि यह बिल कारपोरेट क्षेत्र के लिए बहुत ही उदार है, जिसमें विदेशी निवेशकों के लिए टैक्स 45 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी कर दिया गया है, जबकि स्टार्टअप के लिए एंजेल टैक्स वापिस ले लिया गया है।
उन्होने कहा कि इसी तरह कारपोरेट कर 25 फीसदी तय किया गया है, जबकि साझेदारी और स्वामित्व वाली फर्मों में जाने वाले छोटे निवेशकरों पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा। बठिंडा सांसद ने अमीर और गरीब के बीच खाई पैदा न करने का आग्रह करते हुए कहा कि आयकर अधिनियम में धारा 43 बी को हटाने की एमएसएमई की मांग को अस्वीकार कर दिया गया है, जो व्यवसायों को एमएसएमई से खरीदे गए सामान यां सेवाओं पर किए गए खर्चों के लिए कटौती का दावा करने से रोकता है, अगर भुगतान एक निश्चित समय सीमा से अधिक देरी से किया जाता है।
उन्होने कहा कि लुधियाना की अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा दिए गए एक आश्वासन के बावजूद ऐसा किया गया। उन्होने यह भी बताया कि कैसे एमएसएमई को 15 लाख रूपये की सब्सिडी की अनुमति देने वाली के्रडिट लिंक कैपिटल योजना को कैसे वापिस ले लिया गया है। उन्होने यह भी मांग की कि सरकार द्वारा सूचीबद्ध मेलों में भाग लेने के लिए एमएसएमई को दी जाने वाली 85 से 90 फीसदी सब्सिडी वापिस नही ली जानी चाहिए।
बीबा बादल ने स्वास्थ्य और बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाने के बारे में बोलते हुए कहा कि यह आतंकवाद से कम नही है, और यह किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होने माल ढ़ुलाई को समान बनाने का आहवाहन करते हुए कहा कि जिस सिर्फ जमीन पर निर्भर राज्य प्रतिस्पर्धा कीमतों पर माल का उत्पादन नही कर सकते हैं। उन्होने यह भी बताया कि कैसे तकनीकी उन्नयन के लिए प्रोत्साहन की कमी के कारण साइकिल उद्योग को तबाह होने दिया गया।
कृषि उपकरणों पर टैक्स हटाने यां तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता के बारे में बोलते हुए बीबा बादल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने यां उन्हे एमएसपी प्रदान करने में नाकाम रही है और खेती के उपकरणों पर टैक्स से उन्हे ज्यादा नुकसान पहंुच रहा है। उन्होने पंजाब को कर्ज के जाल में फंसाने के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे राज्य का कर्ज आठ सालों में एक लाख करोड़ रूपये बढ़ गया है और कर्जा-जीएसडीपी अनुपात 47 फीसदी हो गया है।