Monday, 09 September 2024

 

 

खास खबरें गांव सैदों पट्टी से चक साधु लिंक सड़क का सांसद राजकुमार चब्बेवाल ने किया शिलान्यास एलपीयू के फिजियोथेरेपी छात्रों ने विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 2024 मनाया गांव राजपुर भाइयां में क्रिकेट टूर्नामेंट सांसद राज कुमार चब्बेवाल ने किया खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन “अपराजिता मैं चंबा की” कार्यक्रम के तहत कार्यशाला आयोजित जनता को सुविधाएं देने के लिए शहर के हर कोने में करवाए जा रहे हैं विकास कार्यः ब्रम शंकर जिंपा रयात बाहरा यूनिवर्सिटी में बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप आयोजित जनता की मांग के अनुसार वार्डो में करवाए जा रहे हैं विकास कार्यः ब्रम शंकर जिंपा हर व्यक्ति नेत्रदान को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएः ब्रम शंकर जिंपा पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष आर.एस.बाली ने तीन दिवसीय मेले का शुभारम्भ किया पूर्व गृह मंत्री अनिल विज 11 सितम्बर को भरेंगे नामांकन पत्र, गांधी ग्राउंड से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम कार्यालय जाएंगे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने देहरा निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए रूहानीयत से इंसानियत का स्वरूप निरंकारी रक्तदान शिविर कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने जनता दरबार लगा कर सुनी लोगों की शिकायतें कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने हॉकी खिलाड़ियों को खेलों से जुड़े रहकर नशे से दूर रहने की दी प्रेरणा सी जी सी झंजेड़ी कैंपस में राज्य स्तरीय आई डी ई बूट कैंप का आयोजन किया गया बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ द्वारा पीएसपीसीएल को बिजली चोरी के खिलाफ विशेष जांच के सख्त निर्देश जालंधर की सबसे मशहूर लवली स्वीट्स ने मलेरकोटला में अपना शोरूम खोला बेटियों के साथ ही आगे बढ़ता है समाज : ब्रम शंकर जिम्पा अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग द्वारा गांव नंदपुर के खेल मेले का पोस्टर रिलीज़ किया गिया मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य में बड़े निवेश को प्रोत्साहन, कनाडा के नेबुला ग्रुप ने पंजाब में निवेश के लिए गहरी दिलचस्पी दिखाई शहर-गांव, गरीबी-अमीरी, लिंग भेद और जात-पात की दीवारें समाप्त करने के लिए शिक्षा ही एकमात्र साधन है : अनुराग वर्मा

 

रसायन विज्ञान विभाग ने पर्यावरण निवारण के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

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चंडीगढ़ , 30 Jul 2024

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के कैमिस्ट्री विभाग ने आज 30 जुलाई, 2024 को ''एडवांस्ड एनालिटिकल इंट्रूमेंटेशन मेथड्स फॉर एनवायर्नमेंटल रेमेडीशन'' विषय पर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो. संजय मंडल (आईआईएसईआर, मोहाली), के साथ ही पीईसी के निदेशक, प्रो. राजेश कुमार भाटिया (ऐड इंटेरिम), प्रो. उमेश शर्मा (डीन, एसआरआईसी) और प्रो. हरमिंदर कौर (हेड,कैमिस्ट्री विभाग) ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर संकाय के सभी सदस्य, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।  

इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक उपकरणों को संभालने/ट्रबल शूटिंग में हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान करना और पर्यावरणीय उपचार अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक स्किल-डेवलपमेंट प्रदान करना है। इस द्विदिवसीय वर्कशॉप में पंजाब विश्वविद्यालय, आईआईएसईआर मोहाली, आईआईटी रोपड़, सीएसआईओ चंडीगढ़ और पीईसी चंडीगढ़ से आये हुए मुख्य वक्ताओं ने इस विषय पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।

समारोह की शुरुआत में प्रो. हरमिंदर कौर ने दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। यह कार्यशाला इलेक्ट्रोकेमिकल वर्कस्टेशन, एचपीएलसी, यूवी-विज़-एफटी-आईआर स्पेक्ट्रोस्कोपी आदि हाई एन्ड वैज्ञानिक उपकरणों पर प्रकाश डालेगी। उन्होंने ऑप्टिकल न्यूरोसेंसर, एक्स-रे डिफ्रैक्शन ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट, जल प्रदूषकों का पता लगाना और संवेदन और अंत में जल निवारण के लिए फोटोकैटलिटिक विधियां आदिसहित इस वर्कशॉप में आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों पर भी जानकारी प्रदान की। 

उन्होंने इस उपयोगी और प्रेरणादायक वर्कशॉप के लिए उनके कोलैबोरेटिव प्रयासों के लिए प्रतिनिधियों के साथ-साथ आयोजन टीम के प्रति भी आभार व्यक्त किया। निदेशक पीईसी, प्रोफेसर राजेश भाटिया (ऐड इंटेरिम) ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर मंडल और प्रतिभागियों का पीईसी के पोर्टल पर बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों को इंटरैक्टिव रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया। 

उन्होंने ऐसी कार्यशालाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यशाला प्रैक्टिकल प्रशिक्षण/अनुभव प्रदान करेगी, जिसकी इस वक़्त सबसे ज़्यादा ज़रुरत है। मुख्य अतिथि प्रो. संजय मंडल ने अपने सत्र में एक्स-रे विवर्तन हरित ऊर्जा विकास पर बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। 

उन्होंने डिफ्रैक्शन की उत्पत्ति और सिंगल  क्रिस्टल और पाउडर एक्स-रे डिफ्रैक्शन (एक्सआरडी) के माध्यम से एक्स-रे डिफ्रैक्शन के बेसिक्स, क्रिस्टल चयन और माउंटिंग, पाउडर एक्स-रे डिफ्रेक्टोमीटर, प्रिंसिपल्स ऑफ़ समिट्री का उपयोग करके उनके अनुप्रयोगों पर बहुत ही रोचक तरीके से प्रकाश डाला। प्रोफेसर मंडल आईआईएसईआर मोहाली में केंद्रीय एक्स-रे सुविधा के संस्थापक संयोजक भी हैं। 

उनके शोध के मूल क्षेत्र मल्टीफंक्शनल नैनोमटेरियल्स, क्रिस्टल इंजीनियरिंग, एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी और ऑर्गेनोमेटेलिक केमिस्ट्री आदि हैं। आख़िरकार, उद्घाटन सत्र उत्साहपूर्ण ढंग से समाप्त हुआ। इन दो दिनों के दौरान पर्यावरण निवारण के लिए विश्लेषणात्मक उपकरणों के क्षेत्र से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की जाएगी।

Chemistry Deptt Organized Two Day Workshop for Environmental Remediation 

Chandigarh

The Department of Chemistry of Punjab Engineering College (Deemed to be University), Chandigarh organized a two-day workshop on ''Advanced Analytical Instrumentation Methods for Environmental Remediation'' from 30th - 31st July, 2024. The chief guest for the Inaugural ceremony Prof. Sanjay Mandal (IISER, Mohali), along with Director of PEC, Prof. Rajesh Kumar Bhatia (Ad Interim), Prof. Umesh Sharma (Dean, SRIC) and Prof. Harminder Kaur (Head, Chemistry Deptt.) graced the occasion with their esteemed presence. All the members of faculty, participants and students were present at this occasion.  

This workshop is aimed to provide hands-on experience to the students in handling/troubleshooting high-end scientific instruments and their skill-development required for environmental remediation applications. Various Keynote Speakers from Panjab University, IISER Mohali, IIT Ropar, CSIO Chandigarh, and PEC Chandigarh would provide their valuable insights on the underlined theme. 

Initially, Prof. Harminder Kaur briefed about the two-day workshop. This workshop will shed light on high end scientific equipment such as Electrochemical workstation, HPLC, UV-Vis-FT-IR Spectroscopy etc. She also provided insights on the various sessions going to be held in this workshop inclusive of Optical Neurosensors, X-Ray Diffraction green energy development, Detection and Sensing of Water Pollutants and lastly Photocatalytic methods for Water Remediation etc. 

She also expressed her gratitude towards the delegates as well as the organizing team for their collective efforts for this fruitful & inspiring workshop. Director PEC, Prof. Rajesh Bhatia (Ad Interim) very warmly welcomed the chief guest Prof. Mandal and participants at the portals of PEC. 

He also encouraged them to be interactive during the workshop. He also shed light on the need for such workshops. He also remarked that this workshop would provide hands-on-training/experience of analytical techniques for environmental remediation. 

Chief Guest, Prof. Sanjay Mandal, in his opening session, provided valuable knowledge on X-Ray Diffraction green energy development. He shed light on the Origin of Diffraction and the Basics of X-Ray Diffraction through Single Crystal and Powder X-Ray Diffraction (XRD) and their Applications by using Principles of Symmetry, Crystal Selection & Mounting, Powder X-ray Diffractometer, Sample Holders, methods for Crystal Growth, etc. in a very interesting manner. 

Prof. Mandal is also the founding convener of the central X-Ray facility at IISER Mohali. His basic areas of research are Multifunctional Nanomaterials, Crystal Engineering, X-ray Crystallography and Organometallic Chemistry etc. Along with this, he also teaches a broad range of courses at the BS-MS and PhD level.  

At last, the inaugural session ended on a high note. This two-day workshop would shed light on various analytical methods for environmental remedies. 

ਕੈਮਿਸਟਰੀ ਵਿਭਾਗ ਨੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਦੋ ਰੋਜ਼ਾ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ

ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ

ਪੰਜਾਬ ਇੰਜਨੀਅਰਿੰਗ ਕਾਲਜ (ਡੀਮਡ ਟੂ ਬੀ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ), ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਕੈਮਿਸਟਰੀ ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋਂ 30 ਤੋਂ 31 ਜੁਲਾਈ, 2024 ਤੱਕ ''ਐਡਵਾਂਸਡ ਐਨਾਲਿਟੀਕਲ ਇੰਸਟਰੂਮੈਂਟੇਸ਼ਨ ਮੈਥਡਜ਼ ਫਾਰ ਐਨਵਾਇਰਮੈਂਟਲ ਰੀਮੀਡੀਏਸ਼ਨ'' ਵਿਸ਼ੇ 'ਤੇ ਦੋ ਰੋਜ਼ਾ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਉਦਘਾਟਨੀ ਸਮਾਰੋਹ ਦੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਪ੍ਰੋ. ਸੰਜੇ ਮੰਡਲ (ਆਈ.ਆਈ.ਐਸ.ਈ.ਆਰ., ਮੋਹਾਲੀ), ਪੀ.ਈ.ਸੀ. ਦੇ ਡਾਇਰੈਕਟਰ, ਪ੍ਰੋ. ਰਾਜੇਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਭਾਟੀਆ (ਐਡ ਅੰਤਰਿਮ), ਪ੍ਰੋ. ਉਮੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ (ਡੀਨ, ਐਸ.ਆਰ.ਆਈ.ਸੀ.) ਅਤੇ ਪ੍ਰੋ. ਹਰਮਿੰਦਰ ਕੌਰ (ਮੁਖੀ, ਕੈਮਿਸਟਰੀ ਵਿਭਾਗ) ਨੇ ਇਸ ਮੌਕੇ ਹਾਜ਼ਰੀ ਭਰੀ। 

ਇਸ ਮੌਕੇ ਸਮੂਹ ਫੈਕਲਟੀ ਮੈਂਬਰ, ਪ੍ਰਤੀਭਾਗੀ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ। ਇਸ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਉੱਚ-ਅੰਤ ਦੇ ਵਿਗਿਆਨਕ ਯੰਤਰਾਂ ਨਾਲ ਨਜਿੱਠਣ/ਸਮੱਸਿਆ-ਨਿਪਟਾਰਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਣ ਸੰਬੰਧੀ ਉਪਚਾਰ ਕਾਰਜਾਂ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁਨਰ-ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਅਨੁਭਵ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ਹੈ। ਇਸ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, ਆਈਆਈਐਸਈਆਰ ਮੋਹਾਲੀ, ਆਈਆਈਟੀ ਰੋਪੜ, ਸੀਐਸਆਈਓ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਅਤੇ ਪੀਈਸੀ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਤੋਂ ਆਏ ਹੋਏ  ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮੁੱਖ ਬੁਲਾਰੇ ਰੇਖਾਂਕਿਤ ਵਿਸ਼ੇ 'ਤੇ ਆਪਣੀ ਕੀਮਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਗੇ।

ਸਮਾਗਮ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋ: ਹਰਮਿੰਦਰ ਕੌਰ ਨੇ ਦੋ ਰੋਜ਼ਾ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ। ਇਹ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਉੱਚ ਪੱਧਰੀ ਵਿਗਿਆਨਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਇਲੈਕਟ੍ਰੋਕੈਮੀਕਲ ਵਰਕਸਟੇਸ਼ਨ, ਐਚਪੀਐਲਸੀ, ਯੂਵੀ-ਵਿਸ-ਐਫਟੀ-ਆਈਆਰ ਸਪੈਕਟ੍ਰੋਸਕੋਪੀ ਆਦਿ 'ਤੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਏਗੀ। ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਆਪਟੀਕਲ ਨਿਊਰੋਸੈਂਸਰ, ਐਕਸ-ਰੇ  ਡਿਫਰੈਕਸ਼ਨ ਗ੍ਰੀਨ ਐਨਰਜੀ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ, ਜਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਖੋਜ ਅਤੇ ਸੰਵੇਦਨਾ ਅਤੇ ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਫੋਟੋਕੈਟਾਲਿਟਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਆਦਿ ਸਮੇਤ ਇਸ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੈਸ਼ਨਾਂ ਬਾਰੇ ਵੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ। 

ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਇਸ ਪ੍ਰੇਰਨਾਦਾਇਕ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹਿਕ ਯਤਨਾਂ ਲਈ ਡੈਲੀਗੇਟਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਟੀਮ ਦਾ ਵੀ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ। ਡਾਇਰੈਕਟਰ ਪੀ.ਈ.ਸੀ., ਪ੍ਰੋ. ਰਾਜੇਸ਼ ਭਾਟੀਆ (ਐਡ ਅੰਤਰਿਮ) ਨੇ ਪੀ.ਈ.ਸੀ. ਦੇ ਵੇਹੜੇ ਵਿਚ ਆਏ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਪ੍ਰੋ. ਮੰਡਲ ਅਤੇ ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਦਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਨਿੱਘਾ ਸਵਾਗਤ ਕੀਤਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦੌਰਾਨ ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵੀ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕੀਤਾ।

 ਉਨ੍ਹਾਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਰਕਸ਼ਾਪਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ’ਤੇ ਵੀ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ। ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਇਹ ਵੀ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਹ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਹੱਥਾਂ-ਨਾਲ-ਸਿਖਲਾਈ/ਅਨੁਭਵ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰੇਗੀ ਜੋ ਕਿ ਕੁਝ ਅਜਿਹਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੀ ਭਾਗੀਦਾਰਾਂ ਨੂੰ ਉਡੀਕ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਪ੍ਰੋ: ਸੰਜੇ ਮੰਡਲ ਨੇ ਆਪਣੇ ਉਦਘਾਟਨੀ ਸੈਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਐਕਸ-ਰੇ ਡਿਫਰੈਕਸ਼ਨ ਗ੍ਰੀਨ ਐਨਰਜੀ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਵੱਡਮੁੱਲਾ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ। ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਸਿੰਗਲ ਕ੍ਰਿਸਟਲ ਅਤੇ ਪਾਊਡਰ ਐਕਸ-ਰੇ ਡਿਸਫ੍ਰੈਕਸ਼ਨ (XRD) ਅਤੇ ਸਮਰੂਪਤਾ, ਕ੍ਰਿਸਟਲ ਚੋਣ ਅਤੇ ਮਾਊਂਟਿੰਗ, ਪਾਊਡਰ ਐਕਸ-ਰੇ ਡਿਫ੍ਰੈਕਟੋਮੀਟਰ, ਨਮੂਨਾ ਧਾਰਕਾਂ ਦੇ ਸਿਧਾਂਤਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਵਿਭਿੰਨਤਾ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਐਕਸ-ਰੇ ਵਿਭਿੰਨਤਾ ਦੀਆਂ ਬੁਨਿਆਦੀ ਗੱਲਾਂ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀਆਂ ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨਾਂ,  ਕ੍ਰਿਸਟਲ ਗਰੋਥ ਆਦਿ 'ਤੇ ਬਹੁਤ ਹੀ ਦਿਲਚਸਪ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਈ। 

ਪ੍ਰੋ. ਮੰਡਲ IISER ਮੋਹਾਲੀ ਵਿਖੇ ਕੇਂਦਰੀ ਐਕਸ-ਰੇ ਸਹੂਲਤ ਦੇ ਸੰਸਥਾਪਕੀ ਕਨਵੀਨਰ ਵੀ ਹਨ। ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਖੋਜ ਦੇ ਬੁਨਿਆਦੀ ਖੇਤਰ ਮਲਟੀਫੰਕਸ਼ਨਲ ਨੈਨੋਮੈਟਰੀਅਲ, ਕ੍ਰਿਸਟਲ ਇੰਜਨੀਅਰਿੰਗ, ਐਕਸ-ਰੇ ਕ੍ਰਿਸਟਾਲੋਗ੍ਰਾਫੀ ਅਤੇ ਆਰਗਨੋਮੈਟਲਿਕ ਕੈਮਿਸਟਰੀ ਆਦਿ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹਨ। ਅੰਤ ਵਿੱਚ, ਉਦਘਾਟਨੀ ਸੈਸ਼ਨ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਢੰਗ ਨਾਲ ਸਮਾਪਤ ਹੋਇਆ। ਇਨਵਾਇਰਨਮੈਂਟਲ ਰੀਮੀਡੀਏਸ਼ਨ ਲਈ ਐਨਾਲਿਟਿਕਲ ਇੰਸਟਰੂਮੈਂਟਸ ਦੇ ਖੇਤਰ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਵਿਸ਼ਿਆਂ 'ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋ ਦਿਨਾਂ ਦੀ ਮਿਆਦ ਦੇ ਅੰਦਰ ਚਰਚਾ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ।

 

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