उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज फिक्की महिला संगठन के सदस्यों को वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही मेधावी लड़कियों को सहारा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस तरह के समर्थन के भारी असर पर जोर देते हुए कहा कि एक लड़की की शिक्षा और सुरक्षा में सहायता करने से उसे अपार संतुष्टि और प्रसन्नता मिल सकती है।बच्चियों के सशक्तीकरण से जुड़े समाज के तेज और चौतरफा विकास पर प्रकाश डालते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, “जब एक महिला परिवार के खर्चे, परिवार की आर्थिक व्यवस्था को नियोजित करती है, तो परिवार का विकास सुनिश्चित होता है।
पिछले दस वर्षों में बड़े पैमाने पर ऐसा किया गया है।”श्री धनखड़ ने सदस्यों से अपने परिवारों और संबंधित कॉरपोरेट्स को लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में सीएसआर प्रयासों को दिशा देने के लिए प्रभावित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने संरचित सीएसआर पहलों की आवश्यकता पर जोर दिया जो अंतिम मील तक पहुंचती हैं। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सबसे वंचित लड़कियों को सहायता प्रदान करके, आशा और अवसर पैदा किए जा सकते हैं, जिससे उनके जीवन पर महत्वपूर्ण और सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आज उपराष्ट्रपति परिसर में फिक्की एफएलओ चेन्नई चैप्टर के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए, श्री धनखड़ ने महिलाओं को उनकी धार्मिक आस्था के इतर न्यायसंगत, समान सहायता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की। महिलाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए, श्री धनखड़ ने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों जैसे हर घर में शौचालय, किफायती आवास, हर नल में जल और हर घर में नल, मुद्रा योजना का उल्लेख किया।
संसद में महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए श्री धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया, तो 17 महिला सांसद प्रमुख पदों पर थीं। उनके और उपसभापति के अलावा, सभी महिलाएं थीं। उन्होंने राज्यसभा में लैंगिक प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि एक समय पुरुषों के वर्चस्व वाली आसंदी पर अब 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
महिला-नेतृत्व वाले सशक्तिकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि एक साधारण पृष्ठभूमि वाली जनजातीय महिला माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का देश की प्रथम नागरिक बनने पर उन्होंने गौरव का अनुभव किया है। उन्होंने कहा, “भारत महिला सशक्तिकरण को परिभाषित कर रहा है। भारत महिला-नेतृत्व वाले सशक्तिकरण को परिभाषित कर रहा है।”
VP encourages the FICCI members to hand-hold meritorious girls facing financial and societal challenges
Vice-President interacts with the members of FICCI Ladies Organisation, Chennai Chapter at Vice-President’s Enclave
New Delhi
The Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar today encouraged the members of FICCI Ladies Organisation to hand-hold meritorious girls facing financial and societal challenges. He emphasized the immense impact of such support, stating that aiding a girl's education and security can bring unparalleled satisfaction and happiness.
Highlighting the exponential geometric growth of a society associated with the empowerment of a girl child, Shri Dhankhar exhorted that “When a woman controls the purse of the family, the economy of the family, growth of the family is assured. This has been done in the last ten years in a massive way.”
Shri Dhankhar also urged members to influence their families and associated corporates to channelize CSR efforts towards empowering girls. He emphasized the need for structured CSR initiatives that reach the last mile. By extending support to the most underserved girls, the Vice President highlighted, hope and opportunities can be generated, creating a significant and positive impact on their lives.
Interacting with the members of FICCI FLO Chennai Chapter at Vice Presidents complex today, Shri Dhankhar applauded the Supreme Court judgment regarding the equitable, uniform assistance to women, irrespective of their religion.Highlighting the hardships faced by women, Shri Dhankhar highlighted various initiatives taken by the government to improve lives of women such as toilet in every home, affordable housing, हर नल में जल और हर घर में नल, MUDRA Yojna.
Reaffirming his commitment to women's empowerment in Parliament, Shri Dhankhar highlighted that when the Rajya Sabha passed the Women Reservation Bill, 17 women parliamentarians occupied key positions. Apart from himself and the Deputy Chairperson, all were women. He emphasized the significant progress in gender representation in Rajya Sabha, stating that the table, once dominated by males, now has over 50% females.
Highlighting India's strides in women-led empowerment, Shri Dhankhar expressed pride in seeing a tribal woman of humble beginnings, Hon’ble President of India Draupadi Murmu, become the country's first citizen. “India is defining women empowerment. India is defining women-led empowerment”, he added.