मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जल जीवन मिशन की शीर्ष समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधितों से कहा कि ठीक समय पर कार्यों की निविदा और आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिशन का ध्यान योजनाओं को पूरा करने पर होना चाहिए। बैठक में जल शक्ति विभाग के एसीएस के अलावा प्रमुख सचिव, वित्त, सचिव ग्रामीण विकास, सचिव स्कूल शिक्षा, मिशन निदेशक जेजेएम, मुख्य अभियंता, कश्मीर/जम्मू के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस बैठक के दौरान बोलते हुए मुख्य सचिव ने प्रत्येक घर के लिए साल भर ’नल से जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक योजना के लिए टिकाऊ जल स्रोत की पहचान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराने में योजनाओं को सफल बनाने के लिए अपेक्षित व्यवहार्यता अध्ययन करने पर जोर दिया।
उन्होंने विभाग से प्रत्येक योजना की प्रगति की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के लिए प्रावधान करने और यह देखने के लिए कहा कि यह जल आपूर्ति योजना के लिए निर्धारित सभी आवश्यक दिशानिर्देशों को पूरा करे। उन्होंने संबंधित मुख्य अभियंताओं द्वारा निगरानी किए जाने वाले विशेष रूप से भूजल स्रोत वाले या उनके पूरा होने के लिए इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्यों की आवश्यकता वाले कार्यों का एक अनुपात निर्धारित करने की भी सलाह दी।
डुल्लू ने स्थानीय लोगों को आपूर्ति किए जाने वाले पानी की जांच करने और संबद्ध योजनाओं के संचालन के लिए उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए भी कहा। उन्होंने अपनी योजनाओं की देखभाल के लिए प्रत्येक गांव में तकनीकी रूप से सक्षम लोगों का एक समूह रखने के लिए स्थानीय तकनीकी संस्थानों में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने परीक्षण की आवृत्ति में तेजी लाने और योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए ’नल जल मित्रों’ की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने पंचायतों को ’हर घर नल से जल’ प्रमाणित घोषित करने के लिए जहां भी आवश्यक हो, योजनाओं के संचालन और रखरखाव के लिए प्रावधान करने का भी आह्वान किया। उन्होंने लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आईईसी गतिविधियों को बढ़ाने के अलावा उपाय करने का भी आह्वान किया। बैठक में एसीएस, जल शक्ति, शालीन काबरा ने इस मिशन की प्रगति को गति देने के लिए किये जा रहे उपायों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब तक जम्मू-कश्मीर के जिलों में 14,23,305 घरों में से 76 प्रतिषत घरों को नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में ही लगभग 3,27,215 परिवारों को जोड़ा गया है। कार्यों के निष्पादन के संबंध में एसीएस ने बताया कि प्रगति संतोषजनक है क्योंकि 6478 कार्य पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं और 5806 कार्य जमीनी स्तर पर शुरू हो गए हैं और 1571 कार्य निष्पादन एजेंसियों द्वारा पूरे कर लिए गए हैं।
जहां तक पानी की गुणवत्ता की निगरानी का सवाल है, यह कहा गया कि यूटी के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित 98 प्रयोगशालाओं में लगभग 204957 परीक्षण किए गए थे। यह भी बताया गया कि गांवों में 7530 मुफ्त परीक्षण किट वितरित किए गए हैं, जहां 33000 से अधिक महिलाओं को इन किटों का उचित उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
इसके अलावा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 22 जिला प्रयोगशालाओं में से 10 को एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त है और बाकी को जल्द ही मान्यता मिलने वाली है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीसरे पक्ष की निगरानी, गैर सरकारी संगठनों को आईएसए के रूप में शामिल करने के अलावा यूटी की सभी पंचायतों में पानी समितियों की क्षमता निर्माण सुनिश्चित किया गया है।
यह भी पता चला कि तहसील/उपखंड स्तर पर सभी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का निरीक्षण खाद्य एवं औषधि नियंत्रक द्वारा किया जा रहा है ताकि उनके द्वारा स्थापित कार्य के लिए उनकी तत्परता और उपयुक्तता का पता लगाया जा सके। समिति ने बाद में इस राष्ट्रीय योजना की सुचारू प्रगति के लिए अन्य निर्णय लेने के अलावा इस मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार यूटी के विभिन्न जिलों में छूटे हुए 57837 परिवारों को शामिल करने के लिए यूटी भर में 79 योजनाओं पर काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।