लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड एलाइड मेडिकल साइंसेज ने बलदेव राज मित्तल ऑडिटोरियम में 'शारीरिक शिक्षा और खेल के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का आयोजन किया। सम्मेलन को यूरोपीय संघ के इरास्मस प्लस कार्यक्रम द्वारा सह-वित्त पोषित किया गया था, जहां मुख्य वक्ता विदेश ; बहु-विशेषता अस्पताल; और, शीर्ष विश्वविद्यालय से थे।
इरास्मस कार्यक्रम शिक्षा, प्रशिक्षण, युवाओं और खेल का समर्थन करने के लिए एक यूरोपीय संघ (ईयू) कार्यक्रम है। सम्मेलन की संरक्षक; एलपीयू की प्रो-चांसलर श्रीमती रश्मी मित्तल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और सम्मेलन से संबंधित सार पुस्तक का विमोचन भी किया।
श्रीमती मित्तल ने युवा स्टूडेंट्स और खिलाड़ियों को स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए सम्मेलन के सभी प्रमुखों को बधाई दी। एलपीयू के दो स्कूलों के खेल और फिजियोथेरेपी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित; इस सम्मेलन का उद्देश्य शारीरिक शिक्षा, खेल विज्ञान और फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में हाल की प्रगति में अनुसंधान निष्कर्षों को जानने के लिए एक मंच प्रदान करना था।
सभी तकनीकी सत्र बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक खेल प्रदर्शन ; मानसिक स्वास्थ्य; खेलों में प्रौद्योगिकी; समावेशी खेल; कल्याण और जीवन शैली प्रबंधन पर थे। इस अवसर पर, नानावती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मुंबई में फिजियोथेरेपी और स्पोर्ट्स मेडिसिन और पुनर्वास केंद्र के विभाग के प्रमुख; डॉ. अली ईरानी ने सभी उपस्थित लोगों को बताया कि वर्तमान युग में फिटनेस सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्यों है।
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय (हरियाणा) के डॉ. अरविंद मलिक ने 'फिटनेस और पोषण' के बारे में बात की। एचपीयू, शिमला के प्रोफेसर (डॉ.) संजय शर्मा द्वारा प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती में पोषण की भूमिका पर चर्चा की गई। भारतीय खेल प्राधिकरण के बायोमैकेनिक्स लीड डॉ. राहुल तिवारी ने खेल औषधियों के बारे में बताया। और, मलेशियाई यूनिवर्सिटी टेक्नोलोजी MARA के प्रोफेसर (डॉ.) ऑलेक्ज़ेंडर क्रासिलशिकोव ने चोट की रोकथाम और प्रबंधन के लिए अन्तर डिसप्लीनरी दृष्टिकोण लागू करने के बारे में चर्चा की।
एलपीयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. संजय मोदी; रजिस्ट्रार, प्रोफेसर डॉ. मोनिका गुलाटी; डिप्टी डीन, फिजियोथेरेपी विभाग, डॉ. सुरेश मणि; और, डिप्टी डीन, स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन, प्रोफेसर डॉ. नीलम शर्मा ने सम्मेलन को सुव्यवस्थित किया। सम्मेलन का उद्देश्य शारीरिक शिक्षा और खेल के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण के ज्ञान को बढ़ाना करना था।
इसने विशेषज्ञों और अभ्यासकर्ताओं को विषय पर अपनी अंतर्दृष्टि, अनुभव और नवीनतम शोध निष्कर्ष साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। प्रतिभागियों को प्रश्न पूछने और वक्ताओं के साथ चर्चा में शामिल होने का भी अवसर मिला। 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं, जिसमें समाज में मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को उजागर करते हुए उपचार के बारे में भी बताया गया है।