मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की अनुसूचित जातियों के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। इसी के अंतर्गत काम करते हुए दविन्दर कौर बेटी झंडा सिंह जि़ला लुधियाना और अमृत कौर बेटी हरजीत सिंह जि़ला पटियाला का नकली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट सरकार स्तर पर गठित राज्य स्तरीय स्करूटनी समिति द्वारा रद्द कर दिया गया है।
अधिक जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक संबंधी मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ज्वाइंट डायरैक्टर होम्योपैथिक के पत्र की कॉपी भेजते हुए लिखा गया था कि डॉ. दविन्दर कौर बेटी झंडा सिंह जोकि जन्म से लोहार जाति से सम्बन्ध रखती थी, परंतु उसके द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ विवाह करवाने के उपरांत अपने पति के नाम पर अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट प्राप्त किया, जिसके आधार पर उसके द्वारा होम्योपैथिक मेडिकल अफ़सर के तौर पर सरकारी नौकरी हासिल की गई।
इसी तरह ही डॉ. अमृत कौर पुत्री हरजीत सिंह पटियाला की निवासी थी और जन्म से अरोड़ा जाति से सम्बन्ध रखती थी। उसके द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ विवाह करवाने के उपरांत अपने पति के नाम पर अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट प्राप्त किया गया था, जिसके आधार पर उसके द्वारा होम्योपैथिक मेडिकल अफ़सर के तौर पर नौकरी हासिल की गई थी।
मंत्री ने आगे कहा कि पड़ताल रिपोर्ट में सामने आया है कि अनुसूचित जाति का लाभ वह व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता है जो जन्म से अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखता हो। परंतु इन दोनों मामलों में अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ विवाह करवाने के उपरांत हासिल किया गया है, जोकि किसी भी तरह के लाभ के लिए वैध नहीं है।
जिस कारण राज्य स्तरीय स्करूटनी समिति द्वारा इनके विरुद्ध बनती कार्यवाही करने की रिपोर्ट विभाग को सौंपी गई है। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य स्तरीय स्करूटनी समिति की कार्यवाही रिपोर्ट डिप्टी कमिश्नर पटियाला और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भेजते हुए दोषियों के विरुद्ध बनती कार्यवाही करने के लिए लिखा जा चुका है।