उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांदरबल जिले की विकास प्रगति की समीक्षा हेतु एक बैठक की अध्यक्षता की।उपराज्यपाल ने गांदरबल जिले में चल रहे कार्यों और केंद्रीय और केंद्रशासित प्रदेश योजनाओं के कार्यान्वयन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि निजी खिलाड़ी किसी भी क्षेत्र के आर्थिक विकास में प्रमुख हितधारक होते हैं।
उन्होंने जिला प्रशासन से उद्योग सहायता केंद्र के माध्यम से संभावित निवेशकों को सुविधा प्रदान करने और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने में स्थानीय लोगों को सहायता प्रदान करने को कहा।विभिन्न युवा-उन्मुख और रोजगार सृजन योजनाओं के तहत प्रगति पर, उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिले के युवा सरकार की स्वरोजगार और आजीविका सृजन योजनाओं और कार्यक्रमों से जुड़े हों। उन्होंने कहा कि एक व्यापक जिला रोजगार योजना लागू की जानी चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि स्थानीय लोगों की आर्थिक वृद्धि के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सोनमर्ग को पूरे साल पर्यटकों के लिए सुलभ बनाने के लिए हर संभावना तलाशी जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि समग्र कृषि विकास कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन और सहकारिता को बढ़ावा देना किसान परिवारों के जीवन में समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण कारक साबित होगा।
उपराज्यपाल ने जिले में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं में संचालित कामकाज और गतिविधियों का मूल्यांकन किया और छात्रों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।उपराज्यपाल ने प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को टयुब्रक्युलोसिस मुक्त गांदरबल के लिए एक कार्य योजना बनाने और मिशन मोड पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने आयुष्मान भव अभियान और पीएम विश्वकर्मा योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भी निर्देश दिये।
उपायुक्त गांदरबल श्यामबीर ने किसान संपर्क अभियान, ओडीओपी गांदरबल (विलो विकर), जिला उद्योग केंद्र गांदरबल आदि सहित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत पंजीकृत विकास गतिविधियों और प्रगति का अवलोकन दिया।बैठक में डीडीसी अध्यक्ष गांदरबल सुश्री नुजहत इश्फाक, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मनदीप कुमार भंडारी, संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय बिधूड़ी तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी भी षामिल हुए।