Tuesday, 03 October 2023

 

 

खास खबरें उपराज्यपाल ने श्रीनगर में कर्नाटक के प्रमुख लोक नृत्यों की प्रस्तुति वाले संस्कृति महोत्सव में भाग लिया शीतल नंदा ने लोअर रूपनगर में ‘‘व्योम‘‘ बाल विकास केंद्र का उद्घाटन किया उपराज्यपाल ने ‘कैशलेस पंचायत‘ का उद्घाटन किया, जम्मू-कश्मीर की ग्राम पंचायतों में लेनदेन हेतु भीम-यूपीआई मोड को अपनाया गया उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांधी जयंती के केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय समारोह को संबोधित किया, राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की उपराज्यपाल ने श्रीनगर के नागरिक सचिवालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा और चरखा स्थापना का अनावरण किया जिला सांबा में भूमिहीन पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को भूमि आवंटन आदेश सौंपे गए डीडीसी अध्यक्ष, डीसी सलोनी राय ने उधमपुर में भूमिहीन पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को पट्टा आदेश वितरित किए मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार ने प्रेरणादायक यात्रा के अंतिम गंतव्य जम्मू में शांति यात्रा को हरी झंडी दिखाई उपायुक्त ने डोडा वन संभाग द्वारा आयोजित पर्यावरण रैली का नेतृत्व किया मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने सिडको बडगाम में भू-विज्ञान संग्रहालय का ई-उद्घाटन किया अनछुए पर्यटक स्थलों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा : केवल सिंह पठानिया दिव्यांगजन को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार वचनबद्ध : ब्रम शंकर जिंपा राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की शमा सिकंदर ने स्वच्छ भारत अभियान में शामिल होकर एक मिसाल पेश की सरूप रानी राजकीय महिला महाविद्यालय अमृतसर में स्वच्छ भारत अभियान मनाया केंद्र से मिले सहयोग पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही राजनीति ठीक नहीं : जयराम ठाकुर पंजाब के सरकारी अस्पतालों में होंगी प्राईवेट अस्पतालों के समान सहूलतें ब्रम शंकर जिम्पा द्वारा पंजाब की 24 पंचायतों को ‘उत्तम पिंड’ का राज्य स्तरीय अवार्ड मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनके जन्म दिवस के अवसर पर श्रद्धा-सुमन भेंट किये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गांधी जयंती पर नगर निगम शिमला को दिए चार गारबेज कॉम्पेक्टर्स एलपीयू द्वारा शारीरिक शिक्षा और स्पोर्ट्स के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

 

मुख्यमंत्री भगवंत मान की हरियाणा के मुख्यमंत्री को साफ इंकार; ‘‘पंजाब यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी कोई हिस्सेदारी’’

यूनिवर्सिटी का दर्जा बदलने की कोशिशों को राज्य सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी

Bhagwant Mann, AAP, Aam Aadmi Party, Aam Aadmi Party Punjab, AAP Punjab, Government of Punjab, Punjab Government, Punjab, Chief Minister Of Punjab, Gurmeet Singh Meet Hayer, Harjot Singh Bains, No Share In Panjab University
Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

चंडीगढ़ , 05 Jun 2023

पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के राज्य की भावनात्मक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और समृद्ध विरासत का हिस्सा होने का दावा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि उनको क्षेत्र की इस शीर्ष शैक्षिक संस्था यूनिवर्सिटी में हरियाणा के हिस्से की ज़रूरत नहीं है। यहां पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हरियाणा के किसी भी कालेज को यूनिवर्सिटी से मान्यता नहीं दी जायेगी और न ही यूनिवर्सिटी की सैनेट में पिछले दरवाज़े से दाखि़ले के लिये हरियाणा के किसी यत्न को कामयाब होने दिया जायेगा।“

मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि यूनिवर्सिटी के दर्जे को बदलने के लगातार यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हितों के मद्देनज़र सरकार ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगी। 

भगवंत मान ने कहा कि राज्य के 175 कालेज इस यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त हैं, जिस कारण पंजाब की कई पीढ़ियां इससे भावनात्मक तौर पर जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी पंजाब और इसकी राजधानी चंडीगढ़ के विद्यार्थियों को शिक्षा देती है। 

यूनिवर्सिटी के इतिहास, मूल, सामाजिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों और पंजाब के इस यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और अध्यापकों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी का कानूनी और प्रशासकीय दर्जा पहले की तरह ही रहना चाहिए। उन्होंने याद करवाया कि साल 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के समय इस यूनिवर्सिटी को पंजाब पुनर्गठन एक्ट की धारा 72 (1) के अंतर्गत ’इंटर स्टेट बॉडी कॉर्पोरेट’ घोषित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना से लेकर अब तक पंजाब में निरंतर काम कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि विभाजन के बाद इसको पंजाब की तत्कालीन राजधानी लाहौर तबदील किया गया, उसके बाद होशियारपुर और फिर पंजाब की मौजूदा राजधानी चंडीगढ़ में तबदील कर दिया गया था। 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी का पूरा अधिकार-क्षेत्र मुख्य तौर पर पंजाब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट, 1966 की धारा 72 की उप धारा (4) के अनुसार, यूनिवर्सिटी को रख-रखाव घाटे की ग्रांटें को सम्बन्धित राज्यों भाव पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के यू. टी. प्रशासन में क्रमवार 20ः 20ः 20ः 40 के अनुपात में सांझा और अदा किया जाना था। 

उन्होंने कहा कि 1970 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसी लाल ने अपनी मर्ज़ी से यूनिवर्सिटी में से अपने राज्य का हिस्सा वापस ले लिया था और 1973 में भी हरियाणा ने अपने सैनेट के सदस्यों को यूनिवर्सिटी से वापस बुला लिया था। भगवंत मान ने कहा कि तब से पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को क्रमवार 40ः 60 के अनुपात में रख-रखाव घाटे की ग्रांटों का भुगतान करने की वित्तीय ज़िम्मेदारी उठाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के पीछे हटने और राज्य में नयी यूनिवर्सिटियों के निर्माण के कारण बढ़े वित्तीय बोझ के बावजूद पंजाब ने यूनिवर्सिटी के साथ राज्य निवासियों की ऐतिहासिक और भावनात्मक सांझ यकीनी बनाये रखने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी को समर्थन देना जारी रखा। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी को होस्टलों के निर्माण के लिए 49 करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि इसकी कोई माँग भी नहीं की गई थी। 

भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार यूनिवर्सिटी के सर्वांगीण विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी के अंतरराज्यीय दर्जे को बरकरार रखने के लिए हर कदम उठाया जायेगा और किसी को भी इसमें कोई तबदीली नहीं करने दी जायेगी। 

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के हित बिकाऊ नहीं हैं, जिसको कोई भी पैसो देकर खरीद लेगा। भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा सरकार की तरफ से यूनिवर्सिटी को ग्रांटों का हिस्सा देने का प्रस्ताव पूरी तरह अस्वीकार्य और अनुचित है।

मुख्यमंत्री ने हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा राज्य की सभी यूनिवर्सिटियों के उप कुलपतियों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने एक पत्र के द्वारा यूनिवर्सिटियों को फंड देने से असमर्थता अभिव्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस पत्र में यूनिवर्सिटियों को अपने स्तर पर संसाधन जुटाने के लिए कहा गया जबकि दूसरी तरफ़ हरियाणा पंजाब यूनिवर्सिटी में हिस्सा डालने के लिए उत्सुक है जो इस राज्य के नापाक इरादों को दर्शाता है। 

भगवंत मान ने कहा कि कोई राज्य जो अपनी यूनिवर्सिटियों का प्रबंध करने के समर्थ नहीं है, वह पंजाब यूनिवर्सिटी जैसी बड़े रुतबे वाली यूनिवर्सिटी को अपनी तरह से कब तक कैसे फंड दे सकता है, जब तक कोई बड़ी एजेंसी उसके लिए गुप्त तरीके से फंडों की व्यवस्था नहीं करती। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान को दो पत्र लिख कर कहा था कि यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। 

पंजाब यूनिवर्सिटी के स्वरूप में किसी भी तरह की तबदीली को रोकने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य और यहाँ के लोगों के हकों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाब की विरासत का प्रतीक है और राज्य के नाम का पर्यायी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी के मूल स्वरूप को बरकरार रखने के लिए 30 जून, 2022 को पंजाब विधान सभा में एक प्रस्ताव भी पास किया गया था तो यूनिवर्सिटी की सैनेट में किसी भी किस्म की घुसपैठ को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा के लोगों के किसी तरह खि़लाफ़ नहीं है और यह तथ्य भी रिकार्ड पर हैं कि यूनिवर्सिटी में 35 प्रतिशत विद्यार्थी हरियाणा के हैं। 

भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हरियाणा अपनी यूनिवर्सिटी को कहीं भी बनाने के लिए आज़ाद है परन्तु उनको पंजाब यूनिवर्सिटी का हिस्सा नहीं बनने दिया जायेगा। अकाली और कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुये मुख्यमंत्री ने राज्य और इसके लोगों की पीठ में छुरा घोंपने के लिए इनकी सख़्त निंदा की। 

उन्होंने कहा कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल ने 26 अगस्त, 2008 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय दर्जा देने की माँग की थी। भगवंत मान ने कहा कि इससे भी आगे जाकर अकाली दल की सरकार ने इस प्रमुख संस्था को केंद्रीय यूनिवर्सिटी में तबदील करने के लिए केंद्र सरकार को कोई ऐतराज़ न होने का पत्र भी जारी किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली नेता किस आधार पर अपनी छाती ठोक रहे हैं जबकि हर कोई जानता है कि उन्होंने पंजाब और इसके लोगों के हितों के विरुद्ध काम किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय यूनिवर्सिटी के लिए एन. ओ. सी. देना देश द्रोह वाला कदम है जिसका उद्देश्य यूनिवर्सिटी पर राज्य के दावे को कमज़ोर करना था। 

भगवंत मान ने कहा कि अकाली दल को इस मुद्दे पर एक भी शब्द कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं और पार्टियों ने हमेशा राज्य के हितों को खतरे में डाल कर अपने हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुद्दे पर कांग्रेस और अकाली दल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। 

उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि हरियाणा की एक महिला कांग्रेसी विधायक ने अगस्त, 2022 में राज्य के कालेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी की मान्यता देने के लिए अपने राज्य की विधान सभा में प्रस्ताव पेश किया था। भगवंत मान ने कहा कि यह दोनों पार्टियाँ पाखंड करती हैं, जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए राज्य के हितों की हमेशा अनदेखी की है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और हरजोत बैंस, मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेनूप्रसाद, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और अतिरिक्त विशेष प्रमुख सचिव हिमांशु जैन और अन्य उपस्थित थे।

 

Tags: Bhagwant Mann , AAP , Aam Aadmi Party , Aam Aadmi Party Punjab , AAP Punjab , Government of Punjab , Punjab Government , Punjab , Chief Minister Of Punjab , Gurmeet Singh Meet Hayer , Harjot Singh Bains , No Share In Panjab University

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD