मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 12वीं शासी निकाय की बैठक को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों के साथ ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की सुविधा का विस्तार करने पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस सेवा को एक महीने के भीतर जनता को उपलब्ध कराने हेतु काम करने के लिए कहा।
बैठक में प्रमुख सचिव जल शक्ति, आयुक्त सचिव आरडीडी, आयुक्त सचिव समाज कल्याण, सचिव स्वास्थ्य, एमडी एनएचएम, प्राचार्य जीएमसी श्रीनगर/जम्मू, निदेशक एमसीएच एंड आई, निदेशक स्वास्थ्य कश्मीर/जम्मू, निदेशक आयुष के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी भी षामिल हुए।
डॉ. मेहता ने कहा कि देश के कई प्रमुख अस्पतालों में मरीजों को पूर्व ऑनलाइन अपॉइंटमेंट दिया जाता है और अस्पताल में आने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विभाग को अपनी प्रणाली को इसके साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता है। उन्होंने उन्हें उपलब्ध सबसे सरल और कुशल प्रणाली अपनाने के लिए कहा।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को रोगी के इतिहास और अन्य विरासत डेटा को डिजिटाइज करने के लिए भी कहा, ताकि चैबीसों घंटे इसकी पहुंच हो सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों के डेटा का अभिसरण प्रत्येक व्यक्ति के लिए जन्म से लेकर आज तक के सभी स्वास्थ्य विवरणों को शामिल करते हुए एक डेटाबेस बना सकता है।
उन्होंने उनसे यूटी में यहां सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के 100 प्रतिषत डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करने का उद्देश्य बनाने का आग्रह किया। इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य भूपिंदर कुमार और एमडी एनएचएम आयुषी सूदन दोनों ने विभाग के कामकाज, विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जम्मू-कश्मीर का विस्तृत विवरण दिया।
यह बताया गया कि जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त संख्या में क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस तैनात की गई हैं और लोगों को 24 घंटे परेशानी मुक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए 108 कॉल सेंटर के साथ एकीकृत किया गया है।
इसके अलावा, यह बताया गया कि 2018-19 से पिछले 5 वर्षों से धन के उपयोग में प्रत्येक गुजरते साल के साथ उत्तरोत्तर वृद्धि देखी गई है।
शासी निकाय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1441.60 करोड़ रुपये के राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन कार्यक्रम (एसपीआईपी) की पुष्टि करने, एनएचएम के प्रस्तावों, कोविड आवश्यक निदान और दवाओं की खरीद, जिला अस्पतालों और सीएचसी से तृतीयक देखभाल अस्पतालों तक एचएमआईएस (ई-सहज) जैसे आईटी हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन, मिशन के कामकाज को सुचारू और कुशल बनाने हेतु मौजूदा श्रम कानूनों और अन्य मानव संसाधन संबंधी मुद्दों के अनुसार अनुबंधित महिला कर्मचारियों के पक्ष में मातृत्व अवकाश पर भी चर्चा की।