स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) पंजाब द्वारा टैगोर ऑडिटोरियम में नान-प्राफिट संगठन स्लैम आउट लाउड के सहयोग से 'कला सथ' कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें साहिबजादा अजीत सिंह नगर जिले के सरकारी स्कूल के बच्चों ने कविता, रंगमंच, गीत और अन्य कलात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया।
स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस समागम की अध्यक्षता की । तीन घंटे का कार्यक्रम राज्य के सरकारी स्कूलों के 10 से 14 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों के लिए साल भर चले कार्यक्रम की समाप्ती के रूप में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में संचार, आत्मसम्मान, सहानुभूति और महत्वपूर्ण सोच जैसे सामाजिक, भावनात्मक, प्रशिक्षण और रचनात्मक कौशल को उत्साहित करना है।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों में आत्म-विश्वास जगाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए बहुत प्रेरणादायक था, जिसमें युवाओं ने अपनी बेमिसाल प्रतिभा और जुनून का प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि रचनात्मक कौशल की प्रदर्शनी के लिए 'कला सथ' जैसे प्रोग्राम प्रत्येक बच्चे की आंतरिक सामर्थता को बाहर लाने में मदद करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। स. बैंस ने सरकारी स्कूली बच्चों के बीच कलात्मक कौशल को बढ़ावा देने के लिए एसईसीईआरटी पंजाब और स्लैम आउट लाउड के प्रयासों की प्रशंसा की।
स बैंस ने कला आधारित शिक्षा को मुख्य कोर्स का हिस्सा बनाने के महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कक्षाओं में रचनात्मक कौशल को लगातार बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इसमें बच्चों को प्रेरित करने और उन्हें सफल व्यक्तित्व में ढालने की काफी सामर्थता है।
इस कार्यक्रम के दौरान लोक नृत्य लुड़ी, गिद्धा, भांगड़ा सहित कुल 17 प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें विद्यार्थियों ने अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने पंजाब की प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न प्रस्तुतियां दी।
विचार-प्रेरक कविता पाठ और मनमोहम नाटक प्रदर्शन के माध्यम से, छात्रों ने जलवायु परिवर्तन, लैंगिक असमानता और सामाजिक न्याय के मुद्दों को छुआ, जिसकी दर्शकों ने खूब प्रशंसा की। एससीईआरटी पंजाब और स्लैम आउट लाउड का सहयोगात्मक प्रयास पंजाब में कला शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की दिशा में पहला कदम है और इसका उद्देश्य कोर्स में कला-आधारित शिक्षा शास्त्र को शामिल कर बच्चों को सशक्त बनाना है।