सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर की अध्यक्षता अधीन आज अरली चाईलडहुड्ड केयर एंड एजुकेशन (ई. सी. सी. ई.) कौंसिल की हुई अहम मीटिंग में बच्चों के लिए प्ले वे स्कूलों की रजिस्ट्रेशन को नियमित करने के लिए एक पोर्टल तैयार करने के साथ-साथ राज्य में ई. सी. सी. ई. नीति को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के बारे सलाह देने के लिए एक तकनीकी हिस्सेदार को नियुक्त करने के लिए रास्ता साफ किया गया।
कौंसिल ने प्ले वे स्कूलों की रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन फीस 5000 रुपए निर्धारित की है और इस तरह जमा करवाई गई फीस की रकम राज्य के खजाने में जमा करवाई जायेगी।आंगणवाड़ी केन्द्रों को प्ले वे स्कूलों में तबदील करने के लिए ग़ैर-सरकारी संस्था प्रथम की मदद से उपरोक्त संस्था और मीराखी फाउंडेशन के साथ ग़ैर-वित्तीय किस्म का एक समझौता सहीबद्ध किया जायेगा।
यह समझौता 2000 आंगणवाड़ी केन्द्रों को प्ले वे स्कूलों में विकसित करने के इलावा प्ले वे स्कूलों और अन्य ईसीसीई अदारों की रजिस्ट्रेशन के बारे सलाह परामर्श देगा।ई. सी. सी. ई. काउंसिल द्वारा ई. सी. सी. ई. कोर्स को सही ढंग से लागू करने को यकीनी बनाने के लिए आंगणवाड़ी वर्करं के लिए एक ट्रेनिंग कैलंडर तैयार करने के लिए राज्य शैक्षिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एस. सी. ई. आर. टी.) को निर्देश देने के लिए विचार-विमर्श किया गया।
कौंसिल ने नयी शिक्षा नीति, 2020 के मद्देनज़र राज्य की ईसीसीई नीति में ज़रूरी तबदीलियाँ करने के लिए शिक्षा विभाग और सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की एक सांझी कमेटी बनाने के लिए भी सहमति दे दी है। ज़रूरी संशोधन करने के उपरांत अपडेट नीति 31 जुलाई, 2023 तक तैयार की जानी है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि 0-6 साल का समय हर बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जब उसे शारीरिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता की सबसे अधिक ज़रूरत होती है क्योंकि यह उनके भविष्य की नींव रखता है। इस संदर्भ में, ई. सी. सी. ई. एक सुरक्षात्मक वातावरण में सेहत देखभाल, पोषण, प्ले वे और शुरुआती सीखने के पहलूओं पर ज़ोर देता है जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद लाभदायक है।