उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उधमपुर में संत ईश्वर फाउंडेशन के परिसर का उद्घाटन किया और भारतीय विद्या मंदिर विद्यालय के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित किया।उपराज्यपाल ने सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में अपार योगदान और ग्रामीण तथा हाशिए पर रहने वाले समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संत ईश्वर फाउंडेशन की सराहना की।
उपराज्यपाल ने कहा “खैराती लाल खन्ना जी द्वारा स्थापित संत ईश्वर फाउंडेशन गरीब और जरूरतमंद लोगों की आजीविका में सुधार करने हेतु देखभाल कर रहा है। उधमपुर में फाउंडेशन द्वारा संचालित भारतीय विद्या मंदिर 20 गांवों के बच्चों की शैक्षिक स्थिति को सशक्त और बेहतर बना रहा है।’’ उपराज्यपाल ने भविष्योन्मुख, मूल्य-आधारित और आकांक्षात्मक शिक्षा प्रणाली को अपनाने के लिए शिक्षण समुदाय और शैक्षणिक संस्थानों पर जोर दिया।
इसके अतिरिक्त उपराज्यपाल ने कहा ‘‘शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली साधन है। हमारे लड़कों और लड़कियों के लिए अपने व्यक्तित्व को समृद्ध करने हेतु, अपने स्कूल के समय से ही, वैज्ञानिक स्वभाव, महत्वपूर्ण सोच, ज्ञान और मूल्यों को विकसित करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सर्वांगीण विकास, परिवार और समाज की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करती है। शिक्षा राष्ट्र के विकास का प्रमुख स्तंभ है। संत ईश्वर फाउंडेशन के प्रयास, निस्वार्थ सेवा के प्रति उनका समर्पण और प्रतिबद्धता समृद्धि का मार्ग दिखा सकती है और आर्थिक विकास में योगदान दे सकती है।”
उपराज्यपाल ने भारत को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।इससे पहले, उपराज्यपाल ने उन छात्रों से बातचीत की, जिन्होंने रोबोटिक्स पर आधारित अपने मॉडल और प्रोटोटाइप प्रदर्शित किए।
भारतीय विद्या मंदिर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर, सांसद जुगल किशोर शर्मा, डीडीसी अध्यक्ष उधमपुर लाल चंद, ट्रस्टी सुरिंदर मोहन तथा संत ईश्वर फाउंडेशन के अध्यक्ष कपिल खन्ना, प्रमुख नागरिक, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे।