प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जम्मू और कश्मीर डॉ. मोहित गेरा तथा अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जम्मू बी.एम. शर्मा ने जम्मू वेस्ट सर्किल के वन क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने रियासी वन प्रभाग की कटरा रेंज और माहौर वन प्रभाग सहित वन-आग की तैयारी और क्षति निवारण उपायों की समीक्षा की।दौरे के दौरान, वेस्ट सर्किल और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने जंगल की आग को रोकने हेतु अपने उपायों और तैयारियों को प्रस्तुत किया।
सहायक वन संरक्षक विनय खजुरिया ने सीईओ, एसएमवीडीएसबी, कटरा का प्रतिनिधित्व करते हुए, टीम को विभिन्न उपायों के बारे में बताया जैसे कि आग पर नियंत्रण, फायर लाइन बनाना, स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता फैलाना, चीड़ पाइन सुइयों को इकट्ठा करना, मार्ग के दोनों तरफ झाड़ियों को साफ करना आदि। ट्रैक पर रेन गन लगाने की भविष्य की योजना पर भी चर्चा की गई।
रेंज ऑफिसर कटरा और रेंज ऑफिसर रियासी फॉरेस्ट डिवीजन ने बताया कि उन्होंने बड़े पैमाने पर फायर लाइन बनाने और आग पर नियंत्रण किया है, और रियासी वन डिवीजन के जंगलों में जंगल की आग को रोकने हेतु वन सुरक्षा बल, पुलिस विभाग, एसएमवीडीएसबी, कटरा अधिकारियों के साथ समन्वय किया गया है। जंगल की आग की रोकथाम के बारे में जागरूकता शिविर और जंगल में आग लगाने के लिए दंडात्मक कार्रवाई भी नियमित रूप से आयोजित की जा रही है।
डॉ. गेरा ने कंथन वन प्रखंड में वन रक्षक हट का उद्घाटन किया और पीआरआई सदस्यों से बातचीत की। बाद में, जम्मू-कश्मीर सरकार के ‘हर गाँव हरियाली‘ अभियान के आलोक में स्थानीय जनता के बीच विभिन्न प्रजातियों के पौधों का वितरण किया गया। डा. गेरा और उनकी टीम ने वन क्षेत्र के कर्मचारियों से बातचीत कर वन क्षति की जांच करने और जंगल की आग को रोकने पर चर्चा हेतु माहौर वन प्रभाग का दौरा किया।
डॉ. गेरा ने वेस्ट सर्किल के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया और जम्मू-कश्मीर की हरित संपदा की रक्षा और संरक्षण हेतु और अधिक केंद्रित प्रयासों का आह्वान किया। जम्मू-कश्मीर वन विभाग और उसकी सहयोगी शाखाओं ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 150 लाख से अधिक पौधे सफलतापूर्वक लगाए हैं। जम्मू-कश्मीर वन विभाग आगामी वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक ग्रामीण और शहरी परिवारों को पौधे वितरित करने की योजना बना रहा है।
विभाग जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन और जनजातीय मामलों के विभाग के सहयोग से नई शुरू की गई गैर-लकड़ी वन उपज नीति के तहत आजीविका के अवसर पैदा करने हेतु प्रतिबद्ध है।इसके अतिरिक्त, जनता और स्कूल/कॉलेज के छात्रों को सामूहिक रूप से शामिल करके नगरवन परियोजनाएँ, जल निकायों/वन्यजीव क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण और प्लास्टिक मुक्त वन अभियान चलाए जा रहे हैं।