Wednesday, 07 June 2023

 

 

खास खबरें सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा 'सिख ऑफ द ईयर अवार्ड' से सम्मानित स्पीकर कुलतार सिंह संधवां द्वारा विधान सभा की विभिन्न कमेटियां गठित, नोटिफिकेशन जारी ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ बुधवार को 97वें दिन में पहुंची मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा एक साल के अंदर 35वां जच्चा-बच्चा देखभाल केंद्र लोगों को समर्पित मॉक ड्रिल को पूरी गंभीरता से लें अधिकारी - जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल होशियारपुर में मस्जिदों व मदरसों को 14.25 लाख रुपए के विकास फंड किए जारी: एम.एफ. फारुकी पंजाब सरकार ने प्रदेश में एक वर्ष में 29 हजार से ज्यादा नौजवानों को दिया रोजगार: ब्रम शंकर जिंपा प्रदेश सरकार उद्यमियों को निवेश अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए वचनबद्ध: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहुल चाबा ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(सामान्य) का पद्भार संभाला ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने 134 कर्मचारियों को सौंपे नियुक्ति पत्र कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने गांव बूथगढ़ में 82 लाख रुपए की लागत से विकास कार्यों की करवाई शुरुआत प्लास्टिक कम करो, पर्यावरण बचाओ थीम के तहत पर्यावरण दिवस मनाया गया पंजाब सरकार द्वारा रेत/बजरी को सस्ते भाव पर यकीनी बनाने के लिए 34 माइनिंग कलस्टर जल्द किये जाएंगे लोगों को समर्पित कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने हलका खरड़ के गाँवों को विकास कामों के लिए 83 लाख रुपए की ग्रांटें की जारी नई खेल नीति पंजाब में खेल संस्कृति के पुनरूद्धार को बढ़ावा देगी : मीत हेयर परिवहन मंत्री द्वारा मिनी और बड़े प्राईवेट बस ऑपरेटरों के साथ मीटिंग, टाईम-टेबल की कमियां जल्द दूर करने का भरोसा योगी आयुर्वेद द्वारा रक्तदान कैम्प आयुर्वेद कैंप व लंगर आयोजित मोटे अनाज को बढ़ावा देने में योगदान दें कृषि विश्वविद्यालय: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय इंडियन स्पाइडर मैन (माइल मोरालेस) उर्फ कौस्तुव घोष ने 'अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स' के हिंदी डब वर्जन से सब को किया चकित मीलट अभियान को आगे बढ़ाने में कृषि विवि का योगदान महत्वपूर्णः शिव प्रताप शुक्ल

 

पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Supreme Court, The Supreme Court Of India, New Delhi, Prevention of Money Laundering Act

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

नई दिल्ली , 28 Mar 2023

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 50 और धारा 63 को संविधान के दायरे से बाहर घोषित करने की मांग की गई है। धारा 50 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को किसी आरोपी को बुलाने और बयान दर्ज करने की शक्ति देती है, जो कानून की अदालत में स्वीकार्य साक्ष्य है। 

मध्य प्रदेश में एक कांग्रेस विधायक, याचिकाकर्ता गोविंद सिंह का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिका पीएमएलए की धारा 50 और 63 को चुनौती देती है और मामला एक ईसीआईआर से संबंधित है, जिसमें व्यक्ति को यह भी पता नहीं चलेगा कि उसे किस हैसियत से बुलाया गया है। 

याचिका में सिंह को जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को भी चुनौती दी गई है। जस्टिस संजय किशन कौल, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और अरविंद कुमार की पीठ ने याचिका पर भारत संघ और ईडी को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया। 

अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है : "मुख्य रूप से चुनौती इस पर आधारित है कि पीएमएलए के प्रावधान प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को अधिनियम की धारा 50 के तहत किसी भी व्यक्ति को अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाने की अनुमति देते हैं। 

उस व्यक्ति का इस तरह के बयानों में सच न बोलना संविधान के अनुच्छेद 20(3) और 21 का उल्लंघन है।"दलील में कहा गया है कि याचिकाकर्ता शीर्ष अदालत के हालिया फैसले से अवगत है, जिसमें विजय मदनलाल चौधरी और अन्य के मामले में पीएमएलए की धारा 50 की चुनौती को खारिज कर दिया गया है। 

याचिका में कहा गया है, "हालांकि, याचिकाकर्ता के पास इस देश का एक सूचित नागरिक होने के नाते यह आग्रह करने के लिए कुछ आधार हैं कि विजय मदनलाल (सुप्रा) के मामले में लिए गए निर्णय के आधार पर इस याचिका में उठाया गया मुद्दा संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के संदर्भ में बड़ी संवैधानिक पीठ द्वारा विचार किए जाने के लायक है।"

याचिका में तर्क दिया गया कि धारा 50 संविधान के अनुच्छेद 20 (3) के तहत निहित आत्म-दोष को नजरअंदाज करना मौलिक अधिकार का सीधा का हनन है। याचिका में कहा गया है : "याचिकाकर्ता को ईसीआईआर की एक प्रति नहीं दी गई है, न ही याचिकाकर्ता को इसका कोई विवरण प्रदान किया गया है, इसलिए याचिकाकर्ता यहां जांच के दायरे से पूरी तरह से अनजान है, जिसके संबंध में याचिकाकर्ता को प्रतिवादी संख्या 2 (ईडी) द्वारा बुलाया जा रहा है।"

याचिका में कहा गया है कि ईसीआईआर का खुलासा न करने या ईडी की जांच को वापस लेने से लगातार जांच हो सकेगी, जिसकी कानूनन अनुमति नहीं है। याचिका में आगे कहा गया है, "समन किए जा रहे व्यक्ति को यह सूचित नहीं करना कि उसे किस हैसियत से समन किया जा रहा है, मौलिक अधिकारों और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की योजना का उल्लंघन है। 

प्रत्येक आपराधिक कानून को निष्पक्षता की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए।"याचिकाकर्ता ने पीएमएलए की धारा के तहत उसके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की भी मांग की। पिछले साल 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने 27 जुलाई, 2022 के पीएमएलए फैसले की समीक्षा करने पर सहमति जताई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती में शामिल संपत्ति की कुर्की के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम के तहत बरकरार रखा गया था। 

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दो मुख्य चिंताएं हैं - गिरफ्तारी के समय अभियुक्तों को ईसीआईआर प्रदान न करना और निर्दोषता की धारणा को नकारना। शीर्ष अदालत ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

 

Tags: Supreme Court , The Supreme Court Of India , New Delhi , Prevention of Money Laundering Act

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD